7.चने का सत्तू दिलाता है गर्भावस्था में मतली से राहत
गर्भधारण करने के बाद अगर महिला को बार-बार उल्टी आए तो गर्भावस्था में मतली के उपचार के तहत भूने हुए चने के सत्तू में नमक, चीनी और पानी घोलकर पिएं। इससे उल्टी की समस्या दूर होती है।
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आपको बता दें कि जो महिलाएं हार्मोनल गर्भनिरोधक या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (एचआरटी) का उपयोग करती हैं, उनमें भी मॉर्निंग सिकनेस के समान लक्षण हो सकते हैं। डॉक्टर नुपुर गुप्ता (गायनेकोलॉजिस्ट, वेल वुमन क्लिनिक, गुड़गांव) एक हेल्थ वेबसाइट के साथ बात करते हुए इस बारे में जानकारी देती हैं। उनके अनुसार तनाव, अधिक मेहनत और डीहाइड्रेशन मॉर्निंग सिकनेस को बढ़ा सकता है। अगर गर्भवती महिला के गर्भ में जुड़वां बच्चे पल रहे हैं या वे आईवीएफ तकनीक की मदद से मां बन रही हैं तो प्रेग्नेंसी नौजिया की समस्या सामान्य से अधिक हो सकती है। बहुत कम ऐसी प्रेग्नेंट महिलाएं होती हैं जिन्हें गर्भावस्था में मतली की दवा इस्तेमाल करने की नौबत आती है।
गंभीर उल्टी, डिहाइड्रेशन और वजन कम होना आदि लक्षण दिखने पर इसे प्रेग्नेंसी नोजिया माना जाता है। इसे हाइपरमेसिस ग्रेविडरम भी कहा जाता है।
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प्रेग्नेंसी नोजिया के कारण
सीरियस मॉर्निंग सिकनेस का कारण स्पष्ट नहीं है। शोध बताते हैं कि यह गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों से संबंधित हो सकता है। विशेष रूप से ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) को मुख्य वजह माना जाता है। क्योंकि मुख्य रूप से यह स्थिति तब होती है जब एचसीजी एक गर्भवती महिला के शरीर में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच जाता है। इस दौरान गर्भावस्था में मतली की दवा लेने के लिए डॉक्टर द्वारा कहा जा सकता है।
प्रेग्नेंसी नोजिया के जोखिम
गंभीर रूप से प्रेग्नेंसी नोजिया या मॉर्निंग सिकनेस का एक कारण जेनेटिक भी हो सकता है। क्योंकि यह उन महिलाओं में अधिक होता है जिनके परिवार के करीबी सदस्यों को पहले ऐसी समस्या हुई हो। जैसे मां या बहन को हाइपर ग्रेविडेरम हुआ हो तो उन्हें भी यह खतरा अधिक होता है। व्यक्तिगत या फैमिली हिस्ट्री होने के अलावा, निम्नलिखित स्थितियां महिला को जोखिम में डाल सकती हैं।
- मल्टीपल बर्थ (ट्विन्स या और ट्रिप्लेट्स)
- मोशन सिकनेस की हिस्ट्री
- मतली या उल्टी के साथ माइग्रेन का सिरदर्द
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प्रेग्नेंसी नोजिया या मॉर्निंग सिकनेस के बारे में यह बातें जानना बहुत आवश्यक
- मॉर्निंग सिकनेस और नोजिया दिन या रात के किसी भी समय हो सकता है। इसलिए इसके नाम पर न जाएं।
- सही कारणों का अभी भी पता नहीं चल पाया है।
- कई घरेलू उपचार हैं जो मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों के इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
- अदरक, आंवला, नींबू पानी आदि इसको कम कर सकता है।
- मॉर्निंग सिकनेस एक हेल्दी प्रेग्नेंसी का भी संकेत हो सकता है।
- मॉर्निंग सिकनेस लगभग 80 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है।
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क्या गर्भावस्था में मतली की दवा (pregnancy nausea medication) उपयोगी है?
डॉक्टर नुपुर कहती हैं कि गर्भावस्था में मतली की दवा लेने से जितना संभव हो बचना चाहिए। ‘नो-ड्रग’ विकल्पों को आजमाना सबसे अच्छा विकल्प होता क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु को अनावश्यक रूप से इंडायरेक्टली दवा नहीं मिलती। अगर इस दौरान प्राकृतिक या घरेलू उपचार से राहत न हो तो डॉक्टर से गर्भावस्था में मतली की दवा के बारे में बात करें। इसमें कई सप्लिमेंट्स और दवाएं (टैबलेट और सपोसिटरी) प्रेग्नेंसी नोजिया के लिए सुरक्षित मानी जाती है।