मेनोपॉज के बाद सेक्स के लिए आप चाहें, तो स्टैंडिंग पोजिशन को अपनाकर सेक्स कर सकती हैं। इसमें आप और आपके पार्टनर दोनों ही कंफर्टेबल महसूस करेंगे।
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मेनोपॉज के बाद सेक्स और एसटीडी के कनेक्शन को जानें
पीरियड्स न होना का कतई अर्थ नहीं है कि आपको सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज भी न हो। यदि आप किसी नये पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं, तो आपको सेफ सेक्स पर ध्यान देना चाहिए। कॉन्डोम या फिर अन्य प्रोटेक्शन का इस्तेमाल कर आप एसटीडी से बचाव कर सकती हैं।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
मेनोपॉज के बाद असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण हो सकती हैं यह बीमारियां
- एचपीवी यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस- एचपीवी का पूरा नाम ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है। यह वायरल इंफेक्शन है, जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट या सेक्शुअल रिलेशन से फैलता है। यह वायरस आपके जननांगों, मुंह और गले को प्रभावित करता है। सीडीसी के मुताबिक, एचपीवी सबसे आम यौन संचारित इंफेक्शन है। इसके कुछ प्रकार जेनाइटल वार्ट्स के विकास और सर्विक्स, एनस और थ्रोट कैंसर का कारण बन सकते हैं। अधिकतर पुरुषों में इससे संक्रमित होने पर कोई लक्षण नहीं दिखता है और कुछ में जेनाइटल वार्ट्स का विकास हो जाता है। वहीं, एक अनुमान के मुताबिक 80 प्रतिशत महिलाओं को जीवन में कभी न कभी एचपीवी के किसी न किसी प्रकार के संपर्क में आती ही हैं।
- हर्पीस- हर्पीस सिंप्लैक्स वायरस के कारण हर्पीस होता है। इसकी वजह से जननांगों और मुंह के आसपास जख्म और छाले हो जाते हैं। यह वायरस मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है, पहला एचएसवी-1 जो मुंह और आसपास की त्वचा पर ओरल हर्पीस का विकास करता है। दूसरा एचएसवी-2 जो जेनाइटल हर्पीस का कारण बनता है और यह एक यौन संचारित इंफेक्शन होता है। अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो वह जीवनभर इससे ग्रसित रहता है। हालांकि, कुछ लोगों में इसके लक्षण दिख सकते हैं और कुछ में नहीं। इसके लक्षण दिखने के बाद ही इस वायरस के प्रकार की जांच की जाती है। इसका इलाज मुमकिन नहीं है, हालांकि इसके लक्षणों को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
- ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis) – ट्राइकोमोनिएसिस एक यौन संचारित इंफेक्शन है, जो कि पैरासाइट के कारण होता है। महिलाओं में ट्राइकोमोनिएसिस के कारण वजायनल डिसचार्ज में बदबू, जननांगों में खुजली और पेशाब करते समय दर्द महसूस हो सकता है। वहीं, पुरुषों में ट्राइकोमोनिएसिस के कारण आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन फिर भी इसके कारण पीनस के अंदर खुजली, पेशाब या स्पर्म निकलने के साथ जलन और पीनस डिसचार्ज हो सकता है। अगर किसी गर्भवती महिला को ट्राइकोमोनिएसिस होता है, उनको प्रीमैच्योर बेबी होने की ज्यादा आशंका होती है। इससे बचाव के लिए आपको अन्य यौन संचारित इंफेक्शन की तरह कॉन्डोम का इस्तेमाल करना चाहिए।
- क्लेमेडिया (Chlamydia) – यह भी एक यौन संचारित इंफेक्शन है, जो कि क्लेमेडिया ट्रैकोमेटिस बैक्टीरिया के कारण होता है। आमतौर पर इसके लक्षण न के बराबर दिखते हैं और यह एंटीबायोटिक्स की मदद से आसानी से ठीक किया जा सकता है। लेकिन इसे अगर शुरुआती समय में ही नहीं ठीक किया गया, तो यह शरीर के अन्य अंगों तक भी फैल सकता है और लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। यह आमतौर पर असुरक्षित वजायनल, एनल और ओरल सेक्स के माध्यम से फैलता है। यह इंफेक्शन जननांगों के संपर्क से फैलता है।
- गोनोरिया (Gonorrhea) – गोनोरिया भी एक सेक्शुअली ट्रांमिटेड इंफेक्शन है, जो कि बैक्टीरिया के कारण फैलता है। यह पुरुष और महिला दोनों को प्रभावित करता है। यह अक्सर यूरेथ्रा, रेक्टम और गले को संक्रमित करता है। महिलाओं में यह सर्विक्स को भी प्रभावित करता है। यह भी आमतौर पर वजायनल, ओरल और एनल सेक्स के माध्यम से फैलता है, जिसका कॉन्डोम के इस्तेमाल से बचाव किया जा सकता है।
- एचआईवी/एड्स और सिफलिस भी कुछ अन्य प्रकार के यौन संचारित इंफेक्शन हैं, जो कि सीनियर सिटीजन को भी अपना शिकार बना सकती हैं।
किसी भी उम्र में सुरक्षित यौन संबंध बनाने के लिए इन तरीकों को आजमाएं
- आपको अपने पार्टनर के साथ बातें करनी चाहिए
- कई मामलों में आपको डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता पड़ सकती है, किसी बीमारी या फिर लंबे समय के बाद यदि आप सेक्स ट्राय कर रहीं हैं, तो उचित यही होगा कि आप डॉक्टरी सलाह लेने के बाद ही शारिरिक संबंध कायम करें
- यदि आपको और आपके पार्टनर में किसी को सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (एसटीआई) नहीं है, तो बिना किसी प्रोटेक्शन के आप सेक्स को कैसे एंजॉय करें। इसको लेकर प्लान बनाएं, फिर उसे ट्राय कर एंजॉय करना बेहतर होगा
- हमेशा तैयार रहें, इसके तहत आप हमेशा अपने साथ कॉन्डोम लेकर चलें ताकि जरूरत पड़ने पर सुरक्षित यौन संबंध कायम कर सकें
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डॉक्टरी सलाह की पड़ सकती है जरूरत
हमारा शरीर हमेशा एक समान नहीं रहता है, ऐसे में हमें कई बार डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता पड़ सकती है। इसलिए बढ़ती उम्र में या फिर यूं कहें मेनोपॉज के बाद सेक्स लाइफ को एंजॉय करने के लिए आपको अपने पार्टनर के साथ बेहिचक बातें करने के साथ डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। वहीं शारीरिक बदलावों के बारे में डॉक्टर को बताकर उचित कदम उठाना चाहिए। सिर्फ इतना ही नहीं इस उम्र तक आते-आते आपको सेक्स को लेकर अपने पार्टनर से ओपनली बात करनी चाहिए, ताकि किसी प्रकार की समस्या हो तो दोनों मिलकर उसका निदान कर सकें।