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ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर: मौत के मुंह से वापस आईं रूचि धवन
रूचि ने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए बताया, ‘ मैं बहुत खुश हूं कि मैंने इस जानलेवा बीमारी का डटकर सामना किया। हालांकि, भविष्य में यह कभी भी मुझे अपने शिकंजे में ले सकती थी लेकिन, मेरे पति ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। बता दूं कि लॉकडाउन के दौरान घर में नौकरानी न होने की वजह से घर का सारा काम मैं खुद ही कर रही थी और आज भी अपने घर का काम बिना की किसी शारीरिक परेशानी के कर रही हूं। दरअसल, मैं कभी ऐसा सोचती ही नहीं हूं कि मैं कभी बीमार भी हुई थी। मेरी हालिया जांच में भी कैंसर के कोई लक्षण नजर नहीं आए हैं। यह मेरे लिए दूसरा जीवनदान है जो मुझे मेरे परिवार और डॉक्टर्स की बदौलत मिला है।’
ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर: जंग जीतने के बाद रूचि ने किया डॉक्टर्स का धन्यवाद
ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर, रूचि के हालात को देखकर कई डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था, लेकिन आज 10 साल बाद भी वह एक जिंदादिली लाइफ जी रही हैं। कोरोना वायरस की वजह से लगे लंबे लॉकडाउन में भी वह पूरा घर अकेले ही संभाल रही थीं और अब तक वह अपने तीन यूट्यूब चैनल भी बना चुकी हैं। रूचि अपने इन यूट्यूब चैनल्स पर म्यूजिक और कूकरी को लेकर नई-नई बातें बताती हैं। वहीं, रूचि ने खुद के पूरी तरह से ठीक होने पर पटपड़गंज में मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शाखा के डॉक्टर्स और स्टाफ को दिल से धन्यवाद भी किया है।
डॉक्टर्स बोले कैंसर की चौथी स्टेज (Breast cancer stage 4) एक बड़ी चुनौती
वहीं, डॉक्टर मीनू वालिया ने बताया, ‘भारत में ब्रेस्ट कैंसर के अधिकतर ऐसे मामले सामने आते हैं, जब वे अपनी चौथी स्टेज में होते हैं, जो कि कैंसर की आखिरी स्टेज मानी जाती है। इस स्टेज पर कैंसर मरीज के पूरे शरीर के ज्यादातर हिस्सों में असर छोड़ चुका होता है। यह बहुत ही निराशाजनक है कि चौथी स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर के बाद मरीज का सर्वाइवल रेट केवल पांच साल का होता है। इस स्टेज पर डॉक्टरों के लिए इलाज करना भी बहुत मुश्किल होता है। लेकिन कहते हैं ना कि इलाज से बेहतर परहेज है। तो ऐसे में सभी महिलाओं को सलाह देना चाहूंगी कि वह समय-समय पर अपनी शारीरिक जांच जरूर करवाएं और खुद से भी अपनी शारीरिक हरकतों को नोटिस करती रहें। साथ ही एक हेल्दी रूटीन और लाइफस्टाइल को फॉलो करें।’
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क्या कहते हैं डॉक्टर्स
निष्कर्षत कह सकते हैं कि डॉक्टर्स इस बार पर जोर देते हैं कि 40 साल की उम्र के बाद महिलाएं अपने स्तनों में होने वाले बदलावों को महसूस कर उनकी जांच करवाएं। साथ ही खुद भी शरीर में होने वाले परिवर्तनों पर ध्यान दें। ब्रेस्ट संबंधी शिकायत होने पर नियमित रूप से मैमोग्राफी कराने से शुरुआती स्तर पर बीमारी को पकड़ा जा सकता है ताकि भविष्य में किसी बड़े खतरें से बचा जा सके। अगर आपको विभिन्न प्रकार के कैंसर के बारे में जानकारी चाहिए तो हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ब्रेस्ट कैंसर के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।