गले के दर्द के लिए मुलैठी
थ्रोट पेन से राहत पाने के लिए मुलैठी की जड़ का इस्तेमाल किया जा सकता है। जिसके एस्पिरिन दवाई जैसे गुण होते हैं। इसका उपयोग करने के लिए आप इसे गर्म पानी में उबालकर गरारे कर सकते हैं और इसकी चाय बनाकर भी सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही इसे चबाकर भी गले में दर्द से राहत पाई जा सकती है।
गले में खुजली (Throat Itching) के लिए नींबू पानी का इस्तेमाल
अगर आपके गले में खुजली और दर्द है, तो आप नींबू पानी का सेवन करके राहत पा सकते हो। क्योंकि, यह समस्या गले की नमी खो जाने की वजह से होती है और नींबू में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो आपके शरीर द्वारा सलाइवा के उत्पादन को बढ़ा देते हैं और गले की खोई हुई नमी वापस आ जाती है।
गले के इंफेक्शन के लिए नारियल तेल
नारियल तेल के कई सारे स्वास्थ्य संबंधी फायदे होते हैं। एक स्ट़डी में पाया गया है कि, नारियल तेल का सेवन करने से सूजन और दर्द से राहत पाई जा सकती है। आप एक चम्मच नारियल तेल को गर्म चाय में मिलाकर या सूप में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, आप एक चम्मच नारियल तेल को मुंह के अंदर रख सकते हैं और अपने आप गले में जाने दीजिए।
गले में सूजन के लिए चिकन सूप
चिकन सूप की मदद से आप गले की सूजन या दर्द में राहत पा सकते हैं। क्योंकि, चिकन सूप शरीर को गर्म रखकर हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को मारने में मदद करता है और सूजन भी घटाता है। इसका फायदा बढ़ाने के लिए आप इसमें लहसुन का उपयोग भी कर सकते हैं।
और पढ़ें : Joint Pain (Arthralgia) : जोड़ों का दर्द (आर्थ्राल्जिया) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
गले में दर्द के घरेलू उपाय में पेपरमिंट टी
गले में दर्द या थ्रोट पेन के घरेलू उपाय के लिए पेपरमिंट टी का सेवन किया जा सकता है। पेपरमिंट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, तो आपके गले को राहत पहुंचाते हैं। इसके अलावा, यह प्राकृतिक रूप से कैफीन फ्री और स्वीटनर होता है।
गले में बैक्टीरिया के लिए दालचीनी
अगर आपके गले में बैक्टीरिया की वजह से दर्द होता है, तो आपके लिए दालचीनी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए, आप बादाम दूध में दालचीनी का पाउडर मिलाकर गर्म करने के बाद सेवन करें। आपके गले में दर्द से राहत मिलेगी।
गले में दर्द या थ्रोट पेन होने पर डॉक्टर के पास कब जाएं?
आप थ्रोट पेन होने पर निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर के पास जा सकते हैं। जैसे-
- 3 दिन से ज्यादा गले में दर्द होना।
- गले में गंभीर दर्द, सूजन, खराश या खुजली होना।
- 2 दिन से ज्यादा गले में दर्द के साथ तेज बुखार होना।
- अगर आपको अस्थमा, दिल की बीमारी, एचआईवी, डायबिटीज या गर्भवती होने पर गले में दर्द होने लगे।
- गले में दर्द के साथ जोड़ों में दर्द होना।
- गले में दर्द के साथ मसल्स में लंप बनना।
- गले में दर्द के साथ निगलने, सांस लेने और मुंह खोलने में दर्द होना।
- गले के साथ कान में दर्द होना।
- गले में दर्द कई बार लेरिन्जाइटिस का लक्षण भी हो सकता है।