कोविड-19 के परीक्षण संबंधी असुविधाएं
असल में कोविड-19 के टेस्ट को लेकर भी बहुत तरह की प्रतिक्रियाएं हैं। कॉरपोरेट्स सभी का परीक्षण करने की सलाह देते हैं। लेकिन डॉ. वी. सत्या सुरेश अत्तिली का सोचना है कि रिसोर्सेस इतने कम है कि जहाँ जरूरत नहीं वहाँ इसका इस्तेमाल करने से संसाधन कम पड़ रहे हैं। जिनको वास्तविक जरूरत है उनका ही टेस्ट करवाना सही हो सकता है। लेकिन कभी सरकार यह कहती है कि जिनमें वायरस के लक्षण नजर आ रहे हैं सिर्फ उनकी ही जाँच करवाएं। मुश्किल तो यह है कि किसकी जाँच करवाएं, किसके नहीं इस सीमारेखा को निर्धारित करना बहुत ही मुश्किल का काम हो गया है। इस मुश्किल की घड़ी से निकलने का एकमात्र रास्ता है संसाधन की पर्याप्त आपूर्ति।
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आखिर कैंसर का स्क्रीनिंग टेस्ट कहाँ करवाएं?
डॉ. वी. सत्या सुरेश अत्तिली का कहना है कि कोरोना काल में कैंसर का इलाज के मामले में सही तरह से जवाब देना कुछ हद तक संभव है। उनकी सलाह है कि अगर कैंसर का खतरा कम है और कॉन्वेन्शनल स्क्रीनिंग करने की जरूरत है तो इस मामले में जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है, थोड़ा इंतजार कर सकते हैं। अगर कैंसर का रिस्क हाई है तो रिस्क के लेवल के आधार पर इंतजार किया जा सकता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरत है कि कभी भी कोई भी टेस्ट करवाने कम्युनिटी कैंप्स में न जाएं। यहाँ तो कोरोना का खतरा बिना बुलाए आपके घर आपके साथ आ सकता है। हाँ, शुरूआत में ही इसके लक्षण के आधार पर इलाज करने से वायरल के फैलने का खतरा कम हो सकता है।
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अब सवाल यह आता है कि क्या यहाँ भी नियम समान ही है?