कुछ लोगों में कैंसर रेमिशन (Cancer remission) का फेज जीवनभर रह सकता है वहीं कुछ लोगों में कैंसर वापस आ जाता है जिसे रिकरेंस (recurrence) कहते हैं। कैंसर रिकरेंस कई चीजों पर निर्भर करता है। जिसमें आपको किस प्रकार का कैंसर था, किस स्टेज पर कैंसर का पता चला और आपकी ओवरऑल हेल्थ आदि शामिल हैं। ट्रीटमेंट के दौरान ऐसा निश्चिता के साथ नहीं कहा जा सकता है कि आपका कैंसर वापस आएगा। जिन कैंसर का आखिरी स्टेज में (last stage of cancer) पता चलता है और जो कैंसर लिम्फ नोड (Lymph node) तक विकसित होते हैं वे सामान्यत: वापस आ जाते हैं। कैंसर रिकरेंस तीन प्रकार का होता है। जो निम्न हैं।
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लोकल रिकरेंस (Local recurrence)
इसमें कैंसर उसी जगह पर वापस आता है जहां पर यह पहले पाया गया था या उस जगह के बहुत करीब होता है। ये कैंसर लिम्फ नोड और बॉडी के दूसरे अंगों में नहीं फैला होता है।
रीजनल रिकरेंस (Regional recurrence)
इसमें कैंसर लिम्फ नोड्स या ओरिजनल केंसर के आसपास के टिशूज में रिकर होता है।
डिस्टेंट (Distant recurrence)
इसमें कैंसर बॉडी के किसी भी भाग में वापस आ सकता है।
क्या कैंसर रिकरेंस का उपचार किया जा सकता है? (Can cancer recurrences be treated?)

कई स्थितियों में लोकल और रीजनल रिकरेंस को ठीक किया जा सकता है। यहां तक कि अगर इसका पूरी तरह इलाज संभव ना हो भी ट्रीटमेंट कैंसर को शिरिंक कर सकता है या ग्रोथ को कम कर सकता है। यह पेन को कम करने के साथ ही दूसरे लक्षणों को भी कम कर सकता है। यह सर्वाइवल रेट भी बढ़ा सकता है। मरीज का ट्रीटमेंट उन्हीं फैक्टर्स पर आधारित होगा जिनके आधार पर पहली बार ट्रीटमेंट शुरू किया गया था। डॉक्टर इस आधार पर भी निर्णय लेंगे कि पहले पेशेंट को ट्रीटमेंट्स से क्या साइड इफेक्ट्स हुए थे और बॉडी ने ट्रीटमेंट के प्रति कैसे रिस्पॉन्ड किया था।
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मरीज को क्लिनिकल ट्रायल के लिए भी बुलाया जा सकता है। जहां लेटेस्ट ट्रीटमेंट और एक्सपेरिमेंटल मेडिकेशन की भी मदद ली जा सकती है। इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। आपको किस प्रकार का कैंसर है इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। रिकरेंस का जल्दी पता चलना जरूरी है। अगर इसके बारे में जल्दी पता चल जाता है तो लोकल रिकरेंस का इलाज हो सकता है। डिस्टेंड रिकरेंस के इलाज की भी संभावना होती है, लेकिन अर्ली डिटेक्शन इसको आगे फैलना से रोक सकता है।
कैंसर रेमिशन के दौरान हेल्दी रहने के तरीके
