स्ट्रेस
तनाव, चिंता और घबराहट की वजह से भी रात को सोते समय पसीना आ सकता है। कई बार नींद पूरी न होने के बाद भी घबराहट से पसीन आ सकता है। यदि ऐसा बार-बार हो रहा है तो आपको कई दूसरी परेशानी भी हो सकती है। अत: इस बारे में अपने डॉक्टर से तुरंत कंसल्ट करें।
न्यूरोलॉजिक स्थिति
ऑटोनोमिक डिसरिफ्लेक्सिया (Autonomic Dysreflexia), स्ट्रोक(Stroke), ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Autonomic Nuropathy) की परिस्थिति में भी रात को सोते समय पसीना आ सकता है।
रात को पसीना आने के पीछे निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं…
- एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorder)
- ओबेसिटी (Obesity)
- कार्डियोवैस्कुलर रोग (Cardiovasular Disease)
- लो ब्लड शुगर (Low Blood Sugar)
- पार्किंसन डिजीज (Parkinson’s Disease)
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ट्रीटमेंट
रात को पसीने आने का ट्रीटमेंट मेडिकल स्थितियों पर डिपेंड करता है। जैसे जिन लोगों का हार्मोनल संतुलन बिगड़ा है उन्हें हार्मोनल को बैलेंस करने की दवा रिकमेंड की जाती है। अगर अत्यधिक पसीने के आने के पीछे कोई कारण नहीं है तो नीचे बताई बातों का ध्यान रखें…
- ऐसी जगह पर सोएं जहां ठंडक हो और आप अच्छे से सांस ले सकें।
- सोने के लिए आरामदायक कपड़ों का चयन करें। सिंथेटिक कपड़ों को न पहनें। सोते वक्त गर्म कपड़ों को पहनने से बचें।
- अपने नीचे कॉटन की चादर बिछाकर सोएं। इसके साथ ही ऊपर ओढ़ने के लिए भी हल्की चादर का इस्तेमाल करें।
- अपना वजन मेंटेन रखें।
- रोजाना स्नान करें।
- दिन भर में जितना हो सके पानी पीएं। खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थों को लें।
- सोते वक्त एसी या पंखा चलाकर सोएं।
- सोने से पहले ब्रीथिंग एक्सरसाइज करें।
- एल्कोहॉल, कैफीन और मिर्च मसाले वाले खाने को एवॉइड करें।
- सोने जाने से दो से तीन घंटे पहले खाना खा लें।
अगर आपको भी रात को सोते समय बेवजह और बहुत ज्यादा पसीना आता है तो डॉक्टर से मिलें और अपनी जांच करवाएं, जिससे आपकी स्थिति के अनुसार पसीना आने का कारण पता लगाया जा सके। डॉक्टर की सलाह को मानें और आगे दिए निर्देशों का पालन करें। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। अगर आप इससे जुड़ी और कोई जानकारी चाहते हैं तो आप हमें कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा ये हमें कमेंट कर जरूर बताएं।
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