के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
कोलोरेक्टल कैंसर एक ऐसा कैंसर है जो पेट या मलाशय (rectum) में होता है। इस कैंसर को पेट (colon) का कैंसर या रेक्टल (rectal) कैंसर भी कहा जा सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कहाँ से शुरू होता है। कोलन कैंसर और रेक्टल कैंसर आमतौर पर एक जैसे होते हैं। बड़ी आंत को भी कोलन कहते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, 22 पुरुषों में 1 और 24 महिलाओं में से 1 को कोलोरेक्टल कैंसर होता है। इसके लिए कोलन या बड़ी आंत के कार्य को समझना भी जरूरी है।
बड़ी आंत या एक 6 फुट लंबी ट्यूब जैसी मांसपेशी होती है। यह छोटी आंत को मलाशय से जोड़ती है। कोलन शरीर का एक जरूरी अंग है। यह भोजन से जरूरी चीजें जैसे प्रोटीन-विटामिन लेता है और अपशिष्ट को अलग कर देता है। इसी के जरिए मल बनता है जिसे त्यागना जरूरी होता है। कोलन ही यूरिन भी बनाता है।
WHO के अनुसार, महिलाओं और पुरुष को होने वाले दूसरे सबसे आम कैंसर में पेट का कैंसर है। पहले नंबर पर लंग ट्यूमर आता है। 50 साल की उम्र में करीब 2 फीसदी लोगों को पेट का कैंसर हो जाता है। कोलोरेक्टल कैंसर का इलाज करवाने वाले 40% लोगों को एडवांस कैंसर होता है। इन रोगियों के लिए सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प है।
कोलोरेक्टल कैंसर पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। हालांकि पुरुष को यह कम उम्र में ही हो जाता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
कोलोरेक्टल कैंसर के चरण इस बात का पता लगाने में मदद करते हैं कि आपके शरीर में कैंसर किस हद तक फैल चुका है। आमतौर पर सभी प्रकार के कैंसर के चार चरण होते हैं। जैसे कि –
चरण 1 – यह कैंसर की शुरुआत होती है जिसमें कैंसर न तो किसी लिम्फ नोड्स तक फैल होता है और न ही अंगों तक।
चरण 2 – इस स्टेज में कैंसर अंदरूनी अंगों को क्षति पहुंचा चुका होता है, लेकिन बाहरी ऊतकों तक नहीं पहुंचा होता।
चरण 3 – इस स्तर तक आते-आते कैंसर तीन लिम्फ नोड्स तक फैल चुका होता है। हालांकि फिलहाल कैंसर अन्य अंगों तक नहीं पहुंचा होता है।
चरण 4 – इस चरण में कैंसर अन्य अंगों में फैल चुका होता है।
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कोलोरेक्टल कैंसर के सामान्य लक्षण हैं:
इनमें से कोई लक्षण दिखता है तो उपचार के लिए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर आप चार हफ्तों से इन लक्षणों में से कुछ का अनुभव करते हैं तो बीमारी गंभीर हो सकती है।
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यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण अपने शरीर में दिखता है तो कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से कार्य करता है। हमेशा अपने डॉक्टर के साथ चर्चा करनी चाहिए कि आपकी स्थिति के लिए सबसे अच्छा क्या है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है कि कोलोरेक्टल कैंसर कैसे हो जाता है। हालांकि, कई कारकों की पहचान वर्षों से की जा रही है। ऐसे में कोलोरेक्टल कैंसर के निम्न परिस्थितियों में होने की संभावना सबसे अधिक रहती है।
इस कैंसर के बारे में डॉ राहुलकुमार चव्हाण, सलाहकार सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, हीरानंदानी अस्पताल वाशी का कहना है, “कोलन हमारे पाचन तंत्र का हिस्सा है, जो लोग शारीरिक श्रम कम करते हैं, यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है, जिनकी डायट खराब होने के साथ व्यायाम नहीं करते हैं और उनकी लाइफस्टाइल भी अच्छी नहीं होती है। ऐसे लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर के होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे लाेगों में मोटापे की समस्या अधिक देखी जाती है और मोटापे से ग्रस्त लोगों में पेट की कई और भी बीमारियों के होने का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा, यह उन लोगों में भी ज्यादा देखा जाता है, जिनके परिवार में भी यह पहले किसी को हो चुका हो। इसिलए खाने को अच्छे से चबाकर खाना और पाचन का सही ढंग से होना जरूरी है।’
कोलोरेक्टल कैंसर बढ़ने के कई जोखिम कारक हैं, जैसे:
स्क्रीनिंग करके कैंसर बनाने वाले पॉलीप्स का पता लगाया जा सकता है। कैंसर बनने से पहले इसका उपचार करना जरूरी है। शुरुआती चरणों के दौरान ही पेट के कैंसर का पता लग जाए तो इलाज की संभावना बहुत अधिक होती है। कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सबसे आम जांच हैं—
इसमें रोगी के मल के नमूने की जांच होती है। यह सामान्य चिकित्सक के कार्यालय में किया जा सकता है। हालांकि ये टेस्ट 100 फीसदी सही नहीं होता है। ऐसा भी हो सकता है कि इसमें कैंसर का पता न चले। ऐसा भी हो सकता है कि मरीज को कैंसर होने के बावजूद डिटेक्ट न हो।
कोलोरेक्टल कैंसर के कई सारे इलाज उपलब्ध हैं। इसे कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी द्वारा ठीक किया जा सकता है।
सर्जरी- सर्जरी करके शरीर के उस हिस्से से ट्यूमर को निकाला जा सकता है।
कीमोथेरेपी- यह प्रक्रिया सर्जरी से पहले की जाती है। यह ट्यूमर को छोटा कर देती है।
रेडियोथेरेपी- यह सबसे मुश्किल और महंगी प्रक्रिया है। इसमें रेडिएशन बीम के द्वारा कैंसर सेल्स को खत्म किया जाता है। यह भी सर्जरी से पहले होने वाला इलाज है।
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है।
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अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और कोलोरेक्टल कैंसर से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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