ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा: कहां से उड़ी थी ये अफवाह ?
इस मिथक को सबसे पहले सिडनी रॉस सिंगर और सोमा ग्रिजमाइजर ने अपनी पुस्तक ‘ड्रेस्ड टू किल: द लिंक बिटवीन ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा’ में उठाया था। स्तन के आकार और स्तन कैंसर के जोखिम की जांच के दौरान उन्होंने ये बात कही थी। उन्होंने 1991 और 1993 के बीच 5,000 महिलाओं पर अध्ययन करने पर पाया कि स्तन कैंसर का जोखिम उन महिलाओं में बढ़ गया है, जिन्होंने अपनी ब्रा प्रति दिन 12 घंटे से अधिक पहनी थी। इस बारे में उन्होंने कई निष्कर्ष भी निकाले थे, जो कि मान्य नहीं है।
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ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक, जिन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सकता है:
- 99% ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को होता है।
- उम्र के साथ ब्रेस्ट कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है। लगभग 65% महिलाओं में 55 वर्ष से अधिक उम्र में ब्रेस्ट कैंसर डायग्नोज किया जाता है।
- 45 वर्ष की आयु के बाद, डार्क स्किन की तुलना में व्हाइट स्किन वाले लोगों को ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
- कैंसर की फैमिली हिस्ट्री है। कुछ इनहेरेटेड जीन म्यूटेशन होते हैं जो ब्रेस्ट कैंसर के होने का खतरा बढ़ाते हैं। हालांकि ऐसा 5-10 प्रतिशत मामलों में देखने को मिलता है।
- यदि आपको पहले ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो ये दोबारा हो सकता है, क्योंकि कुछ एब्नॉर्मल ब्रेस्ट सेल्स होते हैं जो इनवेसिव कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ाते हैं।
- पीरियड्स की शुरुआत (12 साल की उम्र से पहले) होने पर स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- मेनोपॉज देर से (55 साल की उम्र के बाद) शुरू होने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक, जिन्हें नियंत्रित किया जा सकता है:
- जो महिलाएं बच्चे को देर से जन्म देती हैं या बच्चा पैदा ही नहीं करती हैं उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। इसके विपरीत, कम उम्र में बच्चा करना और स्तनपान कराने से स्तन कैंसर होने का खतरा कम होता है।
- जो महिलाएं मेनोपोज के लिए हॉर्मोनल थेरेपी लेती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- अधिक वजन या मोटापे के कारण पोस्टमेनोपॉजल ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- फिजिकल एक्टिव न रहने से भी इसका जोखिम बढ़ जाता है।
- जो महिलाएं औसतन प्रतिदिन 2 ड्रिंक (एल्कोहॉल ) लेती हैं उनमें भी स्तन कैंसर का जोखिम 21 प्रतिशत ज्यादा होता है।
- जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान डाइथिलसटिलबिसट्रोल (Diethylstilbestrol) (DES) दवा लेती हैं उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक होता है।
- स्मोकिंग और टोबैको का सेवन करने से भी ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम होता है।
- गर्भनिरोधक दवाओं को लेने से भी स्तन कैंसर के विकास का जोखिम बढ़ सकता है। कुछ अध्ययनों में इस बात की पुष्टी नहीं हुई है वहीं कुछ में ऐसा पाया गया है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या है ?
ब्रेस्ट में गांठ, स्किन में बदलाव, निप्पल के आकार में बदलाव, स्तन का सख्त होना, स्तन के आस-पास (अंडर आर्म्स) गांठ होना, निप्पल से रक्त या तरल पदार्थ का आना या स्तन में दर्द महसूस होना ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। ऐसा एल्कोहॉल या सिगरेट का सेवन करना, पहले गर्भ धारण में देरी होना, बच्चों को स्तनपान न करवाना, शरीर का वजन अत्यधिक बढ़ना, बदलती लाइफस्टाइल, गर्भनिरोधक दवाईयों का सेवन करना या जेनेटिकल (परिवार में अगर किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो) कारणों की वजह से भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कैंसर से लड़ना संभव है अगर वक्त पर इलाज शुरू किया जाए। एक्सपर्ट्स का मानना है की ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज पर भी निर्भर करता है की पेशेंट को ठीक होने में कितना वक्त लगेगा।
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