कई जगह कोरोना वायरस का इलाज करने के लिए लहसुन का पानी पीने को कहा जा रहा है, तो कुछ जगह सेलाइन (saline solution) के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम करने की सलाह दी जा रही है। अनेक खबरों में अदरक और हल्दी की जड़ से भी कोरोना का इलाज करने की भी सलाह दी गई है।
आयुर्वेद में सर्दी, खांसी या बुखार जैसे रोगों के इलाज के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं। इसी कारण से लोगों को उम्मीद है कि कोरोना वायरस के कारण होने वाले फ्लू के लक्षणों के लिए भी घरेलू उपचार से कामयाबी मिल सकती है। लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के कुछ भी करना खतरनाक हो सकता है।
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कोरोना वायरस के लिए होम्योपैथिक दवा या घरेलू उपचारः होम्योपैथिक दवा से इलाज होने की झूठी खबर
कई सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस संक्रमण के लिए सबसे बेहतर उपाय होम्योपैथिक दवा को बताया गया है। लोगों को सलाह दी गई है कि कोरोना वायरस के लक्षणों से बचाव में होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल सबसे कारगर है। यहां तक कहा गया है कि होम्योपैथिक दवा से कोरोना वायरस का इलाज भी हो सकता है।
कोरोना वायरस के लिए होम्योपैथिक दवा या घरेलू उपचारःमुलेठी की जड़ से कोरोना के इलाज की अफवाह
इतना ही नहीं, कुछ अफवाहें ऐसी भी हैं कि चीन के पुराने स्कूलों और जापान के डॉक्टरों द्वारा चीन की पारंपरिक दवा टीसीएम (TCM) से कोरोना वायरस की रोकथाम पर रिसर्च हो रहे हैं। तथ्य के रूप में यह कहा गया है कि यह दवा मुलेठी की जड़ से बनी होती थी, जो संक्रामक बीमारी के कुछ लक्षणों से राहत दिलाती है।
कोरोना वायरस के लिए होम्योपैथिक दवा या घरेलू उपचारः क्या पुरानी पद्धति से बीमारी का इलाज संभव है?
यह सच है कि ऐलोपैथिक दवा से बीमारियों के इलाज की पद्धति कुछ ही साल पुरानी है, जबकि हजारों सालों से आयुर्वेदिक उपायों से रोगों का इलाज किया जा रहा है। यह भी सच है कि यह विधि कामयाब भी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या कोरोना वायरस (कोविड-19) के इलाज या बचाव में भी होम्योपैथिक दवा या घरेलू उपचार पर भरोसा किया जा सकता है और क्या इन दवाओं से कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हो सकती है? विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा नहीं हो सकता।