पेल्विक एग्जाम (Pelvic exam): इसमें डॉक्टर आपकी योनि में गलव्स पहनकर अंगुलियों को डालता है और आपके पेट के अंगों को महसूस करने के लिए पेट पर हाथ दबाता है।
इमेजिंग टेस्ट (Imaging tests): टेस्ट जैसे पेट और श्रोणि के अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन (CT Scan), आपके अंडाशय के आकार और संरचना को निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं।
ब्लड टेस्ट (Blood tests): बल्ड टेस्ट में ओर्गन फंक्शन टेस्ट शामिल हो सकते हैं, जो आपकी ओवरऑल हेल्थ को निर्धारित करने में मदद करते हैं।
सर्जरी (Surgery): कई मामलों में डॉक्टर इसे डायग्नोज करने के लिए आपकी सर्जरी कर सकते हैं। इस सर्जरी में डॉक्टर ओवरी को हटाकर कैंसर के लक्षण देख सकते हैं।
ओवेरियन कैंसर ट्रीटमेंट (Ovarian cancer treatment)
ओवेरियन कैंसर ट्रीटमेंट में सर्जरी और कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा अधिक गंभीर मामलों में रेडियोथेरेपी का भी उपयोग किया जा सकता है। ओवेरियन कैंसर ट्रीटमेंट कैंसर की स्टेज, प्रकार और मरीज पर निर्भर करता है।
ओवेरियन कैंसर ट्रीटमेंट में डॉक्टर सबसे पहले सर्जरी का विकल्प चुनते हैं। सर्जरी की मदद से ट्यूमर वाले अंडो को निकाल दिया जाता है। हालांकि, अभी भी कैंसर फैलने की आशंका रहती है। ऐसे में अन्य उपचार जैसे कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आंकड़ों की माने तो कीमोथेरेपी (Chemotherapy) रेडियोथेरेपी (Radiotherapy) के मुकाबले अधिक प्रभावशाली मानी जाती है। हम उम्मीद करते हैं कि ओवेरियन कैंसर के खतरे पर आधारित यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। इस आर्टिकल में हमने ओवेरियन कैंसर के खतरे से जुड़ी जानकारी दी है। ओवेरियन कैंसर ट्रीटमेंट की बेहतर और अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है।