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Bone Marrow Cancer: बोन मैरो कैंसर क्या है और कैसे किया जाता है इसका इलाज?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/02/2022

    Bone Marrow Cancer: बोन मैरो कैंसर क्या है और कैसे किया जाता है इसका इलाज?

    वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार साल 2018 में पूरे विश्व में तकरीबन 96 लाख लोगों की मौत कैंसर की वजह से हुई है। कैंसर तेजी से दुनियाभर में होने वाली एक आम बीमारी है, लेकिन वक्त रहते अगर कैंसर का इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा बीमारी भी बन जाती है। आज इस आर्टिकल में समझने की कोशिश करेंगे बोन मैरो कैंसर (Bone Marrow Cancer) से जुड़ी पूरी जानकारी।

    बोन मैरो कैंसर (Bone Marrow Cancer)

    • बोन मैरो कैंसर क्या है?
    • बोन मैरो कैंसर के प्रकार क्या हैं?
    • बोन मैरो कैंसर के लक्षण क्या हैं?
    • बोन मैरो कैंसर का कारण क्या है?
    • बोन मैरो कैंसर के लिए किये जाने वाले टेस्ट कौन-कौन से हैं?
    • बोन मैरो कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है?
    • बोन मैरो कैंसर की वजह से होने वाली परेशानी क्या हो सकती है?

    और पढ़ें : Cancer: कैंसर क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार

    बोन मैरो कैंसर (Bone Marrow Cancer) क्या है?

    बोन मैरो कैंसर (Bone Marrow Cancer)

    बोन मैरो कैंसर को ब्लड कैंसर (Blood Cancer) भी कहते हैं। दरअसल बोन मैरो कैंसर रेयर कैंसर की श्रेणी में आता है। यह तब होता है, जब मैरो में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। कई बार लोग यह समझने में गलती कर देते हैं कि यह हड्डियों का कैंसर है। बोन मैरो कैंसर अलग-अलग तरह के होते हैं।

    बोन मैरो कैंसर के प्रकार क्या हैं? (Types of Bone Marrow Cancer)

    यह कैंसर अलग-अलग तरह के होते हैं और यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह शरीर में किस तरह की कोशिकाओं पर अपना प्रभाव डालती हैं। इस आर्टिकल में आगे जानिए बोन मैरो कैंसर के प्रकार।

    मल्टीपल मायलोमा (Multiple myeloma): यह सबसे सामान्य तरह का बोन मैरो कैंसर है, प्लाज्मा सेल्स को प्रभावित करता है।

    ल्यूकीमिया (Leukemia): व्हाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करने वाले सेल्स को ल्यूकीमिया कहते हैं।

    लिम्फोमा (Lymphoma): लिम्फ नोड्स को प्रभावित करने वाली स्थिति को लिम्फोमा कहते हैं।

    यही तीन तरह के अलग-अलग बोन मैरो कैंसर होते हैं।

    बोन मैरो कैंसर के लक्षण क्या हैं? (Bone Marrow Cancer Symptoms )

    जिस तरह से बोन मैरो कैंसर अलग-अलग तरह के होते हैं, ठीक वैसे ही इसके लक्षण भी अलग-अलग तरह के होते हैं। बोन मैरो कैंसर के लक्षण इस प्रकार हैं:

    मल्टीपल मायलोमा के लक्षण (Multiple Myeloma Symptoms) इस प्रकार हैं 

    • अत्यधिक कमजोरी और थकावट महसूस होना
    • बार-बार प्यास लगना
    • बार-बार टॉयलेट जाना
    • शरीर में पानी की कमी महसूस करना
    • हड्डियों में दर्द महसूस होना
    • पेट दर्द होना
    • किडनी डैमेज होना या किडनी फेलियर होना

    ल्यूकेमिया के लक्षण (Leukemia Symptoms) इस प्रकार हैं

    • शरीर का तापमान बढ़ना (बुखार आना)
    • कमजोरी महसूस होना
    • बार-बार इंफेक्शन होना
    • अत्यधिक पसीना आना
    • रात के वक्त ज्यादा पसीना आना
    • हड्डियों में दर्द होना

    और पढ़ें : कोरोना काल में कैंसर के इलाज की स्थिति हुई बेहतर: एक्सपर्ट की राय

    लिम्फोमा के लक्षण (Lymphoma Symptoms) इस प्रकार हैं:

    • बॉडी में सूजन आना विशेष रूप से गर्दन, अंडरआर्म, हाथ, पैर या कमर में सूजन आना
    • भूख नहीं लगना या पेट भरा हुआ महसूस करना
    • सीने और कमर में दर्द महसूस होना
    • शरीर पर निशान (चकत्ते का निशान) पड़ना
    • वजन बढ़ना
    • रात के वक्त पसीना आना
    • शरीर में इचिंग होना या रैशेसज पड़ना
    • ठंड लगना और बुखार आना
    • जरूरत से ज्यादा बॉडी वेट कम होना
    • नसों में दर्द होना
    • बॉडी सुन्न होना या झुनझुनी महसूस होना
    इन लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।

    बोन मैरो कैंसर के कारण क्या हैं? (Causes Of Bone Marrow Cancer)

    यह अभी क्लियर नहीं है कि बोन मैरो कैंसर के मुख्य कारण क्या है, लेकिन निम्नलिखित शारीरिक तकलीफों या बीमारियों को इससे जोड़कर देखा गया है। जैसे:

    • केमिकल्स, क्लीनिंग प्रोडक्ट्स या एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स के संपर्क में आना
    • ऑटोमेटिक रेडिएशन के संपर्क में आना
    • कुछ खास वायरस जैसे एचआईवी, हेपेटाइटिस, रेट्रोवायरस या हर्पिस वायरस
    • प्लाज्मा डिसॉर्डर या सप्रेसेड इम्यून सिस्टम
    • जेनेटिक हिस्ट्री (परिवार में किसी को बोन मैरो कैंसर होना)
    • पहले की गई कीमोथेरिपी या रेडिएशन थेरिपी
    • स्मोकिंग करना
    • अत्यधिक एल्कोहॉल का सेवन करना
    • शरीर का वजन सामान्य से ज्यादा बढ़ना

    इन ऊपर बताये कारणों के अलावा अन्य कारण हो सकते हैं। इसलिए अपनी सेहत पर ध्यान दें और कोई तकलीफ या परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

    और पढ़ें : इन टेस्ट से चलता है वजायनल कैंसर का पता, जानिए इनके बारे में विस्तार से

    बोन मैरो कैंसर का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis Of Bone Marrow Cancer)

    अगर किसी व्यक्ति में बोन मैरो कैंसर के लक्षण नजर आते हैं, तो डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री जानने के बाद निम्नलिखित बॉडी टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। इनमें शामिल है:

    • ब्लड टेस्ट (Blood Test)- ब्लड टेस्ट के माध्यम से ब्लड काउंट पर भी ध्यान दिया जाता है। ब्लड टेस्ट से ही ट्यूमर मार्क्स को भी समझने में सहायता मिलती है।
    • यूरिन टेस्ट (Urine Test)- इस टेस्ट की मदद से प्रोटीन लेवल और किडनी फंक्शन को समझने में सहायता मिलती है।
    • इन दोनों टेस्ट के अलावा- एमआरआई (MRI), सीटी स्कैन (CT Scan) पीईटी (PET) एवं एक्स-रे (X-Ray)  करवाने की सलाह दी जाती है।
    • बोन मैरो की बायोप्सी की जा सकती है।
    • लिम्फ नॉड्स की जांच की जाती है, जिससे कैंसरस सेल्स की जानकारी मिलती है।

    और पढ़ें : Serum Glutamic Pyruvic Transaminase (SGPT): सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसएमिनेस (एसजीपीटी) टेस्ट क्या है?

    बोन मैरो कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? (Bone Marrow Cancer Treatments)

    बोन मैरो कैंसर का इलाज का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जाता है।

    1. कीमोथेरिपी
    2. बायोलॉजिकल थेरिपी
    3. रेडिएशन थेरिपी
    4. बोन मैरो ट्रांसप्लांट
    5. टार्गेटेड थेरिपी ड्रग्स

    1. कीमोथेरिपी (Chemotherapy): कीमोथेरिपी की मदद से कैंसरस सेल्स को नष्ट करने में सहायता मिलती है। इसकी डोज आपकी शारीरिक स्थिति और बीमारी की गंभीरता को देखते हुए दी जाती है।

    2. बायोलॉजिकल थेरिपी (Biological therapy): इम्यून सिस्टम की मदद से कैंसर के सेल्स को कम किया जाता है।

    3. रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy): इस थेरिपी की सहायता से कैंसर सेल्स को नष्ट करने के साथ ही ट्यूमर साइज को कम किया जाता है और दर्द से भी राहत मिलती है।

    4. बोन मैरो ट्रांसप्लांट (Bone Marrow Transplant): किसी डोनर की मदद से बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया जाता है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट के दौरान कीमोथेरिपी और रेडिएशन थेरिपी का हाई डोज दिया जाता है।

    5. टार्गेटेड थेरिपी ड्रग्स (Targeted therapy drugs): जिस तरह से कीमोथेरिपी और रेडिएशन थेरिपी की मदद से इलाज किया जाता है, ठीक वैसे ही टार्गेटेड थेरिपी ड्रग्स की भी मदद ली जाती है।

    इन ऊपर बताये गए इलाज के अलावा डॉक्टर पेशेंट्स को उनकी शारीरिक क्षमता के अनुसार गाइडलाइन देते हैं, जिसे पेशेंट्स को ठीक तरह से फॉलो करना चाहिए। अगर आप कैंसर या बोन मैरो कैंसर (Bone Marrow Cancer) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और बोन मैरो कैंसर से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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