नसों का दर्द का कारण दुर्घटना
ऐसे कई कारण होते हैं, जिनकी वजह से नसों का दर्द होता है। मांसपेशियों, ऊत्तकों या जोड़ों में आई चोट नसों का दर्द पैदा करती है। उदाहरण के लिए कमर, पैर और हिप की समस्याएं या ऐसी चोटें जो तंत्रिका को लंबा नुकसान पहुंचाती हों। हालांकि, समय के हिसाब से चोट में राहत मिलती है, लेकिन तंत्रिका की चोट ठीक नहीं होती है। जो नसों का दर्द पैदा करती है। नतीजतन दुर्घटना के कई वर्षों के बाद आपको लगातार दर्द का अहसास होता है। दुर्घटनाएं या चोटें स्पाइन को प्रभावित कर सकती हैं। इसकी वजह से आपको नसों का दर्द हो सकता है। स्पाइनल कॉर्ड के आसपास तंत्रिका के फाइबर मौजूद होते हैं।
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नसों के दर्द का कारण इन्फेक्शन
इन्फेक्शन न्यूरोलॉजी की समस्या का एक सामान्य कारण होता है। एचआईवी या एड्स से पीढ़ित लोगों को ऐसे दर्द की समस्या होती है। सिफलिस इन्फेक्शन से भी जलन और चुभन जैसा अनकहा दर्द हो सकता है। शिंग्लेस (Shingles) चिकन पॉक्स वायरस का कारण होता है। यह लंबे वक्त तक न्यूरोलॉजी समस्या पैदा कर सकता है।
सर्जरी
न्यूरोलॉजी समस्या या न्यूरोपेथिक दर्द को फैंटम लिंब सिंड्रोम भी कहा जाता है। यह बगलों, बाजुओं या पैरों में हो सकता है। लिंब को खोने के बावजूद आपका दिमाग सोच सकता है कि वह दर्द के संकेतों को निकाले गए अंग से ग्रहण कर रहा है।
विच्छेदन के पास मौजूद तंत्रिकाएं दिमाग को गलत संकेत देती हैं। बाजुओं या पैरों के अलावा नसों का दर्द उंगलियों, अंगूठों, पेनिस, कान और शरीर के अन्य हिस्सों में महसूस किया जा सकता है।
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बीमारियां
नसों का दर्द कई बीमारियों या जटिलताओं का संकेत हो सकता है। इन समस्याओं में मल्टिपल स्कलेरोसिस (Multiple sclerosis), मल्टिपल मायलोमा (Multiple myeloma) और कैंसर को शामिल किया जाता है। हालांकि, इन बीमारियों से पीढ़ित प्रत्येक व्यक्ति को नसों का दर्द नहीं होता है। यह समस्या कुछ लोगों में नजर आ सकती है। न्यूरोलॉजी समस्या के 30% मामलों में डायबिटीज एक कारण होती है। क्रोनिक डायबिटीज आपकी तंत्रिकाओं के कार्य करने के तरीके को प्रभावित कर सकती है। आमतौर पर डायबिटीज से पीढ़ित लोगों की फीलिंग और सुन्नता में कमी आती है। उनके लिंब (लोअर बॉडी) में दर्द, जलन और चुभन के बाद यह स्थिति पैदा होती है।
एल्कोहॉल का सेवन
लंबे वक्त तक एल्कोहॉल का सेवन करने से क्रोनिक पेन जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। लंबे अवधि तक एल्कोहॉल का इस्तेमाल करने से तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचता। इसका प्रभाव दर्द के रूप में सामने आता है।
कैंसर और न्यूरोलॉजी समस्या
कैंसर के इलाज की वजह से नसों का दर्द (Nerve pain) पैदा हो सकता है। कीमोथेरेपी और रेडिएशन तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं। इससे दर्द के असामान्य संकेत पैदा होते हैं।
नसों के दर्द का इलाज
ओवर-दि-काउंटर पेनकिलर: नसों का दर्द (Nerve pain) कम करने के लिए पहले उपाय के तौर पर दर्दनाशक दवाइयां उपयोग होती हैं। इन ओवर-दि-काउंटर दवाइयों में नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इनफ्लेमेटरी दवाइयां (NSAIDs) या एसेटामिनोफेन (acetaminophen) होते हैं। कई ओवर-दि-काउंटर दवाइयां क्रीम, जेल, मलहम, ऑयल और स्प्रे के रूप में उपलब्ध होती हैं। इन्हें दर्द वाले हिस्से पर सीधे ही लगाया जाता है। नसों का दर्द कम करने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें। ऐसा करने से आपको गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, डॉक्टर आपकी स्थिति का आंकलन करके समुचित उपचार मुहैया करा सकता है।
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न्यूरोलॉजी की समस्या के घरेलू उपाय
एक्युपंक्चर जैसे इलाज कई लोगों के मामले में कारगर साबित होते हैं। जबकि डायट्री सप्लिमेंट (विटामिन बी12) अन्य लोगों के मामले में मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, आपका डॉक्टर यह सुनिश्चित करेगी कि यह दवा अन्य थेरेपी या इलाज में हस्तक्षेप न करें।
बेहतर दिनचर्या: नसों का दर्द (Nerve pain) ठीक करने के लिए डॉक्टर आपका इलाज करता है। हालांकि, ज्यादातर डॉक्टर इस समस्या को ठीक करने में बेहतर दिनचर्या अपनाना एक मुख्य उपाय मानते हैं। बेहतर दिनचर्या में नियमित रूप से एक्सरसाइज करना, अच्छी डायट लेना और वजन कम करना माना जाता है। ऐसा करने से यह समस्या और नहीं बढ़ती है।
अंत में हम यही कहेंगे कि इस समस्या से छुटाकारा पाना संभव है। यदि आपको भी नसों का दर्द है तो घरेलू इलाज से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको नसों का दर्द क्यों होता है, उस संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।