#कैंसरकीकहानीआपकीजुबानी, सीरीज में आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं नरेंद्र कुमार शर्मा से। 70 साल के नरेंद्र शर्मा की कहानी जब आपको पता चलेगी, तो आप अपनी छोटी-मोटी बीमारी को भूल जाएंगे। जी हां, उम्र के इस पड़ाव पर इस बुजुर्ग ने कैंसर से ऐसी लड़ाई लड़ी है, जो किसी नौजवान के लिए भी आसान नहीं होती है। दरअसल, नरेंद्र कुमार शर्मा को लंग कैंसर (Lung Cancer) था। आसान शब्दों में कहें, तो यह एक तरह का कैंसर है, जो स्मॉल सेल लंग सर्किनोमा (Small Cell Lung Carcinoma) के नाम से जाना जाता है। उनके दाएं फैफड़े में मेटास्टेटिक सीए (Metastatic CA) की भी समस्या थी। इतना ही नहीं नरेंद्र इसके साथ-साथ ब्रेन मेट्स (Brain Mets) की बीमारी से भी जूझ रहे थे। हैरानी की बात तो यह है कि नरेंद्र 70 साल की उम्र में लंग कैंसर की चौथी स्टेज (Advance Satge of Cancer) में सांसें ले रहे थे। शायद ही आपको पता हो कि लंग कैंसर का यह प्रकार खतरनाक कैंसर में से एक है, जिसमें मरीज के लिए पल-पल जान का खतरा बना रहता है। लंग कैंसर वॉरियर, नरेंद्र शर्मा जैसे बहुत कम लोग हैं, जो इस बीमारी को मात देकर नई जिंदगी जिंदगी का लुत्फ उठा रहे हैं। मेडिकल साइंस में इस कैंसर से बचने की उम्मीद ना के बराबर है और वो भी तब जब मरीज अधेड़ उम्र में चौथी स्टेज में हो। तो चलिए आर्टिकल में जानते हैं कि कैसे नरेंद्र शर्मा ने अपने मजबूत इरादों, इच्छाशक्ति और डॉक्टरों की मेहनत और लगन से इस जानलेवा बीमारी को चारों कोने चित कर दिया। इस वर्ल्ड कैंसर डे (world Cancer day) पर जानें फेफड़ों का कैंसर होने पर कैसे जीती जंग-