कहते हैं सर्दी, खांसी या जुकाम जैसी तकलीफों को दूर करने के लिए लौंग बेहद लाभकारी है। वैसे अगर आपको कोई कहे ‘लौंग कोलोन कैंसर पेशेंट के लिए भी लाभकारी है, तो शायद आप सोच में पड़ जाएं।’ खैर सुनी-सुनाई बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, लेकिन नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट की मानें, तो कोलोन कैंसर डायट में लौंग को शामिल किया जा सकता है। लौंग के सेवन से कब्ज की तकलीफ को दूर करने के साथ-साथ बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में भी मदद मिल सकती है।
कैसे करें लौंग का सेवन?
कोलोन कैंसर डायट में लौंग का सेवन करने के लिए हल्का भून लें और फिर इसका सेवन करें। इससे कोलन को साफ रखने में मदद मिलेगी और कोलोन कैंसर की तकलीफ भी दूर होगी।
3. एलोवेरा (Aloe vera)

ब्यूटी रेमिडीज के तौर पर एलोवेरा के खासियत से हमसभी वाहकीफ हैं। लेकिन एलोवेरा, कोलोन कैंसर की तकलीफ को दूर करने या यूं कहें कि कैंसर की इस बीमारी से बचाये रखने में भी मददगार है। एलोवेरा के सेवन से कोलन में जमा होने वाले विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद मिलती है।
कैसे करें एलोवेरा का सेवन?
एलोवेरा जूस का सेवन नियमित करने से लाभ मिल सकता है।
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4. सेब (Apple)

‘एन एप्पल ए डे कीप्स डॉक्टर अवे’ इस कहावत से तो हमसभी परिचित हैं और सेब से कोलोन कैंसर की समस्या से भी निजात पाने में मदद मिल सकती है। दरअसल रिसर्च के अनुसार सेब में एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं, जो कोलोन कैंसर के खतरे को कम करने में आपकी सहयता कर सकता है। सेब के सेवन से बॉडी डिटॉक्सिफाई भी होती है।
कैसे करने सेब का सेवन?
सुबह एक सेब रोजाना खाएं। अगर मॉर्निंग टाइम में आप किसी भी कारण से सेब का सेवन नहीं कर पा रहें हैं, तो दिन में एक सेब खाने की आदत डालें।
5. फ्लैक्स सीड्स (Flax seeds)

रिसर्च के अनुसार अलसी इंटेस्टाइनल फ्लोरा को सुरक्षा प्रदान करता है। अलसी के सेवन से कोलन में मौजूद टॉक्सिन या इकट्ठा होने वाले टॉक्सिन से बचा जा सकता है। कोलोन कैंसर डायट में अलसी के बीज या फ्लैक्स सीड्स को शामिल करने से इस तकलीफ से बचा जा सकता है या भविष्य में होने वाले कोलोन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
कैसे करें फ्लैक्स सीड्स का सेवन?
फ्लैक्स सीड के पाउडर को सलाद या सब्जियों में मिक्स कर इसका सेवन किया जा सकता है।
6. दही (Curd)

पेट को ठंडक पहुंचाने के साथ-साथ दही से अच्छे बैक्टीरिया का निर्माण होता है। दही के नियमित सेवन से कोलन को साफ रखने में मदद मिल सकती है। यही नहीं दही के नियमित सेवन से पेट से जुड़ी अन्य बीमारियों से दूर रहने में मदद मिल सकती है। ऐसा इसलिए होता है कि दही में प्रीबायोटिक बैक्टीरिया होता है, जो कोलन को साफ रखने सक्रिय होता है।
कैसे करें दही का सेवन?
ताजे दही का सेवन लंच में किया जा सकता है।
7. ग्रीन टी (Green Tea)

रिसर्च के अनुसार ग्रीन टी का सेवन कैंसर की रोकथाम में सहायक होता है, क्योंकि इसमें मौजूद कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट कोलोन कैंसर, लिवर कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर की संभावना को कम करता है।
कैसे करें ग्रीन टी का सेवन?
ग्रीन टी का सेवन 1 या 2 बार ही करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। अगर इसका सेवन जरूरत से ज्यादा किया जाय इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
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8. अखरोट (Walnut)

नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार अखरोट के सेवन से कोलोन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। दरअसल इसमें गामा-टोकोफेरोल, अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, फाइटोस्टेरॉल एवं मेलाटोनिन जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो सिर्फ कोलोन कैंसर ही नहीं, बल्कि प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को भी कम करने में सहायक होता है।
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कैसे करें अखरोट का सेवन?
नियमित रूप से एक एक से दो अखरोट का सेवन किया जा सकता है।
9. क्रैनबेरिज (Cranberries)

क्रैनबेरिज में फाइबर, विटामिन-सी और एंटीऑक्सिडेंट जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो कैंसर के खतरे को कम करने में सहायक होते हैं।
कैसे करें क्रैनबेरिज का सेवन?
जिस तरह से अन्य फलों का सेवन किया जाता है, वैसे ही इसका सेवन करने से लाभ मिल सकता है।
अगर आप कोलोन या कोलोन कैंसर डायट (Colon Cancer Diet) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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