इन हॉर्मोन्स के कारण होती है प्रेग्नेंसी में नींद (Insomnia During Pregnancy) की समस्या
नींद एक्सपर्ट्स के अनुसार गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा शारीरिक थकान महसूस करना या नींद की समस्याओं के पीछे का सबसे बड़ा कारण हॉर्मोन्स से जुड़ा हुआ होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई हॉर्मोन्स का स्तर बदलता रहता है। उदाहरण के लिए, प्रेग्नेंसी के समय में एक महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जिसके कारण अनिद्रा की समस्या सबसे आम देखी जाती है। यह बदलाव खासतौर पर गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान देखा जाता है। हॉर्मोनल परिवर्तन के कारण गर्भवती महिलाओं की मांसपेशियों पर पर निरोधात्मक प्रभाव भी हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप सोते समय उन्हें खर्राटे आ सकते हैं और मोटापे (Obesity) से ग्रस्त महिलाओं में स्लीप एपनिया (Insomnia) विकसित होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा रात के दौरान बार-बार पेशाब जाने की भी समस्या बढ़ सकती है। इन समस्याओं के साथ ही, जी मिलचना, उल्टी आना और चक्कर आने जैसे लक्षणों के कारण भी प्रेग्नेंसी में नींद (Insomnia During Pregnancy) की समस्या हो सकती है।
कुछ महिलाएं प्रसव के पहले, तो कुछ महिलाएं प्रसव के बाद में होने वाले शारीरिक बदलावों और शिशु के विषय को लेकर काफी चिंता करने लगती हैं। जिसके कारण भी काफी हद तक उनके नींद पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही, प्रेग्नेंसी के दौरान और शिशु के जन्म के बाद साथी के साथ आपसी रिश्ते में हो रहे बदलाव के कारण भी वो मानसिक तनाव ले सकती हैं, जिसके कारण भी उनके नींद के पैटर्न में बड़ा बदलाव हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी में नींद की समस्या होने के सामान्य कारण क्या हो सकते हैं? (Common cause of insomnia During Pregnancy)
निम्न नींद संबंधी समस्याएं प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में देखी जा सकती हैं, जिनमें शामिल हैंः
अनिद्रा (Insomnia)
अनिद्रा के लक्षण होने पर नींद न आना, नींद बहुत जल्दी खुल जाना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। कई लोगों में अनिद्रा के लक्षणों में बहुत देर तक सोते रहने की भी समस्या देखी जाती है।