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कैंसर के उपचार के दौरान होने वाले ओरल कॉम्प्लिकेशन (Oral complications from cancer treatment)
आमतौर पर कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरिपी और रेडिएशन थेरिपी का सहारा लिया जाता है और इन दोनों का ही मरीज की ओरल हेल्थ (oral health) पर गहरा असर पड़ता है।
कीमोथेरिपी के दौरान ओरल कॉम्प्लिकेशन (oral complications during chemotherapy) में शामिल है-
मुंह के छाले या ओरल म्यूकोसाइटिस (oral mucositis)— म्यूकस मेंब्रान्स (mucous membranes) की सूजन और छाले के कारण दर्द होता है और यह संक्रमण का खतरा बढ़ा देता है।
मुंह में खून आना (bleeding in the mouth) – कीमोथेरिपी का बोन मैरो (bone marrow) पर असर होता है जिसकी वजह से ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है और इसकी के परिणामस्वरूप मुंह में खून आने लगता है।
दांतों की सड़न- दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी भी हो सकती है।
मुंह सूखना या जेरोस्टोमिया (xerostomia)— कीमोथेरिपी मुंह की लार को भी प्रभावित करता है। इसकी वजह से लार कम बनती है और मुंह सूखा रहता है। इससे बोलने, चबाने, मुंह खोलने और कुछ निगलने में परेशानी होती है। लंबे समय तक यदि यह समस्या बनी रहती है तो इससे कैविटी और दांतों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है।
स्वाद बदल जाना और दर्द- मरीज को खाने का स्वाद पता नहीं चला और उसे मुंह के अंदर दर्द भी महसूस होता है।
जब मरीज दांत या मुंह के दर्द, स्वाद बदलने और निगलने में हो रही परेशानी की वजह से ठीक से कुछ खा और पी नहीं पाता है तो इससे डिहाइड्रेशन (dehydration) और कुपोषण (malnutrition) का खतरा बढ़ जाता है।
रेडिएशन थेरिपी के दौरान ओरल कॉम्प्लिकेशन (oral complications during radiation therapy) में शामिल है-