ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer): रुचि धवन ने खुद बताया कैसे हुई चूक
बुलंद हौसले और हिम्मत से कैंसर को मात देने वाली रूचि धवन ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया, ‘मेरी मां, मौसी और कजिन भी ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो चुकी हैं और मेरे पिताजी को प्रोस्टेट कैंसर हुआ था। वहीं, साल 2010 की शुरुआत में मुझे अपने दाएं स्तन में एक गांठ महसूस हुई लेकिन, ऑफिस वर्क के प्रेशर की वजह से, मैं इसे नजरअंदाज करती रही। इस दौरान मैं अपने दोनों बेटों की देखभाल में भी लगी रहती थी। ऐसे में खुद का चेकअप कराने में मुझे तकरीबन नौ महीने का समय लग गया, लेकिन उस वक्त मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई थी, जब डॉक्टर ने बताया था कि मुझे लास्ट स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर है। डॉक्टर ने मुझे यह भी बताया कि कैंसर मेरे शरीर के बाकी हिस्सों में फैलता जा रहा था।
और पढ़ें: स्तनपान करवाने से महिलाओं में घट जाता है ओवेरियन कैंसर का खतरा
[mc4wp_form id=”183492″]
ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर: मुसीबत में रूचि के लिए ढाल बने ये लोग
ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर, रूचि ने आगे बताया, ‘यह जानने के बाद मैं पूरी तरह टूट चुकी थी और खुद को बहुत कमजोर महसूस करने लगी थी। मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि इस बात को मैं अपने बच्चों को कैसे बताऊंगी कि मैं अब ज्यादा दिन नहीं जी पाउंगी। लेकिन, जब मैंने अपने परिवार को अपनी बीमारी के बारे में बताया तो वे मेरे पूरे इलाज के दौरान एक ढाल बनकर खड़े रहे और उन्होंने मुझे कभी ऐसा महसूस नहीं होने दिया कि मैं कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रही हूं। वहीं, मुझे डॉक्टर मीनू वालिया पर भी पूरा भरोसा था। ऐसे में परिवार के साथ और डॉक्टर के विश्वास ने मुझे कैंसर से लड़ने की ताकत दी और मेरी इच्छाशक्ति को बलवान किया। वहीं, साल 2014 और 2019 में मेरी रीढ़ की हड्डी (Spine) में कैंसर पनपने लगा था लेकिन दोनों ही बार मुझे स्तनों में कोई शिकायत नहीं हुई थी, लेकिन मैं अब पूरी तरह स्वस्थ हूं।
और पढ़ें: कोरोना काल में कैंसर के इलाज की स्थिति हुई बेहतर: एक्सपर्ट की राय
ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर: मौत के मुंह से वापस आईं रूचि धवन
रूचि ने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए बताया, ‘ मैं बहुत खुश हूं कि मैंने इस जानलेवा बीमारी का डटकर सामना किया। हालांकि, भविष्य में यह कभी भी मुझे अपने शिकंजे में ले सकती थी लेकिन, मेरे पति ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। बता दूं कि लॉकडाउन के दौरान घर में नौकरानी न होने की वजह से घर का सारा काम मैं खुद ही कर रही थी और आज भी अपने घर का काम बिना की किसी शारीरिक परेशानी के कर रही हूं। दरअसल, मैं कभी ऐसा सोचती ही नहीं हूं कि मैं कभी बीमार भी हुई थी। मेरी हालिया जांच में भी कैंसर के कोई लक्षण नजर नहीं आए हैं। यह मेरे लिए दूसरा जीवनदान है जो मुझे मेरे परिवार और डॉक्टर्स की बदौलत मिला है।’
ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर: जंग जीतने के बाद रूचि ने किया डॉक्टर्स का धन्यवाद
ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर, रूचि के हालात को देखकर कई डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था, लेकिन आज 10 साल बाद भी वह एक जिंदादिली लाइफ जी रही हैं। कोरोना वायरस की वजह से लगे लंबे लॉकडाउन में भी वह पूरा घर अकेले ही संभाल रही थीं और अब तक वह अपने तीन यूट्यूब चैनल भी बना चुकी हैं। रूचि अपने इन यूट्यूब चैनल्स पर म्यूजिक और कूकरी को लेकर नई-नई बातें बताती हैं। वहीं, रूचि ने खुद के पूरी तरह से ठीक होने पर पटपड़गंज में मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शाखा के डॉक्टर्स और स्टाफ को दिल से धन्यवाद भी किया है।