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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी दिए थे पॉजिटिव संकेत
क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे फेज में एंटी-वायरल दवा रेमडेसिवीर के सकारात्मक परिणाम सामने आए थे। जिसकी वजह से लोगों में भी कोरोना के इलाज को लेकर एक उम्मीद जग गई थी। इसके अलावा WHO ने भी रेमडेसिवीर दवा के पॉजिटिव रिजल्ट्स से कोरोना के इलाज पर उम्मीद जगाई थी।
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बीसीजी टीके और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन पर भी जारी है स्टडी
कोरोना वायरस के ट्रीटमेंट पर रेमडेसिवीर ड्रग के अलावा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन और बीसीजी वैक्सीन की उपयोगिता और प्रभावशीलता पर भी रिसर्च चल रही है। अभी हाल फिलहाल ही में हुई एक स्टडी से यह बात सामने आई है कि जिन देशों में फेफड़ों के संक्रमण (जैसे टीबी) के उपचार के लिए बीसीजी की वैक्सीन दी जा रही है, उन देशों में कोविड-19 संक्रमण के केसेस कम ही देखने को मिल रहे हैं।
साथ ही कोरोना संक्रमण के उपचार में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन ड्रग (Hydrocychloroquine drug) भी प्रभावी है। यह बात भी सामने आई थी जिसे लेकर भी ट्रायल जारी है। दरअसल, हाइड्रोक्सी कोलोरोक्वाइन एंटीमलेरियल दवा है जिसका इस्तेमाल मलेरिया के साथ अन्य स्वास्थ्य स्थितियों जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) और ल्यूपस एरिथेमेटोसस (lupus erythematosus) के इलाज में भी किया जाता है।
कोरोना वायरस के लिए होम्योपैथिक दवा
कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार को लेकर तमाम तरह की बाते और अफवाहें सामने आ रही हैं। ऐसी ही बात सामने आ रही है कि कोरोना में होम्योपैथिक दवा प्रभावी है। लेकिन, यह सच नहीं है। अभी तक इस संबंध में कोई भी शोध सामने नहीं आए हैं जिनसे यह साबित हो सके कि होम्योपैथिक दवा से कोरोना वायरस संक्रमण को रोका जा सकता है। हां, इनके सेवन से सर्दी, जुखाम को बस रोका जा सकता है, कोरोना को नहीं। कोविड-19 वायरस के कोई भी लक्षण दिखने पर होम्योपैथिक दवा या घरेलू उपचार न करें। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ही बेहतर होगा।
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कोरोना वायरस की वैक्सीन निजात करने में जुटे हैं कई देश
एक ओर जहां कोरोना वायरस पैर पसारते जा रहा है वहीं, दुनियाभर के देश कोरोना वैक्सीन की खोज में भी जोरो से लग गए हैं। चीन, अमेरिका, इटली और यूरोप जैसे तमाम देशों ने कोविड-19 वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। देश की सुरक्षा के लिए सभी सबसे पहले वैक्सीन तैयार करने में लगे हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने एक रिपोर्ट में बताया कि यदि मिलकर सही से काम किया तो हो सकता है कि अगले 12-18 महीने में कोरोना का टीका बनाने में सफल होंगे।
वहीं, सांस और फ्लू जैसी हेल्थ कंडीशंस के इलाज के लिए दवा बनाने फेमस कंपनी सिप्ला ने दावा किया है कि वह अगले छह महीनों में कोरोना वायरस का उपचार ढ़ूंढ निकालेगी। यदि ऐसा होता है तो सिप्ला कोरोना वायरस की दवा बनाने वाली सबसे पहली भारतीय कंपनी होगी। फिलहाल यह कंपनी गवर्नमेंट लैब के साथ मिलकर वायरस की दवा को बनाने में लगी हुई है।