(ii) स्टेज II B- स्टेज III के दूसरे स्टेज में ब्रेस्ट में सूजन की शुरुआत हो सकती है। ऐक्सिलरी लिम्फ नॉड्स के अलावा इंटरनल मैमरी लिम्फ नॉड्स तक ट्यूमर पहुंच सकता है या ऐसा नहीं भी हो सकता है। शरीर के अन्य हिस्से में अभी तक नहीं फैलता है।
(iii) स्टेज III C- 10 या उससे ज्यादा ऐक्सिलरी लिम्फ नॉड्स तक ट्यूमर फैल सकता है।
5. स्तन कैंसर के चरण या ब्रेस्ट कैंसर स्टेज IV-
स्टेज IV में ट्यूमर का साइज बढ़ने के साथ-साथ यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे लंग्स, ब्रेन, लिवर, लिम्फ नोड्स, चेस्ट या हड्डियों तक फैल जाता है। कैंसर की बीमारी का पता चलते ही मैटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर का नाम देते हैं।
स्तन कैंसर की अगर शुरुआत है, तो स्तन सर्जरी कर हटाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। रेडिएशन और कीमोथेरिपी की प्रोसेस स्तन कैंसर के सर्जरी के बाद अनिवार्य है। इसलिए ध्यान रखें इस बीमारी से छुटकारा पाना आसान है लेकिन, समय रहते इलाज शुरु करवाना जरूरी है। इसलिए शरीर के किसी भी हिस्से में हो रहे बदलाव को नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आपकी मां या परिवार (ब्लड रिलेशन) में जैसे मां या मौसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, वो अब ठीक हो चुकीं हैं या वो ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट हैं तो बेटी को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। इसे मां से होने वाली बीमारी कह सकते हैं। ऐसी स्थिति में महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपके ब्लड रिलेशन में कैंसर पेशेंट हैं तो आप अपने ब्रेस्ट की जांच करें ब्रेस्ट कैंसर स्टेज के बारे में ज्यादा से ज्यादा समझने की कोशिश करें। दरअसल स्तन में गांठ महसूस होने पर कैंसर की संभावना हो सकती है, लेकिन यह भी ध्यान रखें की हर गांठ कैंसर नहीं होती है। कैंसर बदलती लाइफ स्टाइल और जेनेटिकल दोनों कारणों के वजह से होने वाली बीमारी है। कैंसर एक्सपर्ट्स के अनुसार लगभग 5-10 प्रतिशत स्तन कैंसर के मामले ज्यादातर जेनेटिकल होते हैं।
करा सकती हैं जीन टेस्ट
इन जीनों की पहचान जीन 1 (BRCA1) और स्तन कैंसर जीन 2 (BRCA2) के रूप में की गई है। इसलिए परिवार में कभी कोई स्तन कैंसर से पीड़ित रह चुका है, तो आप इन जींस (genes) का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट करवा सकती हैं । यही नहीं लंबी महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सामान्य हाइट वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है। एक रिसर्च के अनुसार जिन महिलाओं की हाइट 5’3″ से ज्यादा होती है, उनमें स्तन कैंसर की संभावना होने की 10 से 20 प्रतिशत संभावना बढ़ जाती है। हॉलैंड के कुछ वैज्ञानिकों के द्वारा की गई रिसर्च की मानें तो ज्यादा हाइट वाली महिलाओं का शारीरिक विकास कम उम्र में ही तेजी से होता है। इसकी वजह से उनमें हॉर्मोन्स में बदलाव भी तेजी से होता है। इस वजह से उन्हें ब्रेस्ट कैंसर की आशंका अधिक रहती है।
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