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प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का निदान कैसे किया जाता है?
प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का निदान करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर आपको कुछ जरूरी टेस्ट कराने के निर्देश दे सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
बायोप्सी
प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए बायोप्सी की जा सकती है। बायोप्सी के दौरान स्तनों में बनने वाले गांठ के टिश्यू का एक नमूना लिया जाता है, जिसकी जांच की जाती है कि यह कैंसर के सेल्स के कारण है या सामान्य है। बायोप्सी की यह प्रक्रिया दो तरीकों से की जा सकती है। पहली स्थिति में एक सर्जिकल चीरे के माध्यम से स्तन के अंदर की त्वचा का नमूना लिया जाता है और दूसरा आउट पेशेंट प्रक्रिया इस प्रक्रिया में एक सूई के माध्यम से स्तन की त्वचा का नमूना लिया जाता है। बायोप्सी के दौरान आस-पास के अंगों को एनेस्थीसिया की मदद से सुन्न कर दिया जाता है, जिससे महिला को दर्द का एहसास नहीं होता है। बायोप्सी की प्रक्रिया दर्द रहित होती है।
माम्माप्रिंट (MammaPrint) टेस्ट
माम्माप्रिंट (MammaPrint) टेस्ट प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, इसकी उपलब्धता मौजूदा समय में सिर्फ बड़े शहरों के में ही है। इस टेस्ट की मदद से डॉक्टर कैंसर के प्रकार और विकास की जानकारी लगा सकते हैं, साथ ही इसके उपचार में कीमोथेरिपी की प्रक्रिया कितनी सफल हो सकती है, इसका भी अनुमान लगाया जा सकता है।
अल्ट्रासाउंड
प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड भी किया जा सकता है। अल्ट्रासाउंड के जरिए स्तनों के अंदर की तस्वीर प्राप्त की जाती है, जो स्तनों के अंदर बन रही किसी भी तरह की गांठ या कैंसर सेल्स के मौजूद होने की जानकारी प्रदान करता है।
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प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का उपचार कैसे किया जाता है?
प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट कैंसर का उपचार करने के लिए निम्न तरीके अपनाए जा सकते हैं, जिनमें से कुछ उपचार की प्रक्रियाएं प्रेग्नेंसी के दौरान ही शुरू की जा सकती हैंः
सर्जरी
सर्जरी की मदद से सर्जन स्तनो में पनपन रहे या कैंसर के गांठ और उसेक आस-पास की कुछ स्वस्थ टिश्यू को भी हटा देते हैं। सर्जरी की प्रक्रिया प्रेग्नेंसी के सभी चरणों में अन्य उपचार की प्रक्रिया के मुकाबले सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। हालांकि, सर्जरी की प्रक्रिया के दौरान गर्भ में बच्चे के विकास में कुछ जटिलताओं के होने का जोखिम हो सकता है।
कीमोथेरिपी
कीमोथेरिपी की प्रक्रिया में डॉक्टर कुछ दवाओं की मदद से कैंसर सेल्स को नष्ट कर देते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के लिए कीमोथेरिपी की सलाह डॉक्टर प्रेग्नेंसी की अवधि और महिला के स्वास्थ्य के आधार पर ही तय कर सकते हैं। गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने और गर्भावस्था के 35वें हफ्ते में कीमोथेरिपी की प्रक्रिया भ्रूण के विकास को बाधित कर सकती है। इसके अलावा इसका दुष्प्रभाव बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास पर जन्म के बाद भी देखा जा सकता है। आमतौर पर डॉक्टर्स कीमेथेरिपी की सलाह प्रसव के बाद ही देते हैं। किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि जिन महिलाओं में प्रसव के बाद कीमोथेरिपी की प्रक्रिया की गई थी उनके बच्चे प्रेग्नेंसी के दौरान कीमोथेरिपी की प्रक्रिया प्राप्त करने वाली महिलाओं के बच्चों के मुकाबले पूरी तरह से सुरक्षित और स्वस्थ पाए गए।
रेडिएशन थेरिपी
रेडिएशन थेरिपी की प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर ब्रेस्ट में बन रही कैंसर सेल्स को नष्ट करते हैं।
हार्मोन थेरिपी
हार्मोन थेरिपी की प्रक्रिया के जरिए भी प्रेग्रेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में कुछ प्रकार के ड्रग्स, जैसे- टैमोक्सीफन का उपयोग करके कुछ हार्मोन की वृध्दि को रोक दिया जाता है, ताकि कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जा सके। हालांकि, यह प्रक्रिया कितनी सुरक्षित है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति बच्चे पर कैसा प्रभाव डाल सकती है?
आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए अबॉर्शन का विकल्प सबसे आखिरी तौर पर लिया जा सकता है। हालांकि, ब्रेस्ट कैंसर भ्रूण को किस तरह से और कितना प्रभावित कर सकता है इसके बारे में उचित जानकारी नहीं है। लेकिन, प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट कैंसर बच्चे को प्रतिकूल रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा कुछ कैंसर कोशिकाएं नाल के जरिए बच्चे को प्रभावित कर सकती हैं। साथी ही, प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के दौरान की प्रक्रिया भ्रूण के विकास और स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। सामान्य रूप से, सर्जरी की प्रक्रिया गर्भावस्था के किसी भी तिमाही के दौरान सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। अगर कैंसर अपने शुरुआती चरण में है, तो डॉक्टर स्तन में बने गांठ या पूरे स्तन (मास्टेक्टॉमी) को ही हटाने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, अगर आप पहली या दूसरी तिमाही चल रही हैं, तो मास्टेक्टॉमी सर्जरी की ही सलाह दी जा सकती है।
क्या गर्भावस्था में स्तन कैंसर के उपचार के लिए एनेस्थीसिया का इस्तेमाल करना मां और बच्चे के लिए सुरक्षित है?
सामान्य तौर पर एनेस्थीसिया प्लेसेंटा और भ्रूण पर कोई प्रभाव नहीं करता है। इससे शिशु को कोई जन्म दोष या किसी अन्य प्रकार की गर्भावस्था की समस्या होने का खतरा भी बहुत कम या न के बराबर ही होती है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने सर्जन और स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर सकते हैं।
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क्या प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट कैंसर होने पर मैं अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा सकती हूं?
अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी में दौरान ब्रेस्ट कैंसर की समस्या है और उसने प्रसव के बाद इसका उपचार कराना शुरू किया हो, तो उसे बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराना चाहिए। इस दौरान बच्चे को दूध की पूर्ति कैसे करानी चाहिए इसके बारे में डॉक्टर से उचित सलाह और तरीकों के बारे में बात कर सकते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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