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अब टैनिंग हटाने नहीं, कराने के लिए सलून पहुंच रहे लोग

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Hema Dhoulakhandi द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    अब टैनिंग हटाने नहीं, कराने के लिए सलून पहुंच रहे लोग

    गोवा जाकर या धूप में निकलकर थोड़ी भी टैनिंग यानी स्किन का रंग डार्क हो गया हो तो कई लोग हाय-तौबा मचा देते हैं। ब्यूटी पार्लर से लेकर घरेलू नुस्खे सब अपना लिए जाते हैं। वहीं विदेशों में लोग टैनिंग सलून जाकर स्पेशल टैनिंग कराते हैं, यानी अब गोरे नहीं लोगों को काले बनने का जुनून सवार हो गया है।आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कई महिलाएं सन किस्ड स्किन के लिए खूब सारा पैसा खर्च करती हैं। कुछ महिलाएं इंडोर टैनिंग पसंद करती हैं तो कुछ आउटडोर टैनिंग। यहां तक कि कुछ सैलून में इसके लिए टैनिंग बेड की व्यवस्था की गई है तो कुछ में कॉस्टमेटिक टैन की। वहीं कुछ स्पा पार्लर्स में टैनिंग बूथ का उपयोग किया जाता है। जिनमें अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन प्रोड्यूस किया जाता है। इंडोर टैनिंग की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई थी वो भी आठ दशक पहले। इस आर्टिकल में जानें टैनिंग से जुड़े ऐसे ही मजेदार फैक्ट जो आपको जरूर चौंकाएंगे।

    टैनिंग फैक्ट्स (Skin tanning facts)

    एक रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर में करीब दस लाख लोग टैनिंग (tanning) सलून जाकर टैनिंग कराते हैं। यानी हर दिन दस लाख लोगों को गोरे से काला या सांवाला होने को शौक चढ़ रहा है। आगे जानें टैनिंग से जुड़े कुछ ऐसे ही फैक्ट्स

    टैनिंग फैक्ट: सन बर्न और टैनिंग में होता है अंतर (difference between sunburn and tanning)

    सूर्य की किरणों में अल्ट्रावायलट रेडिएशन (Ultraviolet radiation) दो प्रकारों का होता है। एक यूवीए और दूसरा यूवीबी। यूवीए सिर्फ स्किन की उपरी परत तक पहुंच पाता है और उसे ही नुकसान पहुंचाता है। इसे सनबर्न (sunburn) कहते हैं। वहीं यूवीबी अंदर की परतों को नुकसान पहुंचाने में सक्षम होता है। इसे चर्मशोधन यानी टैनिंग कहते हैं।

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    टैनिंग फैक्ट: मैक डी से ज्यादा टैनिंग सलून की संख्या

    यह बात सुनने में हम भारतीयों को अजीब लगेगी कि अमेरिका में मैक डी से ज्यादा संख्या इंडोर टैनिंग सलूनों की है। यहां हर साल नहीं बल्कि हर दिन करीब दस लाख लोग टैनिंग (tanning) के लिए पहुंचते हैं।

    टैनिंग फैक्ट: न्यूजिलैंड पहले नंबर पर (New Zealand have maximum tanning salons)

    टैनिंग (tanning) फैक्ट की बात की जाए तो दुनिया भर में टैनिंग में न्यूजिलैंड सबसे आगे है और दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया है। टैनिंग के कारण यहां लोगों में मेलेनोमा की बीमारी का आंकड़ा भी सबसे ज्यादा है।

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    टैनिंग फैक्ट: सिर्फ मशीन ही नहीं टैनिंग (tanning) के लिए दवा भी होती है

    टैनिंग फैक्ट

    जी हां, एक और  बात यह है कि टैनिंग के लिए कई लोग टैनिंग पिल का भी इस्तेमाल करते हैं। इन दवाओं में कैनथैक्सिन (canthaxanthin) नाम का कलर ऐडिटिव होता है। यह दवाएं व्यक्ति के स्किन को नारंगी या सुनहरे रंग में बदलने लगती हैं। इनके कारण लिवर डैमेज और आंखों से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

    टैनिंग फैक्ट: टैनिंग भी बन सकता है नशा (Tanning can also become intoxicating)

    18 से 30 वर्ष तक की महिलाएं जो इंडोर टैनिंग कराती हैं कुछ समय के बाद उन्हें इसका नशा सा हो जाता है। इसके बिना उन्हें अपनी खूबसूरती में कुछ कमी सी नजर आने लगती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी महिलाओं को जब यूवी किरणें नहीं मिलती तो उन्हें डिप्रेशन भी होने लगता है

    टैनिंग फैक्ट: धूप से बेहतर डायट (Better diet than sun shine)

    विशेषज्ञों का मानना है कि धूप में खुद को तंदूरी बनाने से अच्छा है कि आप डायट से विटामिन-डी की कमी पूरी करें। मेलेनोमा से हर वर्ष यूएस में छह हजार के करीब लोगों की मौत होती है। द सेंटर्स फॉर डिजि​ज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (The Centers for Disease Control and Prevention) का मानना है कि यदि 18 की आयु से पहले इंडोर टैनिंग ना की गई हो तो वह 61,839 मेलेनोमा के मामले और 6,735 मेलेनोमा से मरने वाले मामलों को बचा सकते हैं।

    टैनिंग फैक्ट: कई देशों में इंडोर टैनिंग पर बैन (Ban on indoor tanning in many countries)

    टैनिंग फैक्ट

    18 वर्ष से कम आयु वालों पर इंडोर टैनिंग करने से कई देशों ने बैन लगा दिया है। इनमें ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आईसलैंड, इटली, यूनाइटेड किंगडम आदि शामिल हैं।

    टैनिंग फैक्ट: डार्क स्किन वालों में टैनिंग ज्यादा होती है (Dark skin has more tanning)

    सुनने में भले ही अजीब लगे पर डार्क स्किन टोन वालों में फेयर स्किन टोन वालों से ज्यादा टैनिंग का खतरा होता है। इसका कारण यह है कि मेलानिन (melanin) की बदौलत स्किन ​सूर्य की इन हानिकारक किरणों से बची रहती है। मेलेनोसाइट्स (melanocytes) वह सेल होते हैं जो मेलानिन बनाते हैं। डार्क लोगों के मेलेनोसाइट्स सेल ज्यादा मेलानिन बनाते हैं।

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    टैनिंग को लेकर रखें इन बातों का ध्यान (Keep these things in mind regarding tanning)

    विटामिन-डी शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है इसकी कमी के कारण अल्जाइमर, प्रोस्टेट कैंसर और डिमेंशिया आदि बीमारियां हो जाती है। इसके लिए यदि आप धूप लेना चाहते हैं तो सुबह आठ बजे तक की धूप अच्छी मानी जाती है। यदि सुबह धूप में बैठ रहे हैं तो भी सनस्क्रिन लगाना जरूरी है। टैनिंग फैक्ट जानने के ​बाद वह भारतीय जो यूएस, यूके आदि में रहते हैं वह इंडोर टैनिंग के बजाए डायट से विटामिन-डी की कमी पूरी करने की कोशिश करें। धूप चाहिए हो तो भारत के एक-दो बार चक्कर लगा लें। भारत में बारहों मास कहीं ना कहीं धूप मिल ही जाएगी।

    सनस्क्रीन को कैसे चुनें? (How to choose sunscreen?)

    30 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन यूवी किरणों से 97 प्रतिशत तक बचाव करती है। 15 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन 93 प्रतिशत। 50 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन 98 प्रतिशत तक किरणों से बचाती है। इनमें से आपके लिए कौन सी सनस्क्रीन फायदेमंद है? यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी देर धूप में रहने वाले हैं। ज्यादा समय धूप में रहना है तो ज्यादा एसपीएफ वाली और कम धूप में रहना है तो कम एसपीएफ वाली सनस्क्रीन का उपयोग करें।

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    सनस्क्रीन के साथ इन बातों का रखें ख्याल 

    • हर दो से चार घंटे में सनस्क्रीन लगाएं यदि आप धूप में हैं।
    • सनस्क्रीन लगाने से पहले त्वचा को साफ करना ना भूलें।
    • यदि आपको अपनी स्किन के अनुसार ही सनस्क्रीन लगानी चाहिए। सनस्क्रीन का चुनाव करने में समस्या आ रही है तो अपने डॉक्टर की सलाह लें।
    • बच्चों को टैनिंग से बचाना हो तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही सनस्क्रीन का उपयोग करें।
    • टैनिंग फैक्ट में यह सबसे जरूरी फैक्ट है कि टैनिंग के कारण आपकी उम्र जल्दी ढलती नजर आती है। आपकी त्वचा में रिंकल नजर आने लगते हैं। इसलिए टैनिंग से बचाव ही समझदारी है।
    • चेहरा ही नहीं हाथ, गर्दन आदि जिस भी हिस्से में डायरेक्ट धूप पड़ रही हो उसमें सनस्क्रीन लगा लें।
    • कई बार तेज धूप के कारण त्वचा लाल हो जाती है और उस पर रैशेज भी हो जाते हैं, उससे बचें।

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    यह टैनिंग फैक्ट है कि टैनिंग चाहे धूप से हुई हो या टैनिंग बेड से, दोनों ही तरह की टैनिंग त्वचा के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए टैनिंग से बचाव जरूर करें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और टैनिंग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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