इम्यून सिस्टम उन प्रोटीन्स का निर्माण करते हैं जिन्हें एंटीबॉडीज कहा जाता है, जो कि शरीर में पनप रहीं कैंसर कोशिकाओं को तलाशने का काम करते हैं। सभी एंटीबॉडीज कैंसर सेल्स से मिलकर लड़ते हैं। कुछ एंटीबॉडीज अकेले भी यह काम करते हैं और कुछ कीमोथेरेपी जैसे टॉक्सिस पदार्थ से जुड़े होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं का नाश करने काम करते हैं।
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चेकप्वाइंट इनहिबिटर्स (Checkpoint Inhibitors)
इम्यूनोथेरेपी में ‘चेकप्वाइंट इनहिबिटर्स’ पदार्थों को खत्म किया जाता है। क्योंकि, चेकप्वाइंट सतह के पीछे कुछ कैंसर कोशिकाओं जमी होती हैं जिन्हें इम्यून सिस्टम ढूंढने में कामयाब नहीं हो पाता है। ऐसे में इनहिबिटर्स इन चेकप्वाइंट को हटाने का काम करते हैं ताकि, इम्यून सिस्टम कैंसर सेल्स को ढूंढ इसका प्रभाव कम कर सके।
कैंसर वैक्सीन (Cancer Vaccine)
- कैंसर के दौरान नियमित रूप से दिए जाने वाले कैंसर वैक्सीन इम्यून सिस्टम को कण्ठमाला (Mumps) या खसरा ( Measles) जैसी बीमारी में लड़ने में मदद करता है। बता दें कि कैंसर वैक्सीन के दो प्रकार हैं।
- प्रीवेंटिव वैक्सीन (Preventive Vaccine) जिसे प्रोफिलेक्टिक वैक्सीन (Prophylactic Vaccine) भी कहते हैं, यह कैंसर को रोकने में मददगार होती है।
- ट्रीटमेंट वैक्सीन (Treatment Vaccine) जिसे थेराप्यूटिक (Therapeutic) वैक्सीन भी कहा जाता है। इसमें कैंसर रोगी का इम्यून सिस्टम मजबूत किया जाता है जो कैंसर से लड़ने मदद करता है।
- बता दें कि अमेरिका में दो तरह की कैंसर प्रीवेंटिव वैक्सीन होती हैं। पहला ह्यूम पैपिलोमावायरस (HPV) और दूसरी हेपाटाइटिस बी वायरस। वहां, मेटास्टेटिक और प्रोस्टेट कैंसर के लिए भी ट्रीटमेंट वैक्सीन उपलब्ध है।
साइटोकिन्स (Cytokines)
साइटोकिन्स नामक प्रोटीन्स इम्यून सेल्स की वृ्द्धि और कार्यक्षमता को नियंत्रित करता है। यह कैंसर के खिलाफ इम्यून सिस्टम को मजबूत भी करता है। इसमें दो तरह के प्रोटीन्स पहला इन्टरफेरोन्स (Interferons) जो कैंसर से लड़ने वाली इम्यून सेल्स का निर्माण करते हैं। दूसरा इंटरन्यूकिंस (Interleukins) जो कि इम्यून सेल्स में एक-दूजे में संपर्क बनाने का काम करता है।
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3-सीएआर-टी-सेल्स थेरिपी (CAR-T Cells Therapy)
इम्यून सिस्टम में मौजूद टी सेल्स को फाइटर सेल्स भी कहते हैं, जो शरीर को वायरस और अन्य बीमरियों से बचाती हैं। CAR T- सेल्स थेरिपी कैंसर में एक ऐसा ट्रीटमेंट है, जिसमें ये सेल्स कैंसर से डटकर मुकाबला करती हैं। इस विधि में डॉक्टर्स सबसे पहले खून से टी-सेल्स को निकालते हैं। इसके बाद वे इन सेल्स के जीन को बदलते हैं। ऐसा वे इसलिए करते हैं ताकि, शरीर में मौजूद कैंसर सेल्स को ढूंढकर उसे मिटाया जा सके। इसके बाद डॉक्टर्स शरीर में दोबारा टी-सेल्स को डालने का काम करते हैं।
4-रेडिएशन थेरिपी ( Radiation Therapy)
कैंसर के एडवांस ट्रीटमेंट में से एक रेडिएशन थेरिपी भी है। इसमें कैंसर कोशिकाओं को रेडिएशन के जरिए खत्म किया जाता है। कैंसर के रेडिएशन थेरिपी ट्रीटमेंट में नए तरीकों को जोड़ा गया है। आइए जान लेते हैं….