रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट (Rapid antibody test)
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट की मदद से इंफेक्शन का पता लगाया जाता है। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट क्लस्टर और हॉटस्पॉट इलाकों में तेजी से किया जा रहा है, ताकि संक्रमित लोगों की जानकारी जल्द से जल्द मिल सके और अगर कोरोना वायरस से इन्फेक्सटेड व्यक्ति मिलते हैं, तो उनका जल्द से जल्द मौजूदा इलाज किया जा सके। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट का उत्पादन भारत में ही किया जा रहा है।
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इन टेस्ट के अलावा लगातार स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोरोना वायरस के संक्रमण को कैसे खत्म किया जाए इस पर रिसर्च कर रहें हैं। हालही में लंदन के अस्पतलों से यह खबर सामने आई थी की आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) दवा की मदद से संक्रमित लोगों का इलाज किया जा सकता है। क्योंकि इस दवा से बुखार और बॉडी पेन से राहत मिलने के साथ-साथ सांस संबंधित परेशानी भी दूर हो सकती है। हालांकि हेल्थ से जुड़े साइंटिस्ट मानते हैं कि आइब्रुफेन से कोरोना का इलाज संभव नहीं है। दरअसल आइब्रुफेन जब महामारी की शुरुआत हुई थी तब इसका प्रयोग किया गया था।
वहीं आइबूप्रोफेन के अलावा पेरासिटामोल (Paracetamol) की चर्चा भी सामने आई। साउथहेम्प्टन विश्वविद्यालय के प्राइमरी केयर द्वारा किया गए रिसर्च के अनुसार आइबूप्रोफेन और पेरिसिटामोल दवा की अपनी अलग-अलग खासियत है। आइबूप्रोफेन जब किसी पेशेंट की परेशानी अत्यधिक बढ़ जाती है तब दी जाती है। इसलिए नॉर्मल फीवर होने पर इसका सेवन नहीं किया जाता है। आइबूप्रोफेन या पेरिसिटामोल में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी मौजूद होने के कारण यह पेशेंट के इम्यून पावर को कमजोर कर सकता है, जिससे मरीजों को साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।
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कोई ठोस इलाज अब तक नहीं मिलपाने की वजह से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व चिंतित है। वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) बार-बार यह चेतावनी दे रहा है की कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है और इससे सतर्क रहना ही इसके रोकथाम की कुंजी है। देखा जाए अब और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि अनलॉक 1 की घोषणा कर दी गई है। केंद्र सरकार ने कोविड-19 के कंटेनमेंट जॉन में लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि इस दौरान कई ऐसे एरिया हैं जहां पर नियम के तहत कुछ छूट दी है। ऐसी स्थिति में अगर आप बाहर जाते हैं या आपको किसी कारण घर से निकलने की जरूरत पड़ती है, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
- बाहर जाने से पहले अपने चेहरे को मास्क से कवर करें और हाथों में ग्लप्स पहने
- लिफ्ट, सीढ़ियों या किसी भी वस्तु को न छुएं। इस दौरान यह भी ध्यान रखें की लिफ्ट, सीढ़ियों, लॉक, डोर हैंडल जैसे अन्य सतहों को छूने के लिए अपने उलटे हाथ का प्रयोग करें
- सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें
- राशन की दुकान के अंदर जाने से पहले और सामान की खरीदारी के बाद और दुकान से निकले के बाद हाथों को अच्छी तरह से सेनेटाइज करना न भूलें
- संक्रमित इलाके (रेड जोन) में न जाएं
- डिजिटल पेमेंट का ऑप्शन चुने क्योंकि कैश पेमेंट की वजह से भी संक्रमण का खतरा बना रहता है।
इस बात का हमेशा ध्यान रखें की कोई भी जगह असुरक्षित हो सकती है। इसलिए अगर आप किसी भी वस्तु को छू रहें हैं, तो अपने चेहरे को टच न करें। हाथों को अच्छी तरह से 20 सेकेण्ड साफ करने के बाद ही अपने आपको सुरक्षित समझें। इसलिए अगर आप किसी भी कारण या इमरजेंसी में बाहर निकल रहें हैं, तो ऊपर बताये गए इन छे टिप्स को जरूर फॉलो करें और कोरोना के संक्रमण के फैलने और फैलाने से दूर रहें।
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कोरोना के बढ़ते पॉसिटिव मामलों की वजह से आम लोगों की परेशानी बनी हुई है। वहीं इंडियन गवर्मेंट हॉटस्पॉट्स या कन्टेनमेंट जॉन को लेकर अत्यधिक चिंतितहैं। संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है और उनके जांच और फिर उन्हें आइसोलेट करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि की CSIR के द्वारा कोविड-19 टेस्टिंग किट सफल होने पर सरकार के साथ-साथ हमसभी की परेशानी कम हो सकती है।
अगर आप कोविड-19 टेस्टिंग किट या इस बीमारी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।