युवतियों को स्तन कैंसर नहीं होता सोचना गलत
बता दें कि स्तन कैंसर हर उम्र वर्ग की युवतियों को अपना शिकार बना सकता है। साथ ही उम्र के बढ़ने से स्तन कैंसर का खतरा भी बढ़ता चला जाता है। इसलिए ध्यान रखें कि स्तन में होने वाले बदलाव के साथ उसमें होने वाली परेशानियों पर ध्यान दिया जाए। अगर किसी भी तरह की समस्या आ रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
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बाहरी चीजों के इस्तेमाल और ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ
डियोड्रेंट के इस्तेमाल से कैंसर
हालांकि लोगो के जीवन में केमिकल बहुत नकारात्मक भूमिका अदा करता है, लेकिन अगर आप ऐसा सोचते हैं कि डियोड्रेंट के कारण स्तन कैंसर पनपता हैं तो आप यहां गलत हैं। हालांकि इसमें कुछ ऐसे केमिकल जरूर होते हैं जो त्वचा के लिए हानिकारक साबित होते हैं। इस संदर्भ में पहले कई शोध सामने आए है। जिसमें इस बात को कहा गया है कि डियोड्रेंट का इस्तेमाल करने से ब्रेस्ट कैंसर होता है। लेकिन इस बात पर अभी तक कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है।
अंडर वायर ब्रा के इस्तेमाल से ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer Using Under Wire Bra)
अभी तक इस इस मिथ की पुष्टि नहीं हुई है यह बिना सबूत वाला डर भर है। दरअसल, एक किताब ‘ड्रेस्ड टू किल’ (Dressed To Kill) से इस मिथक की शुरुआत हुई। किताब में बताया गया है कि अंडर वायर के धातु से निकलने वाला जहरीला पदार्थ रक्त प्रवाह (Blood Circulation) को बाधित करता है। लेकिन इस थ्योरी को मेडिकल साइंस में कोई जगह नहीं मिलती।
स्तन कैंसर के उपचार से संबंधित ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ
ब्रेस्ट इम्पलांट (Breast Implant) से ब्रेस्ट कैंसर
यह भी एक मिथ ही है कि ब्रेस्ट इंमप्लांट से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। शोध के मुताबिक, ऐसा होने की बहुत कम संभावना होती है। करीब 10 लाख में 3 और स्तन प्रत्यारोपण (Implant) के बाद होने वाला कैंसर कप एलएसीएल (ALCL) कहा जाता है जो महिला के प्रतिरोधक क्षमता से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ होता है। लेकिन इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं।
प्रजनन उपचार से स्तन कैंसर (Breast Cancer And Fertility Treatment)
प्रजनन उपचार से स्तन कैंसर होता है इसका कोई वैज्ञानिक तथ्य अभी नहीं मिला है। इससे कोई कैंसर नहीं होता है। लेकिन 10 साल से ज्यादा समय तक गर्भनिरोधक गोलियां खाने से कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। पूरे स्तन को निकाल देने से कैंसर के बचने की संभावना रेडिएशन से लुम्पेक्टमी (lumpectomy) करने से ज्यादा होती है। दरअसल, दोनों ही उपचार ऑन्कोलॉजी के हिसाब से तो सही है। दोनों ही मामलों में मरीज के बचने की संभावना लगभग समान है। लेकिन कई मामलो में रेडिएशन थैरेपी ज्यादा कारगार साबित होती है।
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मैमोग्राफी (Mammography) रिपोर्ट नेगेटिव तो स्तन कैंसर नहीं
10 से 15 प्रतिशत मामलो में मैमोग्राफी रिपोर्ट में स्तन कैंसर का पता नहीं चल पाता है। क्योंकि मैमोग्राफी में स्तन में कुछ गांठें सिर्फ महसूस की जा सकती है लेकिन उन्हें देखा नहीं जा सकता। इसका कारण गांठों का अधिक छोटा होना होता है। ऐसे में मैमोग्राफी की रिपोर्ट के आधार पर यह सोच के बैठ जाना कि आपको स्तन कैंसर नहीं है तो आप यहां गलत साबित हो सकते हैं।
केवल कीमोथैरेपी (Chemotherapy) ही पक्का इलाज गलत
बता दें कि कीमोथैरेपी स्तन कैंसर में पक्का इलाज नहीं माना जाता है। क्योंकि स्तन कैंसर के शुरुआती स्तर पर डॉक्टर ज्यादातर मरीजों को कीमोथैरेपी की सलाह देते हैं।
स्तन में बन रहीं गांठों की सर्जरी कराना
यदि आपको स्तनों में गांठें महसूस हो रही हैं तो यह जरूरी नहीं कि आप सर्जरी द्वारा इसे निकलवा लें। बल्कि सच तो यह है कि कई स्तन कैंसर बिना किसी सर्जरी के भी ठीक हो सकते हैं।
एस्ट्रोजेन हॉर्मोन (Estrogen Hormone) स्तन कैंसर का कारण बनते हैं
अभी तक ऐसा कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आया है जिससे यह साबित हो कि एस्ट्रोजेन पिल्स से स्तन कैंसर होता हो। बता दें कि स्तन कैंसर 15 प्रकार के होते हैं। प्रत्येक स्तन कैंसर आक्रामक और घातक होता है। पहले ‘कूकी कटर’ को स्तन कैंसर का बेहतर इलाज माना जाता था। लेकिन हर महिला में होने वाला स्तन कैंसर समान नहीं होता है। इसलिए जरूरी है कि पहले स्तन कैंसर की जांच और उसके कारणों का पता लगाकर ही उसका इलाज कराना चाहिए।
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