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नाक में सूजन क्यों होती है, क्या लक्षण देते हैं दिखाई ?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/05/2021

    नाक में सूजन क्यों होती है, क्या लक्षण देते हैं दिखाई ?

    नाक और सिर के बीच सूजन की वजह से नाक में सूजन होती है। इसे साइनस में सूजन भी कहा जाता है। ट्रीटमेंट लेने के बाद भी नाक में सूजन की समस्या तीन महीने या फिर उससे अधिक बनी रहती है। नाक में सूजन के कारण म्युकस निकलता रहता है। साथ ही नाक में भरे रहने जैसा एहसास भी होता रहता है। नाक से सांस लेने में भी तकलीफ महसूस होती है। नाक में सूजन के कारण आंख के आसपास का स्थान भी सूज जाता है। नाक में सूजन नेसज पॉलिप्स (nasal polyps) या फिर साइनस के लाइनिंग में सूजन के कारण भी होती है। इसे क्रोनिक राइनोसाइनसाइटिस (Chronic Rhinosinusitis) भी कहते हैं। नाक में सूजन की समस्या एडल्ट्स के साथ ही बच्चों को भी हो सकती है।

    नाक में सूजन के लक्षण

    नाक में सूजन यानी क्रोनिक साइनसाइटिस के लक्षणों में शामिल हैं,

  • नाक में स्वैलिंग दिखाई पड़ना।
  • नाक से डिसकलर्ड, थिक डिस्चार्ज का निकलना।
  • पोस्टनेजल ड्रेनेज की समस्या।
  • नाक में रुकावट या जमाव महसूस होना।
  • नाक से सांस लेने में कठिनाई महसूस होना।
  • आंखों के पास, गाल में नाक या माथे के आसपास सूजन दिखाना और दर्द महसूस होना
  • गंध और स्वाद का कम एहसास होना।
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    नाक में सूजन है तो हो सकती है ये समस्या

     नाक में सूजन के कारण कान में दर्द

    नाक में सूजन के कारण कान में लगातार दर्द भी महसूस हो सकता है। कान का दर्द नाक की समस्या के साथ ही सही भी हो जाता है।

    ऊपरी जबड़ों में खुजली

    हो सकता है कि आपको मुंह के अंदर यानी ऊपरी जबड़ों में खुजली का एहसास हो रहा हो। ये खुजली नाक में सूजन की वजह से हो सकती है।

    गले में खराश

    नाक में स्वैलिंग के कारण गले में खराश का अनुभव भी हो सकता है। आपको महसूस होगा कि कहीं ये सर्दी -जुखाम की वजह से तो नहीं है। कुछ लोगों को गले में खराश के साथ ही खांसी की भी समस्या हो सकती है।

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    नाक में सूजन के कारण  सांसों से बदबू आना

    नाक में सूजन के कारण कई लक्षण देखने को मिलते हैं। इनमे से एक है सांसों से बदबू आना। वैसे तो सांसों से बदबू आना सफाई की कमी के कारण भी होता है। लेकिन नाक की स्वैलिंग के कारण भी लोगों को अक्सर सांस से बदबू आने की समस्या हो जाती है।

    क्रोनिक साइनसाइटिस और एक्यूट साइनसाइटिस के समान लक्षण दिखाई देते हैं। एक्यूट साइनसाइटिस के कारण टेम्परेरी इंफेक्शन होता है। जबकि क्रोनिक साइनसाइटिस 12सप्ताह तक परेशान कर सकता है। हो सकता है कि क्रोनिक साइनसाइटिस से पहले आपको कई बार एक्यूट साइनसाइटिस हो चुका हो। क्रोनिक साइनसाइटिस में फीवर कॉमन साइन नहीं माना जाता है। लेकिन एक्यूट साइनसाइटिस में फीवर कॉमन साइन हो सकता है।

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    नाक में सूजन के क्या कारण हैं ?

    नाक में स्वैलिंग साइनस के अंदर टिशू के म्यूकस की वजह से ब्लॉक हो जाने के कारण होती है। अगर किसी भी व्यक्ति में लंबे समय तक ऐसे ही लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे क्रोनिक साइनसाइटिस का नाम दिया जाता है। नाक में सूजन के कारण कई कारण हो सकते हैं।

    • एलर्जी के कारण भी नाक में सूजन आ जाती है। कई बार केमिकल्स के कारण भी सूजन हो जाती है।
    • नैसल पॉलिप्स के टिशू की ग्रोथ के कारण भी सांस लेने में समस्या हो सकती है। साथ ही नाक के आसपास सूजन भी महसूस होती है।
    • नाक में इंफेक्शन (वायरस या फिर बैक्टीरिया) के कारण फेफड़ों में भी इंफेक्शन हो जाता है। इसे रेस्पिरेट्री ट्रैक इंफेक्शन कहते हैं। इस कारण से भी नाक में सूजन हो सकता है। साथ ही नाक से म्युकस निकलने में भी समस्या हो सकती है।
    • अस्थमा के कारण भी नाक में सूजन हो सकती है। अस्थमा क्रोनिक इंफ्लामेशन का कारण बन सकता है।
    • सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) एक ऐसी स्थिति है, जिसके कारण शरीर में बलगम बनता है और ठीक से नहीं निकलता है। इस कारण से अक्सर बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है।

    नाक में सूजन का ट्रीटमेंट क्या है ?

    नाक में स्वैलिंग की समस्या न हो, इसके लिए कुछ ट्रीटमेंट का सहारा भी लिया जाता है। अगर आपको शॉर्ट टर्म रिलीफ चाहिए तो कुछ घरेलू उपाय भी किए जा सकते हैं।

    मेडिकेशन के माध्यम से ट्रीटमेंट

    नाक में स्वैलिंग की समस्या से छुटकारा पाने के लिए ओवर-द-काउंटर पेन मेडिकेशन की हेल्प से नाक की सूजन की समस्या से निजात पाया जा सकता है। साथ ही सिरदर्द के प्रेशर से भी छुटकारा मिलता है। आईबुप्रोफेन (Advil) या एसिटामिनोफेन (acetaminophen, Tylenol) को समस्या से निजात पाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids ) नाक के स्प्रे का भी यूज किया जा सकता है। स्प्रे के यूज से नाक की सूजन में कमी आती है। ओटीसी स्प्रे में फ्लूटिकासोन (fluticasone) और मोमेटासोन (Mometasone) का भी उपयोग कर सकते हैं। स्प्रे की हेल्प से नासल पॉलिप्स को छोटा करने में भी मदद मिलती है। ऐसा करने से नाक के ब्लॉक होने की समस्या भी सही हो जाएगी और आराम से सांस लेने में भी कोई समस्या नहीं होगी। सूजन दूर करने के लिए दवा भी प्रिस्क्राइब की जा सकती है

    संक्रमण के कारण नाक में स्वैलिंग

    अगर आपकी नाक में समस्या इंफेक्शन के कारण है तो डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स की सलाह दे सकता है। एंटीबायोटिक्स ट्रीटमेंट की हेल्प से कॉम्प्लीकेशन से बचने में मदद मिलती है।

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    एलर्जी के कारण नाक में स्वैलिंग

    अगर आपको क्रोनिक साइनसाइटिस एलर्जी के कारण हुआ है तो आपका डॉक्टर एलर्जिस्ट से मिलने की सलाह दे सकता है। फिर डॉक्टर एलर्जी का पता लगाने के लिए टेस्ट का सहारा लेंगे। फिर डॉक्टर एलर्जी से बचने के लिए ऐसी मेडिसिन देंगे जो कि शरीर के इम्युन सिस्टम को एलर्जी के खिलाफ मजबूत बना सके। हो सकता है कि एलर्जी शॉट्स का सालों तक कोई असर न दिखाई दे, लेकिन लंबे समय तक दवाएं लेने से एलर्जी के लक्षण दूर हो जाते हैं।

    नाक में सूजन की समस्या की जटिलताएं क्या है ?

    अगर नाक में स्वैलिंग की समस्या को सही से ट्रीट नहीं किया गया तो सांस लेने में समस्या हो सकती है। हो सकता है कि आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न प्राप्त हो पाए। लंबे समय तक अगर आपको नाक में स्वैलिंग की समस्या रहती है तो उस कारण से अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

    • सूंघने की क्षमता खत्म हो सकती है। ऑल्फेक्टरी नर्व (olfactory nerve) के डैमेज हो जाने के कारण ऐसा हो सकता है।
    • अगर सही समय पर इलाज न कराया गया तो इंफेक्शन आंखों तक भी पहुंच सकता है। इस कारण से आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
    • ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड मेम्बरेन में सूजन की समस्या हो सकती है।
    • इंफेक्शन स्किन और बोन्स में भी पहुंच सकता है।

    नाक की सूजन को कम करने के लिए घरेलू उपाय

    • नाक की सूजन की समस्या को अगर कुछ ही दिन हुए तो घरेलू उपाय भी अपनाया जा सकता है। आप नमक और पानी को मिलाकर एक घोल तैयार कर लें। फिर उस पानी की भाप लें। ऐसा करने से म्युकस आसानी से निकलने लगेगा। साथ ही नाक की सूजन में भी हेल्प मिलेगी।
    • खाने में तरल पदार्थों को शामिल करें। तरल पदार्थ म्यूकस को पतला कर देते हैं। ऐसा करने से नाक की स्वैलिंग की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
    • नाक में नमक के पानी का स्प्रे करें। नमक का पानी नाक के मार्ग को सूखने से रोकने का काम करेगा।
    • चेहरे पर गर्म तौलिया थोड़ी देर रखें। ऐसा करने से सूजी हुई नाक को आराम मिलेगा।
    • रात में सोते समय अपने सिर को ऊंचा रखें ताकि सोते समय सांस लेने में समस्या का सामना न करना पड़े।
    • ऐसे समय में क्लोरीन युक्त पूल में जाने से बचे। क्लोरीन युक्त पानी नाक में अधिक समस्या पैदा कर सकता है।
    • समस्या ज्यादा लग रही है तो तुरंत डॉक्टर से मिले। नाक में सूजन की समस्या अगर इंफेक्शन के कारण है तो समय बीतने के साथ ही इंफेक्शन फैल भी सकता है।

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    सर्जरी की सहायता से नाक की स्वैलिंग का इलाज

    कुछ रेयर केस में डॉक्टर सर्जरी के लिए भी कह सकता है। अगर होम ट्रीटमेंट और मेडिकेशन का असर नहीं होता है तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकता है। जानिए क्रोनिक साइनसाइटिस के लिए किस सर्जरी कि सहायता ली जा सकती है।

    एंडोस्कोपिक साइनर सर्जरी (Endoscopic sinus surgery)

    एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी की आवश्यकता तब हो सकती है जब क्रोनिक साइनसाइटिस की समस्या लम्बे समय से हो और दवा का कोई असर न हो रहा हो। यह क्रोनिक साइनसाइटिस के अधिकांश मामलों में भी अपनाई जाती है। एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी पुरानी साइनस सर्जरी से कहीं बेहतर है। इसके अलावा ये कम खर्चीली और कम समय में होने वाली सर्जरी है। हालांकि साइनस सर्जरी के बाद देखभाल की जरूरत पड़ती है।इस सर्जरी के कुछ विकल्प भी होते हैं।सर्जरी की जटिलताएं भी होती हैं जैसे कि हैवी ब्लीडिंग, आंख के आसपास चोट लगना या मस्तिष्क की चोट की लगना। ऐसा सौ में से एक ही मामला मिलता है। एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी की अधिकांश जटिलताओं को रोका जा सकता है। ये ज्यादातर मामलों में सुरक्षित रहती है।

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    नोज सर्जरी या डेविएटेड सेप्टम सर्जरी (Deviated septum surgery )

    इस सर्जरी के माध्यम से डॉक्टर नॉस्ट्रिल टिशू के बीच में आकार देने की कोशिश करता है। ऐसा करने से टिशू सही से व्यवस्थित हो जाते हैं। साथ ही सेप्टम सर्जरी की हेल्प से सांस लेने में भी आसानी होती है।

    नाक में सूजन की समस्या को हल्के में न लें। अगर आपको नाक के साथ ही फेस में सूजन दिख रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नाक में समस्या होने के कारण सांस लेने में भी समस्या होने लगती है। सांस सही से न लें पाने के कारण हो सकता है कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाए। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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