क्या मैं हेल्दी लंग्स के लिए फिजिकल एक्सरसाइज भी कर सकता हूं?
किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियों को व्यायाम के रूप में गिना जाता है। यह कोई खेल भी हो सकता है जैसे रनिंग, स्विमिंग या टेनिस। इसके अलावा इसमें साइकलिंग, स्विमिंग और वॉकिंग को भी शामिल किया जा सकता है। दैनिक जीवन का हिस्सा रहने वाली बागवानी और साफ- सफाई करना भी फिजिकल एक्टिविटीज में गिनी जाती है।
स्वस्थ रहने के लिए, आपको सप्ताह में पांच दिन 30 मिनट का हल्का व्यायाम करना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए 4 से 6 किमी प्रति घंटे की गति से चलना बेहतर व्यायाम हो सकता है। यदि आपको कोई फेफड़ों से जुड़ी समस्या है, तो आपको धीमी गति से चलना होगा ताकि आप आसानी से सांस ले सकें और फेफड़ों पर ज्यादा प्रेशर न आए।
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फिजिकल एक्सरसाइज के दौरान फेफड़ों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
जब आप व्यायाम करते हैं और आपकी मांसपेशियां कड़ी मेहनत करती हैं, तो आपका शरीर अधिक ऑक्सीजन का उपयोग करता है और अधिक कार्बन डाइऑक्साइड पैदा करता है। इस अतिरिक्त मांग के लिए आपकी ब्रीदिंग जब आप आराम कर रहे होते हैं कि तुलना में काफी अधिक बढ़ जाती है, जो कि एक मिनट में 40-60 टाइम्स होती है। इस दौरान हमारे फेफड़ों में 100 लीटर हवा तक जाती है। और जब हम आराम कर रहे होते हैं तो यह 15 टाइम्स के लगभग होती है। इस दौरान 12 लीटर के लगभग हवा लगभग फेफड़ों तक जाती। हमारा संचलन मांसपेशियों को ऑक्सीजन लेने की गति प्रदान करता है ताकि वे अच्छी तरह चलती रहें।
- व्यायाम के दौरान, शरीर के दो महत्वपूर्ण अंग एक्टिव होते हैं: हृदय और फेफड़े।
- फेफड़े शरीर में ऑक्सीजन लाते हैं, ऊर्जा प्रदान करते हैं, और जब आप ऊर्जा का उत्पादन करते हैं, तो कार्बन डाइऑक्साइड को हटाते हैं।
- हृदय उन मांसपेशियों को ऑक्सीजन पंप करता है जो व्यायाम में शामिल हैं।
लंग्स को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम का भी सहारा लिया जा सकता है। इसलिए निम्नलिखित व्यायाम से फेफड़ों को स्वस्थ्य रखें। जैसे:
एरोबिक्स (Aerobics):
एरोबिक्स फेफड़ों को स्वस्थ्य रखने में अहम भुमिता निभाता है। एरोबिक्स की मदद से हार्ट एवं लंग्स को मजबूती प्रदान करता है, जिससे मांसपेशियां स्ट्रॉन्ग होती हैं ऑक्सिजन सप्लाई भी बेहतर होता है। एरोबिक्स की मदद से सांस लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।
रिब स्ट्रेचिंग (Rib Stretching):
फिटनेस एक्सपर्ट्स के अनुसार रिब स्ट्रेचिंग वर्कआउट से लंग्स स्ट्रॉन्ग होते हैं और वे बेहतर तरीके से कार्य भी करने में सक्षम होते हैं। इस आसान एक्सरसाइज के दौरान आपको सीधे खड़े रहकर सांस छोड़ना है और फिर सांस लेना है। जितना संभव हो सके उतना इन्हेल और एग्झिल करें। इस प्रक्रिया को तेजी से न कर आराम से करें।
कार्डिओ एक्सरसाइज (Cardio Exercise):
फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कार्डियो एक्सरसाइज बेहतर माना जाता है। नियमित रूप से आधे घंटे कार्डिओ एक्सरसाइज की मदद से लंग्स को हेल्दी रखा जा सकता है।
पुशिंग आउट (Pushing Out):
ब्रीदिंग हैबिट्स अच्छी बनाने के साथ-साथ लंग्स को फिट रखने के लिए पुशिंग आउट व्यायाम किया जा सकता है। पुशिंग आउट करने से पहले फिटनेस एक्सपर्ट से इस बारे में समझें और फिर शुरुआत करें।
इन बातों पर दें विशेष ध्यान
अगर आपको ब्रीदिंग से संबंधित किसी प्रकार की कोई परेशानी है जैसे सांस लेने में तकलीफ, कम सांस आना, किसी काम को करने के बाद बहुत अधिक थकान महसूस होना, सांस लेते वक्त चेस्ट में पेन होना या क्रोनिक कफ, तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। सांस लेने में कमी (Feeling short of breath) लंग से जुड़ी बीमारियों का एक पहला और सामान्य लक्षण है।