कितना सुरक्षित है अलसी का सेवन? (How safe is flaxseed consumption?)
कुछ ही लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि अलसी के बीज शरीर को गर्मी देते हैं। इसलिए आप गर्भवती हैं या फिर शिशु को स्तनपान करवा रही हैं, तो अलसी के बीजों को सेवन न करें। इस नाजुक वक्त में असली का सेवन करने से आपके और आपके बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है। इसलिए इस दौरान अलसी का सेवन करने से पहले हर्बलिस्ट और डॉक्टर से पहले सलाह लें।
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अलसी की बीजों के साइड इफेक्ट (Side effect of using Flax Seeds In Hindi)
अलसी के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं :
अलसी के सेवन से जुड़े दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
- पेट फूलना
- पेट दर्द
- कब्ज
- डायरिया
- सूजन
- गैस
- छाती और नसों के बीच दर्द होना
हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हों ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको अलसी के बीजों के सेवन के दौरान इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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अलसी के बीज के प्रभाव (Interaction of using Flax Seeds In Hindi)
अलसी के बीज (Flaxseed) के सेवन से अन्य किन-किन चीजों पर प्रभाव पड़ सकता है?
अलसी के सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं, उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।
अलसी के सेवन से नीचे बताई गई बीमारियों पर प्रभाव पड़ सकता है :
- मधुमेह (डायबीटिज)
- प्रोस्टेट की समस्या
- सिजोफ्रेनिया
- शौच में रुकावट
- रक्त विकार (Bleeding disorders)
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़े रोग (Gastrointestinal (GI) obstruction)
- हॉर्मोन सेंसटिव कैंसर
- उच्च ट्राइग्लिसराइड स्तर (हाइपरट्रिग्लिसराइडिमिया)
- निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन)
- उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर)
इन दवाइयों के असर को भी प्रभावित कर सकते है अलसी के बीज :
- डायबिटीज की दवाइयां (एंटीडायबिटीक ड्रग्स) : अलसी के बीज ब्लड शुगर का लेवल कम कर सकते हैं। डायबिटीज की दवाइयां भी ब्लड शुगर (Blood sugar level) के लेवल को कम करती हैं। इसलिए अगर आप डायबिटीज की दवाइयों के साथ अलसी के बीजों का सेवन करते हैं, तो आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा कम हो सकता है। कोशिश करें कि नियमित रूप में अपने ब्लड शुगर का ध्यान रखें और ऐसी हालत में आपको डायबिटीज की दवाइयों की खुराक भी बदलनी पड़ सकती है। डायबिटीज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाओं में ग्लिमेपीराइड (एमरील), ग्लाइबुराइड (डायबेटा, ग्लीनेज प्रेसटैब, माइक्रोनेज), इंसुलिन, पियोग्लिटाजोन (एक्टोस), रोसिगैलेजोन (अवांडिया), क्लोरप्रोपामाइड (डायबायनीज), ग्लिपिजाइड (ग्लूकोटरोल) (ग्लूकोल), शामिल हैं।
- दवाएं जो शरीर में खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को धीमा करती हैं (एंटीकोआगुलेंट / एंटीप्लेटलेट ड्रग्स) : अलसी के बीज खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। वहीं अगर आप पहले से ऐसी दवाइयां खा रहे हैं, जो ब्लड क्लॉटिंग को धीमा करती है, तो ऐसे में अलसी के बीज खाने से स्थिति गंभीर हो सकती है। इस हालत में हल्की चोट या खरोच लगने पर भी देर तक ब्लीडिंग होने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए इससे परहेज करें। कुछ मुख्य एंटीकोग्लुएंट दवाइयां ये हैं – एस्पिरिन, क्लोपिडोग्रेल (प्लाविक्स), डाइक्लोफेनाक (वोल्टेरेन, काटाफ्लम, अन्य), इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन, अन्य), नेप्रोक्सन (एनप्रॉक्स, नेप्रोसिन, अन्य), डाल्टेपेरिन (फ्रैग्मिन)।