ज्यादातर नई नसों का दिखना ब्रेस्टफीडिंग या शरीर के बढ़ते वजन की वजह से हो सकते हैं लेकिन, अगर ऐसे बदलाव या अन्य बदलाव होने पर इसे नजरअंदाज करना बेहतर नहीं होगा और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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स्तन के नसों में बदलाव- कारण 4: ब्रेस्ट सर्जरी (Breast surgery)
ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन की वजह से स्तन की नसें दिखने लगती हैं। कई लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं होती है की ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन के बाद स्तन की नसों में बदलाव होगा और वह आसानी से नोटिस भी की जा सकेगी। इसलिए अगर ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन हुआ है, तो स्तन की नसों का दिखना सामान्य हो सकता है।
स्तन के नसों में बदलाव- कारण 5: मॉन्डोर्स डिजीज (Mondor’s disease)
मॉन्डोर्स डिजीज काफी रेयर होता है लेकिन, यह कैंसरस नहीं होता है। यह बीमारी महिला और पुरुषों दोनों में होता है लेकिन, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यह परेशानी ज्यादा होती है। मॉन्डोर्स डिजीज होने पर ब्रेस्ट या चेस्ट की नसों में सूजन आ जाता है और ऐसी स्थिति में नसें आसानी से दिखने लगती हैं। इस समस्या को सुपरफिशियल थ्रोम्बोफ्लेबिटिस (Superficial thrombophlebitis) भी कहते हैं।
महिलाओं में मॉन्डोर्स डिजीज ब्रेस्ट सर्जरी, जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज या अत्यधिक टाइट ब्रा पहनने की वजह से होता है वहीं पुरुषों में इसका कारण अत्यधिक वर्कआउट करना बताया जाता है। ऐसी स्थिति में कैंसर का खतरा हो सकता है लेकिन, ऐसा बहुत कम होता है।
स्यूडोएंजियोमोटस स्ट्रोमल हाइपरप्लासिया (Pseudoangiomatous stromal hyperplasia (PASH)) भी कुछ कारणों में से एक माना जाता है। यह ध्यान रखना चाहिए की PASH होने पर स्तन की नसें दिखने लगती हैं और लंप बनने के साथ-साथ अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर सर्जिकल बायोप्सी की मदद से PASH या कैंसर की जानकारी लेते हैं।
इन कारणों से स्तनों में बदलाव होने पर न हो परेशान
कई बार महिलाओं को पीरियड्स के दौरान भी स्तनों में बदलाव महसूस होता है। जब किसी भी कारण से शरीर में हार्मोनल चेंज होता है तो उसका असर स्तनों में दिखाई पड़ता है। पीरियड्स के पहले एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ जाता है। इस कारण से मिल्क डक्ट और ग्लैंड्स में सूजन आ जाती है। इस कारण से ब्रेस्ट आम दिनों के मुकाबले अलग दिखाई पड़ते हैं। साथ ही स्तनों में हल्की गांठ का एहसास भी हो सकता है। बाद में सामान्य भी हो जाते हैं। वहीं वेट गेन और वेट लॉस के दौरान भी ब्रेस्ट में परिवर्तन दिखाई देता है। अगर फिर भी आपको किसी प्रकार की समस्या महसूस हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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स्तन के नसों में बदलाव या उनका नसों के दिखाई देने से बचने के लिए इलाज की जरूरत पड़ती है?
गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान अगर स्तन की नसों में बदलाव आता है या यह ज्यादा दिखने लगते हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं हो सकती है। ब्रेस्ट की नसों में बदलाव प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही देखने को मिल सकती है। कभी-कभी इन नसों का दिखना बेबी डिलिवरी के बाद ठीक भी हो सकता है लेकिन, स्तनपान करवाने की वजह से फिर से नसें दिखाई दे सकती हैं। रिसर्च की माने तो कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट की नसों में बदलाव प्रेग्नेंसी के बाद भी रह सकते हैं।
इससे बचने के लिए निम्नलिखित विकल्प अपनाये जा सकते हैं। जैसे: –
- लेजर ट्रीटमेंट जैसे इंडोवेनस लेजर थेरिपी (Endovenous laser therapy) की मदद से कुछ दिखाई देने वाले नसों को संकुचित किया जाता है।
- स्क्लेरोथेरिपी (Sclerotherapy) की दौरान इंजेक्शन की मदद से दिखने वाली नसों को कम किया जाता है।
- कभी-कभी ब्रेस्ट के नसों में बदलाव को दूर करने के लिए रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (Radiofrequency ablation) की भी मदद ली जाती है। इससे ब्रेस्ट कैंसर का भी इलाज किया जाता है।