साथ ही कोरोना संक्रमण के उपचार में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन ड्रग (Hydrocychloroquine drug) भी प्रभावी है। यह बात भी सामने आई थी जिसे लेकर भी ट्रायल जारी है। दरअसल, हाइड्रोक्सी कोलोरोक्वाइन एंटीमलेरियल दवा है जिसका इस्तेमाल मलेरिया के साथ अन्य स्वास्थ्य स्थितियों जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) और ल्यूपस एरिथेमेटोसस (lupus erythematosus) के इलाज में भी किया जाता है।
कोरोना वायरस के लिए होम्योपैथिक दवा
कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार को लेकर तमाम तरह की बाते और अफवाहें सामने आ रही हैं। ऐसी ही बात सामने आ रही है कि कोरोना में होम्योपैथिक दवा प्रभावी है। लेकिन, यह सच नहीं है। अभी तक इस संबंध में कोई भी शोध सामने नहीं आए हैं जिनसे यह साबित हो सके कि होम्योपैथिक दवा से कोरोना वायरस संक्रमण को रोका जा सकता है। हां, इनके सेवन से सर्दी, जुखाम को बस रोका जा सकता है, कोरोना को नहीं। कोविड-19 वायरस के कोई भी लक्षण दिखने पर होम्योपैथिक दवा या घरेलू उपचार न करें। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ही बेहतर होगा।
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कोरोना वायरस की वैक्सीन निजात करने में जुटे हैं कई देश
एक ओर जहां कोरोना वायरस पैर पसारते जा रहा है वहीं, दुनियाभर के देश कोरोना वैक्सीन की खोज में भी जोरो से लग गए हैं। चीन, अमेरिका, इटली और यूरोप जैसे तमाम देशों ने कोविड-19 वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। देश की सुरक्षा के लिए सभी सबसे पहले वैक्सीन तैयार करने में लगे हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने एक रिपोर्ट में बताया कि यदि मिलकर सही से काम किया तो हो सकता है कि अगले 12-18 महीने में कोरोना का टीका बनाने में सफल होंगे।
वहीं, सांस और फ्लू जैसी हेल्थ कंडीशंस के इलाज के लिए दवा बनाने फेमस कंपनी सिप्ला ने दावा किया है कि वह अगले छह महीनों में कोरोना वायरस का उपचार ढ़ूंढ निकालेगी। यदि ऐसा होता है तो सिप्ला कोरोना वायरस की दवा बनाने वाली सबसे पहली भारतीय कंपनी होगी। फिलहाल यह कंपनी गवर्नमेंट लैब के साथ मिलकर वायरस की दवा को बनाने में लगी हुई है।
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कोविड-19 के उपचार से पहले ज्यादा जरूरी सावधानी बरतना
जैसा कि आपको पता है कि देश में लॉकडाउन 5.0 के साथ कई तरह की छूट भी दी गई हैं। ऐसे में देखा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के मामले और तेजी से बढ़ रहे हैं। नतीजन, आपको और सतर्क होने की जरुरत है और अपना ध्यान पहले से और ज्यादा रखने की आवश्यकता है। इसलिए नीचे बताई गई इन बातों का ध्यान रखें-
- कोरोना से बचाव के लिए हाइजीन मेंटेन करना बहुत जरूरी है। इसलिए, हाथों को समय-समय पर साबुन से धुलें।
- लोगों से मिलते समय दो गज की दूरी बनाएं।
- आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें और जब जरूरी हो तो हाथ धुलकर ही चेहरा छुएं।
- खासते या छींकते समय ड्रॉप्लेट्स किसी और तक पहुंचे इसके लिए हैंकी या टिशू का इस्तेमाल जरूर करें।
- अगर बाहर जा रहे हों तो एल्कोहॉल बेस्ड सैनिटाइजर को साथ रखें और समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज करते रहें।
- डिस्पोजल मास्क को एक बार से ज्यादा इस्तेमाल न करें। इस्तेमाल करने के बाद इसे बंद डस्टबिन में फेंक दें।
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यह भी ध्यान रहे
कोविड-19 को खत्म करने और उससे बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ साफ-सफाई पर बहुत ध्यान देना होगा। इसके अलावा, अफवाहों पर गौर न करें सिर्फ सरकार या हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा दी गई जानकारी पर ही विश्वास करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।