एंटीहिस्टामाइन (Antihistamines)

सर्दी और एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली ओवर-द-काउंटर दवा एंटीहिस्टामाइन से सुस्ती आना, एक सामान्य दुष्प्रभाव है। लेकिन, ये दवाएं लंबे समय तक उपयोग में लाई जाएं तो एंटी-स्लीपिंग पिल्स (anti-sleeping pills) से कम नहीं काम करती हैं। ये दवाएं आपकी नींद की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
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बीटा-ब्लॉकर्स (Beta blockers)
बीटा-ब्लॉकर्स दवाओं का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप (High blood pressure), अनियमित हार्ट बीट (दिल की धड़कन का असामान्य होना), एनजाइना (angina) जैसी गंभीर समस्याओं के लिए किया जाता है। लेकिन इनसे इंसोम्निया (insomnia) या नींद की अन्य समस्याएं हो सकती हैं। ज्यादा समय तक अगर इन दवाओं का सेवन जारी रखा जाए तो ये मेडिसिन एंटी-स्लीपिंग पिल्स का काम करने लगती हैं।
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ग्लूकोसामाइन और कोंड्रोइटिन (Glucosamine and chondroitin)
ग्लूकोसामाइन और कोंड्रोइटिन डायट्री सप्लिमेंट्स हैं जो जोड़ों के दर्द से राहत देने, जॉइंट्स फंक्शन में सुधार और सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि गठिया (अर्थराइटिस) के सप्लिमेंट्स में ग्लूकोसामाइन और कोंड्रोइटिन होते हैं। ग्लूकोसामाइन और कोंड्रोइटिन एंटी-स्लीपिंग पिल्स की तरह कैसे काम करते हैं। इस बारे में रिसर्चस पूरी तरह से निश्चित नहीं हैं। लेकिन, अध्ययन बताते हैं कि कई तरह के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल साइड इफेक्ट्स के चलते मतली, दस्त, सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या पैदा होने लगती है। फिर ये डायट्री सप्लिमेंट एंटी-स्लीपिंग पिल्स की तरह काम करने लगते हैं।