के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
काली मिर्च एक प्रमुख मसाला है, जिसे मसालों में रानी भी कहा जाता है। इसका बोटैनिकल नाम पाइपर नाइग्रम् (Piper nigrum Linn.) है, जो पाइपरेसी (Piperaceae) प्रजाति का पौधा होता है। हिंदी में इसे काली मिर्च के अलावा अलग-अलग नामों से जाना जाता है जिसमें मरिच, मिरच, गोल मरिच, काली मरिच, दक्षिणी मरिच, चोखा मिरच जैसे नाम मुख्य हो सकते हैं। इसके अलावा, अंग्रेजी में इसे ब्लैक पेपर (Black Pepper), कॉमन पेपर (Common pepper) या पेपर (Pepper) भी कहते हैं।
ब्लैक पेपर खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ सेहत पर भी सकारात्मक प्रभाव कर सकती है। इसके पौधे मूल रूप से दक्षिण भारत में ही पाए जाते हैं। हालांकि, भारत के अलावा इंडोनेशिया, बोर्नियो, इंडोचीन और श्रीलंका जैसे देशों में भी प्रमुख तौर पर इसकी खेती की जाती है। आयुर्वेद के अनुसार एक औषधी के तौर पर इसका इस्तेमाल प्राचीन काल से चला आ रहा है। जिसके उल्लेख ग्रीस, रोम, पुर्तगाल में भी पाए जा सकते हैं।
यह दिखने में छोटी और गोल आकार की होती है, जिसका रंग काला और गहरा भूरा हो सकता है। यह स्वाद में काफी तीखा होता है। इसका पौधा लता की तरह बढ़ता है और पत्तियां पान के पत्तों जैसी होती हैं। इसके लता को बढ़ने के लिए किसी सहारे की जरूरत पड़ती है।
काली मिर्च के उपयोग की बात करें, तो इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ इसका इस्तेमाल अंदरूनी शारीरिक इंफेक्शन को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा, काली मिर्च का इस्तेमाल मुख्य रूप से पेट से संबंधित समस्याओं के लक्षणों के उपचार के लिए किया जा सकता है, जिसमें शामिल हो सकते हैंः
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल को आमतौर पर “पेट का फ्लू” या “पेट में इंफेक्शन” या “जठरांत्र शोथ” भी कहा जाता है। जिसके उपचार के लिए भी आप काली मिर्च का सेवन कर सकते हैं। कुछ स्थितियों में आपके डॉक्टर या हर्बलिस्ट सांस की बीमारी के इलाज और मानसिक प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए भी आपको इसका सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, किसी भी स्थिति में इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको अपने डॉक्टर की उचित सलाह जरूर लेनी चाहिए।
ब्लैक पेपर के औषधीय गुण किस तरह से शारीरिक स्थितियों को ठीक करने में काम करते हैं, इस विषय में अभी भी उचित शोध करने की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, कुछ अध्ययन बताते हैं कि काली मिर्च कीटाणुओं (रोगाणुओं) से लड़ने में शरीर की मदद करती है और पेट के पाचक रसों के प्रवाह को बढ़ाने में भी मदद करती है।
वहीं, कुछ शोधों के अनुसार दावा भी किया गया है कि काली मिर्च का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में भी किया जा सकात है। जिस पर अभी भी मतभेद बना हुआ है। कुछ साक्ष्य बताते हैं कि काली मिर्च कोलन कैंसर से बचाव कर सकती है, लेकिन अन्य साक्ष्य बताते हैं कि यह लिवर कैंसर को बढ़ावा दे सकती है।
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काली मिर्च का इस्तेमाल करने से पहले आपको निम्नलिखित स्थितियों में अपने चिकित्सक या हर्बलिस्ट से उचित परामर्श करना चाहिए, अगर
गर्भवती या स्तनपान कराने की स्थिति में किसी भी आहार या दवा का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक या हर्बलिस्ट की उचित सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव बच्चे और मां के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान भोजन में या अन्य रूपों में एक सीमिय मात्रा में काली का उपयोग करना सुरक्षित माना जा सकता है। लेकिन, बड़ी मात्रा में इस दौरान इसका सेवन करना असुरक्षित हो सकता है। बड़ी मात्रा में काली मिर्च का सेवन गर्भपात का कारण भी बन सकता है।
किसी भी स्वास्थ्य स्थिति, सर्जरी या अन्य कारणों से अगर आप किसी भी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो उसके बारे में पहले ही अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट को जानकारी दें। क्योंकि आपके द्वारा ली जाने वाली किसी भी दवा के साथ काली मिर्च या इसमें मौजूद तत्व किसी तरह की प्रतिक्रिया कर सकते हैं।
क्या आपको किसी भी खाद्य पदार्थ, हर्बल, दवा, काली मिर्च या काली मिर्च में पाए जाने वाले तत्वों से किसी तरह तरह की एलर्जी है? अगर हां, तो इसका इस्तेमाल करने से पहले इसकी पूरी जानकारी अपने डॉक्टर को दें।
काली मिर्च को स्टोर करते समय आप निम्न बातों का ध्यान रख सकते हैंः
किसी भी हर्बल सप्लीमेंट का सेवन सुरक्षित माना जा सकता है। हालांकि, कुछ स्थितियों में इसके सामान्य और गंभीर दुष्प्रभाव भी देखें जा सकते हैं। सुरक्षा के लिहाज से किसी भी रूप में इसका सेवन से करने से पहले आपको अपने डॉक्चर से परामर्श करना चाहिए। काली मिर्च का इस्तेमाल करने से पहले आपको इससे जुड़े स्वास्थ्य लाभ और जोखिम के बारे में अपने डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए।
काली मिर्च के निम्न साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैं:
काली मिर्च के सेवन से होने वाले सभी साइड इफेक्ट्स यहां नहीं बताए गए हो सकते हैं। अगर इसके सेवन से आपको इनमें से या किसी भी अन्य तरह के लक्षण महसूस होते हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
काली मिर्च,आपकी दवाओं और मेडिकल स्थिति पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। इसके इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर की उचित राय लें। साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि काली मिर्च में पानी की गोली या “मूत्रवर्धक” जैसा प्रभाव हो सकता है। काली मिर्च लेने से शरीर की लिथियम को बाहर निकालने की क्षमता कम हो सकती है, जो आगे चलकर गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
इसके अलावा, काली मिर्च के साथ इंटरैक्ट करने से कई दवाओं के असर करने में भी बदलाव हो सकता है, जिसमें शामिल हैं:
दी गई जानकारी को चिकित्सा सलाह के रूप में न देखें। हमेशा दवा का उपयोग करने से पहले अपने हर्बलिस्ट या चिकित्सक से परामर्श करें।
आप एक दिन में 300 से 600mg काली मिर्च का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसकी अधिकतम खुराक प्रति दिन 1.5g से अधिक नहीं होनी चाहिए।
हर हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। इसकी खुराक उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और कई अन्य स्थितियों पर भी निर्भर कर सकती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। कृपया अपनी उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें।
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आप इसे निम्न रूपों में प्राप्त कर सकते हैंः
इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से परामर्श करें।
डिस्क्लेमर
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