उपरोक्त दिए गए ट्रीटमेंट के साथ ही घरवालों का इमोशनल सपोर्ट भी पेशेंट को बहुत जरूरी होता है। इनके अलावा भी ऐसे कई लक्षण है जो अभी भी विशेषज्ञों द्वारा पहचाने नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
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सिजोफ्रेनिया के मरीज की मदद कैसे करें
अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसे सिजोफ्रेनिया हो तो उससे बारे में बात करें। आप किसी को प्रोफेशनल थेरेपिस्ट की मदद लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं। बस उन्हें किसी की मदद लेने के लिए प्रेरित करें और अपने करीबियों से बात करने के लिए कहें।
यदि वह व्यक्ति खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है या अपने काम ठीक तरह से नहीं कर पाता है तो आपको उन्हें डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए। कुछ गंभीर मामलों में अस्पताल में भी भर्ती करवाना पड़ सकता है।
सिजोफ्रेनिया में मन में सुसाइड करने के विचार भी आते हैं। अगर आपके किसी करीबी को ऐसे विचार आ रहे हैं तो हमेशा कोई न कोई उनके साथ रहे और उन्हें कभी भी अकेला न छोड़े।
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आशा है कि आपको सिजोफ्रेनिया के कारण आने वाले बदलाव के बारे में सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अगर आपके घर में कोई भी व्यक्ति सिजोफ्रेनिया से पीड़ित है तो बेहतर होगा कि आप जांच कराएं और व्यक्ति का हर पल सहयोग करें। आप डॉक्टर से जरूर जानकारी लें ऐसे व्यक्ति की देखभाल कैसे की जाए।