किसी बीच के किनारे ट्रिप प्लान करने से पहले कुछ तैयारी पहले करनी पड़ती है। सबसे पहले ट्रैवल किट बनाना जिसमें आपकी जरूरत का सामान रखा जाता है। बीच के किनारे सबसे जरूरी है सनस्क्रीन क्रीम जो आपको टैनिंग से बचा सकती है।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
किसी बीच के किनारे ट्रिप प्लान करने से पहले कुछ तैयारी पहले करनी पड़ती है। सबसे पहले ट्रैवल किट बनाना जिसमें आपकी जरूरत का सामान रखा जाता है। बीच के किनारे सबसे जरूरी है सनस्क्रीन क्रीम जो आपको टैनिंग से बचा सकती है।
मैं बीच के किनारे ट्रिप के लिए जा रहीं हूं, क्या आप बता सकते हैं कि मुझे कौन से एसपीएफ वाला सनस्क्रीन क्रीम इस्तेमाल करना चाहिए जो मुझे टैनिंग से बचा सकता है?
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कोई भी सनस्क्रीन क्रीम 100 प्रतिशत सुरक्षा नहीं देता है। ध्यान देने वाली बात ये है कि अल्ट्राहाई एसपीएफ, एसपीएफ 30 और 50 से ज्यादा आपकी स्कीन की सुरक्षा करेगा ऐसा नहीं है। इसलिए एसपीएफ 30 और 50 के सनस्क्रीन क्रीम आपको टैनिंग से बचा सकते हैं।
बेहतर फायदे के लिए आप कम एसपीएफ वाला सनस्क्रीन क्रीम धूप में जाने से 15 मिनट पहले लगा सकते हैं जो हर दो घंटे में दोबारा लगाया जा सकता है। अगर आप पानी में जा रहें हैं तो हर 40 मिनट में आपको दोबारा सनस्क्रीन क्रीम लगाना होगा।
ये भी जान लें कि सिर्फ सनस्क्रीन क्रीम आपकी पूरी सुरक्षा नहीं देगा इसलिए आपको उसके साथ धूप के चश्मे का इस्तेमाल करना होगा, साथ ही हैट, पूरे आस्तीन की शर्ट का इस्तेमाल करना जरूरी है।
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हां, बेसल सेल कार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, और मेलेनोमा जैसे 5 मिलियन से अधिक त्वचा कैंसर का इलाज हर साल किया जाता है। इनमें से कई त्वचा के कैंसर को सूरज की किरणों से खुद की सुरक्षा करके रोका जा सकता था।
विशेषज्ञों से अपनी सलाह लें। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी (एएडी) ने कहा है कि आप इन सनस्क्रीन क्रीम का उपयोग कर सकते हैं जिससे आप धूप की किरणों से खुद को बचा सकते हैंः
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हर किसी को सनबर्न से बचना चाहिए और सभी को सनस्क्रीन क्रीम की जरूरत होती है। सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलट किरणें स्किन एजिंग, त्वचा कैंसर का कारण और आंखों की परेशानी से जुड़ा हुई हैं।
जो लोग सनबर्न के लिए सबसे अधिक जोखिम पर है वो हैः
यहां तक कि डार्क स्किन वाले लोगों को भी त्वचा कैंसर का खतरे होता हैं। अमेरिकेन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी (American Academy of Dermatology, AAD) के अनुसार जो लोग बहुत अधिक सूरज की किरणों में रहते हैं वह चाहें गोरे हो या काले उनमें त्वचा कैंसर के विकास का खतरा होता है। कम उम्र में एक गंभीर सनबर्न एक अडल्ट के रूप में कैंसर होने का जोखिम बढ़ा सकता है।
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अल्ट्रावॉयलट A (UVA) और अल्ट्रावॉयलट B (UVB) दोनों सूर्य की किरणों से खुद को बचाना जरूरी है। त्वचा कैंसर और त्वचा की उम्र बढ़ना मुख्य रूप से यूवीए किरणों का परिणाम है।
सनबर्न मुख्य रूप से यूवीबी रेडिएशन के कारण होता है। सनस्क्रीन क्रीम उत्पाद जो कि एफडीए द्वारा निर्धारित ब्रॉड स्पेक्ट्रम टेस्ट को पास करते हैं और यूवीए और यूवीबी किरणों से रक्षा करते हैं उन्हें “ब्रॉड स्पेक्ट्रम” के रूप में लेबल करने की परमिशन है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन क्रीम चुनें जिसमें सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ) 30 या उससे अधिक हो। यह आपकी त्वचा को धूप की किरणों से बचाता है और इससे होने वाले नुकसान को भी कम करता है।
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कुल मिलाकर त्वचा के नुकसान को रोकने का सबसे अच्छा तरीका धूप में अपना समय सीमित करना है। आप जितना कम धूप में जाते हैं उतना ही ज्यादा आप त्वचा की परेशानियों से बचे रहते हैं। अगर आप सुबह 10 बजे से 2 बजे के बीच धूप में नहीं जाते हैं तो आपको स्किन की परेशानी कम होगी।
इसके अलावा:
सन प्रोटेक्शन फैक्टर (SPF) वैल्यू सनबर्न प्रोटेक्शन के सनस्क्रीन लेवल को बताता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और सनस्क्रीन क्रीम से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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