के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
ये त्वचा की बीमारी है जिसमें शरीर पर लाल रैशेज पड़ जाते हैं। यह रैशेज शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैल सकते हैं। ये रैशेज किसी भी आकार के हो सकते हैं। लम्बाई में ये तीन से 5 सेंटीमीटर के होते हैं और छाती, पीठ और पेट पर इनके होने की आशंका बाकी हिस्सों से ज्यादा होती है। ये लाल, गुलाबी या दानेदार हो सकते हैं। दो से आठ हफ्तों में ये ठीक हो पाते हैं, लेकिन इनकी वजह से बने निशान को जाने में लंबा समय लग सकता है।
ये बीमारी महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा होती है और 10 से 35 वर्ष के लोगों के बीच ये बीमारी ज्यादा पाई जाती है। इसके कारणों पर नियंत्रण पाकर आप इस बीमारी के फैलने की सम्भावना को कम कर सकते हैं। किसी भी और जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
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इस स्थिति में ये संकेत और लक्षण दिखाई देंगें :
इनमें से किसी भी लक्षण के दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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आमतौर पर स्केल ब्लश ठण्ड और बसंत के मौसम में होता है। वैज्ञानिक अभी तक स्क्वैम्श ब्लश का कारण पता नहीं लगा पाए हैं। ये बीमारी वायरल संक्रमण की वजह से हो सकती है मूल रूप से हर्पीस वायरस इस संक्रमण का कारण है।
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बच्चों में ये बीमारी वयस्कों के मुकाबले ज्यादा होती है। इस बीमारी के फैलने के कारण के बारे में खास जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसलिए किसी भी सवाल या जानकारी के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से जरूर मिलें।
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है किसी भी और सवाल के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिले।
लक्षणों के आधार पर डॉक्टर आपका इलाज करेंगे और आपकी बीमारी की पुष्टि भी करेंगे। किसी और बीमारी जैसे की सिफलिस, रिंगवर्म और एक्जिमा के लक्षण इस बीमारी से मिलते जुलते हैं इसलिए सही जांच के लिए आपके खून की जांच भी करवाई जा सकती है।
स्किन बायोप्सी भी करवाई जा सकती है जिससे कि आपकी बीमारी की पुष्टि की जा सके।
अगर लक्षण ज्यादा गहरे नहीं है तो आपको किसी भी इलाज की आवश्यकता नहीं है और ये लक्षण छह से आठ हफ्तों में गायब हो जाएंगे। अगर लक्षण बहुत दिनों से हैं तो डॉक्टर आपको हाइड्रोकोर्टिसोन ( Hydrocortisone ) क्रीम्स देंगे जिससे आपकी त्वचा की जलन कम हो सके। इसके अलावा खुजली कम करने के लिए हिस्टामिन युक्त दवाएं भी दी जा सकती हैं।
इसके अलावा रोजमर्रा के काम जैसे नहाना, सफाई रखना और सुबह उठकर सूरज की किरणों में घूमने से भी आपको आराम मिल सकता है और त्वचा में जलन कम होगी।
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पिटिरियेसिस रोजिया के लिए घरेलू उपचार में आप निम्न चीजें कर सकते हैं :
पिटिरियेसिस रोजिया के घरेलू उपचारों में गुनगुना शॉवर लेना, साबुन लगाने से बचें, गर्मी कम करने के लिए सूती या रेश्मी कपड़े पहनें। इसके अलावा अगर आप चाहें तो ओटमील बाथ भी ले सकते हैं। खुजली के लिए कैलेमाइन या मेन्थॉल एंटी-इचिंग लोशन भी मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा आप ल्यूब्रिकेटिंग के लिए मॉइस्चराइज़र का उपयोग कर सकते हैं।
स्टेरॉयड क्रीम जैसे- हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम का इस्तेमाल त्वचा के लिए कर सकते हैं। इससे आपके त्वचा की नमी बरकरार रहेगी। इसके अलावा आप ओवर-टू-काउंटर ड्रग डीफेनहाइड्रामाइन (बेनाड्रील) खुजली को कम करने के लिए ओरल टैबलेट या सिरप के रूप में ले सकते हैं। पिटिरियेसिस रोजिया से राहत पाने के लिए आप रोजाना सुबह की पहली धूप लगभग 10 से 15 मिनट तक लें। धूप लेने से आपको त्वचा संबंधी अन्य विकारों से भी राहत मिलेगी। ध्यान रखें कि तेज धूप में नहीं बैठें। ऐसे में आपको अगर पसीना होगा तो रैशेज वाले स्थान पर जलन होगी।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर
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