अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार कुछ विशेष प्रकार के लोगों को इस प्रक्रिया के लिए चुना जाता है।
- 55 से 80 वर्ष की आयु के बीच लोग
- जो लोग 30 साल से ज्यादा के समय से धूम्रपान (Smoking) कर रहे हो। यानी ऐसे व्यक्ति जो 30 वर्ष के लिए प्रति दिन एक पैकेट या 15 वर्ष तक प्रति दिन दो पैकेट सिगरेट धूम्रपान करते हैं।
- करंट स्मोकर या फिर ऐसा व्यक्ति जिसने 15 साल पहले स्मोकिंग (Smoking) करना छोड़ दिया हो।
लंग कैंसर के कारण क्या होते हैं? (Cause of Lung cancer)
लंग कैंसर का मुख्य कारण स्मोकिंग को माना जाता है। लेकिन अधिकांश केस में सेकेंड हैंड स्मोकिंग (Second hand smoking) के संपर्क में आने से लोगों को लंग कैंसर की समस्या हो सकती है। जिन लोगों ने जीवन में कभी भी स्मोकिंग (Smoking) नहीं की है, उन्हें भी लंग कैंसर की समस्या हो सकती है। ऐसे मामलों में लंग कैंसर का कारण स्पष्ट नहीं हो पाता है।
स्मोकिंग (Smoking) और लंग कैंसर (Lung cancer) का क्या संबंध है?
डॉक्टर्स का मानना है कि स्मोकिंग के कारण लंग सेल्स डैमेज होती हैं, जो लंग कैंसर का कारण बनती है। स्मोकिंग करने के कारण लंग टिशू में परिवर्तन आने लगते हैं। स्मोकिंग के कारण कैंसर कॉजिंग सब्सटेंस (कार्सिनोजेंस) के कारण फेफड़ों की सेल्स में चेंजेस होने लगते हैं। शुरुआत में तो शरीर डैमेज सेल्स को रिपेयर कर लेता है। समय के साथ ही लगातार स्मोकिंग करते रहने से जोखिम बढ़ने लगता है। लगातार स्मोकिंग फेफड़ों की सेल्स (Lungs cells) को खराब करने लगती है। इसी कारण से सेल्स में अचानक से तेजी से डिवीजन शुरू होने लगता है। यही वजह है कि सिगरेट पीने से लंग कैंसर का खतरा होने की संभावना बढ़ जाती है।
लंग कैंसर के प्रकार (Types of Lung cancer)
लंग कैंसर दो तरह के होते हैं। लंग कैंसर को माइक्रोस्कोप से चैक करने पर सेल्स के अपीयरेंस के आधार पर उसे दो टाइप में बांटा गया है। डॉक्टर कैंसर के टाइप का पता लगाने के बाद ही फेफड़ों के कैंसर का इलाज करता है।
स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small lung cancer)
स्मॉल सेल लंग कैंसर उन लोगों में पाए जाने की अधिक संभावना रहती हैं, जिन्हें स्मोकिंग की लत रहती है। ऐसे लोगों में नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर कम ही पाया जाता है।
नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर (Non small cell lung cancer)
नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर का यूज अधिकतर लंग कैंसर के लिए किया जा सकता है। इस तरह के कैंसर में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous cell carcinoma) और एडेनोकार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा (Adenocarcinoma and large) शामिल है।
लंग कैंसर का रिस्क फैक्टर (Risk factor of Lung cancer)
लंग कैंसर को कई फैक्टर प्रभावित कर सकते हैं। कुछ रिस्क फैक्टर को कंट्रोल किया जा सकता है। स्मोकिंग को कंट्रोल करके कैंसर के खतरे से काफी हद तक बचा जा सकता है।
लंग कैंसर के साथ जुड़े रिस्क (Myths of lung cancer)
स्मोकिंग (Smoking)
सिगरेट की संख्या बढ़ने के साथ ही लंग कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। उम्र की किसी भी अवस्था में सिगरेट छोड़ने से लंग कैंसर के रिस्क को कम किया जा सकता है।
सेकेंड हैंड स्मोकिंग (Second hand smoking)
जिस तरह से स्मोकिंग के कारण फेफड़े के कैंसर (Lung cancer) का खतरा रहता है, ठीक उसी तरह से सेकेंड हैंड स्मोकिंग भी खतरनाक होती है। अगर आपके घर में कोई अन्य व्यक्ति स्मोकिंग करता है तो उसका धुआं जिस व्यक्ति के पास जा रहा है, उसे भी कैंसर का उतना ही खतरा रहता है।
रेडॉन गैस के संपर्क में आने पर
मिट्टी में यूरेनियम के ब्रेकडाउन के कारण रेडॉन गैस प्रोड्यूस होती है। सांस लेने से रेडॉन गैस शरीर के अंदर पहुंच जाती है। आर्सेनिक, क्रोमियम और निकल आदि के शरीर में पहुंच जाने पर फेफड़े के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यदि कोई स्मोकिंग कर रहा है तो उस व्यक्ति को फेफड़े के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
लंग कैंसर के बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके (Precaution from lung cancer)
वैसे तो इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि लाइफस्टाइल में सुधार करके लंग कैंसर के जोखिम को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। फिर भी लंग कैंसर (Lung cancer) के खतरे को कम करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
स्मोकिंग को कहें न
अगर आपने कभी धूम्रपान नहीं किया है, तो स्मोकिंग कभी भी शुरू न करें। अपने बच्चों को धूम्रपान के नुकसान के बारे में बताएं ताकि वे समझ सकें कि स्मोकिंग के कारण फेफड़ों के कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।
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घर में राडॉन गैस की जांच कराएं
अगर आपका घर ऐसी जगह में बना है जहां राडॉन गैस का खतरा है, तो जांच अवश्य कराएं। घर को सुरक्षित बनाने के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग से जानकारी लेने के बाद उपचार करना बेहतर रहेगा।
टॉक्सिक केमिकल्स से बचें
कई बार जानकारी के अभाव में लोग जहरीले केमिकल्स के संपर्क में आ जाते हैं। खुद को जोखिम से बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करें। डॉक्टर से भी इस बात की जानकारी हासिल करें कि काम के दौरान जहरीले कैमिकल्स से कैसे बचा जा सकता है। कार्यस्थल में कार्सिनोजेन फेफड़ों के लिए जोखिम पैदा करती है।
खाने में फ्रूट्स और वेजीटेबल्स शामिल करें
पौष्टिक आहार लेना शरीर के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा रहता है। विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों के साथ एक स्वस्थ आहार चुनें। साथ ही एक्सरसाइज को भी अपने जीवन में स्थान दें। अगर आपको अपनी लाइफस्टाइल बदलनी है तो अचानक से शुरुआत न करें। रोजाना कुछ स्टेप्स को फॉलो करें।
कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए इंश्योरेंस भी किया जाता है। इंश्योरेंस के दौरान लंग कैंसर स्क्रीनिंग की भी जांच कर लेनी चाहिए।किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।अगर आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर या सर्जन से परामर्श करें।