देसी घी (Ghee)
आयुर्वेट में देसी घी का खासा जिक्र मिलता है। यही कारण है कि घी को आयुर्वेद के इलाजों के साथ-साथ आयुर्वेदिक डायट में शामिल किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, घी हमारे शरीर के लिए कई मायनों में लाभदायक है। घी शरीर में पाचन को ठीक करके टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में भी मदद करता है। इसके अलावा डायबिटीज (Diabetes) के रोगियों को घी के सेवन से कई फायदे होते हैं।
गुनगुना पानी
सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीना आयुर्वेदिक डायट (Ayurvedic diet) का अहम हिस्सा है। गुनगुने पानी को भी आयुर्वेट के सिद्धांत पर ही इस डायट में शामिल किया गया है। इसके अलावा दिन भर में कई बार धीरे-धीरे करके गुनगुने पानी की चुस्कियां लेना भी स्वास्थ्य के लाभदायक हो सकता है।
आयुर्वेदिक डायट में अदरक
भारत के अलग-अलग हिस्सों में सालभर में कई बार मौसम बदलता रहता है और बदलते मौसम में बीमारियों का खतरा लगातार बना रहता है। ऐसे में अदरक (Ginger) का सेवन बदलते मौसम की बीमारियों से बचाने में आपकी मदद करते हैं। दरअसल अदरक शरीर के इम्यून सिस्टम (Immune system) को मजबूत करने में मदद करती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्टः
हैलो स्वास्थ्य ने जब इसके बारे में आयुर्वेदिक डॉक्टर शरयु माकणीकर से बात की तो उन्होंने बताया कि ”आयुर्वेद में कोई भी इलाज केवल लक्षण को ठीक करने के लिए नहीं बल्कि किसी भी समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद कोई इलाज नहीं बल्कि एक लाइफस्टाइल है, जो स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देता है। बदलती जीवनशैली में हर कोई वेस्टर्न लाइफस्टाइल की तरफ आकर्षित होकर अलग-अलग डायट्स फॉलो कर रहा है लेकिन आयुर्वेदिक डायट फिजिकल और मैंटल हैल्थ को एक साथ लेकर चलता और जीवन को आसान बनाता है।”
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