सनस्क्रीन में ऐसे केमिकल शामिल होते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर सेल्स पर एस्ट्रोजेनिक प्रभाव डाल सकते हैं। कुछ सनस्क्रीन ब्लड में एस्ट्रोजेन के स्तर पर प्रभाव डाल सकती हैं। बच्चों पर सनस्क्रीन के इस्तेमाल से बचें क्योंकि उनकी त्वचा अत्यधिक संवेदनशील होती है।
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सनस्क्रीन से नुकसान होने वाले हिस्से में शामिल है बालों वाली जगह। इन हिस्सों पर परेशानी महसूस हो सकती है।
ऐसा पुरुषों के साथ ज्यादा हो सकता है। क्योंकि त्वचा और शरीर पर मौजूद बालों के आस-पास के हिस्से पर लाल निशान या सूजन जैसी समस्या शुरू हो जाती है। सनस्क्रीन की वजह से बाल भी सख्त होने लगते हैं और पुरुषों को ज्यादा परेशानी महसूस हो सकती है।
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सनस्क्रीन से नुकसान से कैसे बचाव संभव है?
सनस्क्रीन के नुकसान से निम्नलिखित रूप से बचाव संभव है। जैसे-
- अपनी त्वचा के अनुसार सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलकर आपकी त्वचा को अच्छे से समझ सकती हैं। सनस्क्रीन भी अलग-अलग स्किन टाइप जैसे ड्राई या ऑयली स्किन टाइप के लिए अलग होती है।
- सनस्क्रीन के इस्तेमाल करने पर अगर आपको कोई परेशानी जैसे खुजली, दाने या कोई और परेशानी महसूस होती है, तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल न करें।
- बच्चों के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल सोच समझकर और एक्सपर्ट से राय लेकर ही खरीदें और फिर इस्तेमाल करें। क्योंकि बच्चों की त्वचा वयस्कों की त्वचा से अत्यधिक सेंसेटिव होती है।
- 6 महीने से छोटे बच्चे पर सनस्क्रीन नहीं लगाएं। अगर आप किसी ऐसे ट्रिप पर जा रहीं हैं जहां आपको और आपके शिशु को तेज धूप का सामना करना पड़ेगा तो डॉक्टर से सलाह लें। अपनी मर्जी से शिशु की त्वचा पर क्रीम का इस्तेमाल न करें।
- चेहरे के लिए फेस सनस्क्रीन और शरीर के लिए बॉडी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। ध्यान रखें दोनों अलग-अलग होते हैं। कई बार लोग फेस सनस्क्रीन का ही इस्तेमाल बॉडी के लिए कर लेते हैं और बॉडी सनस्क्रीन का इस्तेमाल चेहरे पर कर लेते हैं।