इन्फेक्शन न्यूरोलॉजी की समस्या का एक सामान्य कारण होता है। एचआईवी या एड्स से पीढ़ित लोगों को ऐसे दर्द की समस्या होती है। सिफलिस इन्फेक्शन से भी जलन और चुभन जैसा अनकहा दर्द हो सकता है। शिंग्लेस (Shingles) चिकन पॉक्स वायरस का कारण होता है। यह लंबे वक्त तक न्यूरोलॉजी समस्या पैदा कर सकता है।
सर्जरी
न्यूरोलॉजी समस्या या न्यूरोपेथिक दर्द को फैंटम लिंब सिंड्रोम भी कहा जाता है। यह बगलों, बाजुओं या पैरों में हो सकता है। लिंब को खोने के बावजूद आपका दिमाग सोच सकता है कि वह दर्द के संकेतों को निकाले गए अंग से ग्रहण कर रहा है।
विच्छेदन के पास मौजूद तंत्रिकाएं दिमाग को गलत संकेत देती हैं। बाजुओं या पैरों के अलावा नसों का दर्द उंगलियों, अंगूठों, पेनिस, कान और शरीर के अन्य हिस्सों में महसूस किया जा सकता है।
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बीमारियां
नसों का दर्द कई बीमारियों या जटिलताओं का संकेत हो सकता है। इन समस्याओं में मल्टिपल स्कलेरोसिस (Multiple sclerosis), मल्टिपल मायलोमा (Multiple myeloma) और कैंसर को शामिल किया जाता है। हालांकि, इन बीमारियों से पीढ़ित प्रत्येक व्यक्ति को नसों का दर्द नहीं होता है। यह समस्या कुछ लोगों में नजर आ सकती है। न्यूरोलॉजी समस्या के 30% मामलों में डायबिटीज एक कारण होती है। क्रोनिक डायबिटीज आपकी तंत्रिकाओं के कार्य करने के तरीके को प्रभावित कर सकती है। आमतौर पर डायबिटीज से पीढ़ित लोगों की फीलिंग और सुन्नता में कमी आती है। उनके लिंब (लोअर बॉडी) में दर्द, जलन और चुभन के बाद यह स्थिति पैदा होती है।
एल्कोहॉल का सेवन
लंबे वक्त तक एल्कोहॉल का सेवन करने से क्रोनिक पेन जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। लंबे अवधि तक एल्कोहॉल का इस्तेमाल करने से तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचता। इसका प्रभाव दर्द के रूप में सामने आता है।
कैंसर और न्यूरोलॉजी समस्या
कैंसर के इलाज की वजह से नसों का दर्द (Nerve pain) पैदा हो सकता है। कीमोथेरेपी और रेडिएशन तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं। इससे दर्द के असामान्य संकेत पैदा होते हैं।