स्टेज 3- ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए निप्पल को थोड़ा दबा कर देखें की कोई अजीब सा तरल पदार्थ तो नहीं निकल रहा है। 
स्टेज 4- चौथे स्टेज में लेट जाएं और आपने दाहिने हाथ से अपने बाएं स्तन को हल्के हाथ से दबा कर चेक करें की कोई गांठ तो नहीं है या दर्द तो महसूस नहीं हो रहा है। यही प्रक्रिया बाएं हाथ से दाएं स्तन को दबा कर दोहराएं। 
स्टेज 5- ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए पांचवें स्टेज में खड़े होकर स्तन की जांच करें। इस स्टेज में भी उंगलियों की मदद से स्तन को दबा कर चेक करें। 
ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने का यह सबसे आसान तरीका है। अगर स्तनों की जांच के दौरान ये कुछ लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। जैसे-
- ब्रेस्ट या निप्पल के आकार या रंग में कोई परिवर्तन,
- स्तनों के बगल में सूजन,
- ब्रेस्ट के एक तरफ असामान्य सूजन,
- ब्रेस्ट में गिल्टी,
- ब्रेस्ट के आकार और साइज में बदलाव,
- स्तनों में असामान्य सिकुड़न,
- अचानक से स्तन के आकार में असमानता (एक स्तन दूसरे से छोटा होना),
- निप्पल का अंदर की ओर धसना,
- ब्रेस्ट में कही भी गड्ढ़ा पड़ना,
- निप्पल और उसके आस पास की स्किन में ललिमा होना,
- ब्रेस्ट से पानी या खून निकलना,
- स्तन की त्वचा में असामान्य छिद्र होना,
- लिम्फ नोड्स में सूजन
स्तन कैंसर के लिम्फ नोड्स तक फैलने की वजह कॉलर बोन के आसपास स्वेलिंग आ सकती है। इसलिए, ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए आप हर महीने खुद से ब्रेस्ट चेकअप करते रहें। यदि आपको कुछ भी असमान्य दिखे तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए क्लीनिकल ब्रेस्ट परीक्षण (स्तन परीक्षण)
30 साल की उम्र से ज्यादा सभी महिलाओं को हर साल क्लीनिकल ब्रेस्ट टेस्ट (clinical breast test) जरूर कराना चाहिए। डॉक्टर चेकअप के लिए स्तन के निप्पल, ब्रेस्ट-स्किन, ब्रेस्ट शेप और साइज में परिवर्तन का सावधानी पूर्वक परीक्षण करेंगे। साथ ही ब्रेस्ट्स के बगल में भी जांच करेंगे जिससे लिम्फ नोड्स की किसी भी सूजन का पता लगाया जा सकें।
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ब्रेस्ट कैंसर का इलाज (Treatment for breast cancer)
ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज का पता करके स्तन कैंसर का इलाज तय किया जाता है इलाज में रेडिएशन, कीमोथेरेपी और सर्जरी होती है लेकिन, अगर आपको स्तन कैंसर का खतरा है, तो ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए नियमित रूप से स्तनों की जांच करते रहना चाहिए। कैंसर का पता जल्दी लगने से सर्वाधिक रिकवरी की उम्मीद ज्यादा रहती है।
लाइफस्टाइल को सही करके करें ब्रेस्ट कैंसर की संभावना कम
ब्रेस्ट कैंसर की संभावना कम करने के लिए अपनी लाइफस्टाइल को सही रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए टिप्स हैं-
स्तन कैंसर के लक्षणों का पता अगर जल्दी चल जाता है तो सर्जरी की जरूरत भी नहीं पड़ती है। इसलिए, अगर आप की उम्र 20 साल से ज्यादा है तो ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए बीच-बीच में ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करना जरूरी है। ध्यान रखें ब्रेस्ट कैंसर से छुटकारा पाना आसान है लेकिन, समय रहते इलाज शुरु करवाना जरूरी है। इसलिए शरीर के किसी भी हिस्से में हो रहे बदलाव को नजरअंदाज न करें। ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना ही आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहेगा।