backup og meta

क्या आपने बनाई प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट? जान लें इसके फायदे

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/09/2021

    क्या आपने बनाई प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट? जान लें इसके फायदे

    नौ महीने की प्रेग्नेंसी के बाद एक नए जीवन को अस्तित्व में लाना सुखद अनुभव हो सकता है। हालांकि शिशु के जन्म से पहले गर्भधारण करने की पूरी प्रक्रिया का रूपरेखा बनाने में समझदारी होती है। गर्भावस्था उस वक्त और भी सुखद अनुभव बन जाती है जब यह सुनियोजित हो। इसके लिए आपको बस थोड़ी सी सजगता दिखानी होगी। ताकि आप प्रेग्नेंसी और प्रसव के दौरान होने वाले समस्याओं से मुक्त हो सकें। कुछ आसान से कदम और सावधानियां इस अनुभव को यादगार, सार्थक और फायदेमंद बना सकते हैं।

    इसमें प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट उपयोगी साबित हो सकती है। इसके जरिए आप तनाव कम करके अपनी गर्भावस्था के नौ महीनों को अद्भुत बना सकती हैं। इसमें उन सभी कामों की सूची होती है जो आपको गर्भावस्था के दौरान करने होते हैं। प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट बनाने में आप डॉक्टर के साथ ही अपने दोस्तों या करीबियों की मदद ले सकती हैं जो पहले गर्भवती हो चुकी हो।

    यह भी पढ़ें: गर्भावस्था के दौरान परिवार का साथ है जरुरी

    पहली तिमाही के दौरान प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट

    • ऐसी बुरी आदतें जो गर्भ में पल रहे शिशु को प्रभावित कर सकती हैं। जैसे धूम्रपान, शराब पीना और दवाओं का उपयोग करना आदि को कंट्रोल करना या पूरी तरह छोड़ना।
    • डॉक्टर से उन दवाओं के बारे में बात करना जो गर्भावस्था के दौरान सेवन कर रहे हैं (ओवर-द-काउंटर या हर्बल)
    • आराम करने में कोताही न बरतना।
    • प्रसव से पहले पूर्व विटामिन लेना।
    • दांतों की सफाई का ख्याल रखना।
    • हेल्दी फूड्स का सेवन करें। 

    यह भी पढ़ें: नवजात शिशु के लिए 6 जरूरी हेल्थ चेकअप

    दूसरी तिमाही के दौरान प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट

  • किसी वीमन सेंटर में प्रसव पूर्व योग और व्यायाम कक्षाओं में जाना।
  • आप नींद अच्छी तरह ले रही हैं इस बात का ध्यान रखना।
  • प्रेग्नेंसी पिलो” का उपयोग करना सुनिश्चित करें जो पैरों को फैला कर रखने और कभी-कभी आपको बैक-सपोर्ट में भी मदद करेगा।
  • अपने जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को बनाएं।
  • अगर आप वर्किंग हैं, तो अपने नियोक्ता को पहले से खबर करें ताकि वह आपके उपलब्ध रहने पर दूसरी व्यवस्था कर सके।
  • प्रसव पूर्व मालिश को भी प्राथमिकता दें। यह गर्भावस्था की सूजन और दर्द को कम कर सकती है।
  • कब्ज से बचें।
  • बहुत अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीने से परहेज करें।
  • अपनी लेबर प्राथमिकताओं की वर्कशीट पर काम करना शुरू करें।   
  • यह भी पढ़ें: प्रसव के बाद देखभाल : इन बातों का हर मां को रखना चाहिए ध्यान
  • महीना 6 के प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट

    जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए टेस्ट करवाएं:

    अधिकांश डॉक्टर 26वें सप्ताह के आसपास ग्लूकोज टेस्ट की सलाह देते हैं। यदि टेस्ट में सकारात्मक परिणाम हो तो आप ग्लूकोज टॉलरेंस परीक्षण से गुजरेंगी। यदि आपको जेस्टेशनल डायबिटीज का निदान किया जाता है तो संभवतः भ्रूण के विकास और अन्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। इस दौरान आपको मौखिक दवा लेनी पड़ सकती है या इंसुलिन का उपयोग करना पड़ सकता है। हालांकि कुछ महिलाएं पोषण संबंधी परिवर्तन और व्यायाम के साथ स्थिति संभाल पाने में सफल होती हैं।

    यह भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान योग और व्यायाम किस हद तक है सही, जानें यहां

    अस्पताल विजिट करें:

    लेबर और डिलिवरी रूम को देखना और डिलिवरी प्रॉसेस को जानना आपके प्रसव के दिनों की कई परेशानियों और चिंताओं को कम करने में मदद कर सकता है।

    7वें महीने की प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट

    डायपर बदलने, नवजात शिशु को नहलाने और स्नान करने के सुझावों के लिए एक चाइल्ड-केयर क्लासेज का पता लगाएं।

    यह भी पढ़ें: ये हैं लेबर को तेज करने के 7 नैचुरल उपाय

    8वें महीने की प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट

    अपना अस्पताल बैग पैक करें। खुद को आराम पहुंचाने वाले सामानों को बैग में रख लें। जैसे आपके पसंद की किताब या नरम चप्पल की एक जोड़ी, आपके और आपके साथी के लिए स्नैक्स और शिशु के लिए एक पोशाक आदि।

    इस बारे में शहानी हॉस्पिटल की डायरेक्टर संतोष शहानी का कहना है कि गर्भवती महिला के लिए उचित पोषण (Balance diet) लेना बहुत जरूरी है। केवल खुद के लिए ही नहीं, बल्कि शिशु के अच्छे स्वास्थ के लिए भी जरूरी है। उचित पोषण सेफ बाथ् सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। प्रेग्नेसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) से बचने के लिए जरूरी है कि आप चीनी का सेवन कम करते हुए भरपूर मात्रा में प्रोटीन और सब्जियां को अपने प्लेट में शामिल करें। पोषण युक्त खानपान से गर्भावस्था से संबंधित स्थितियों के जोखिम (Risk) को कम करने में मदद मिलती है। सही खानपान से शरीर में एनर्जी भी बनी रहती है। ताकि डिलीवरी के समय (During Delivery) आपका शरीर मजबूत बना रहे। एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के अपने अंतिम चार हफ्तों में प्रतिदिन छह खजूर का सेवन किया, उन्हें सेफ बर्थ में काफी  मदद मिले।

     9वें महीने की प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट

    प्रेग्नेंसी की इस स्टेज में आने के बाद मेहनत वाले काम न करें। आपको पार्टनर और परिवार के साथ मिलकर डिलिवरी और लेबर पेन को डील करने की तैयारी कर लेनी चाहिए। अब आपके बच्चे की डिलिवरी की नियत तारीख नजदीक आ रही है। आरामदायक कुर्सी पर लेटें और अपना हाथ पेट पर रखें और शिशु को महसूस करने की कोशिश करें।

    • यदि आप काम पर लौटने की योजना बना रही हैं तो चाइल्ड केयर सेंटर की खोज शुरू कर दें।

    अभी आपने प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट के बारे में जाना अब हम आपको कुछ ऐसी चीजों को बता रहे हैं जो आपको गर्भधारण करने से पहले शुरू कर देना चाहिए। इन्हें प्रेग्नेंसी के पहले की चेकलिस्ट कहा जा सकता है।

    डॉक्टर से मिलें

    आप कंसीव करने के बाद डॉक्टर से कई बार मिलेंगी इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन कंसीव करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर मिलें। अगर आपको कुछ हेल्थ से जुड़ी परेशानियां हैं जो आपकी प्रेग्नेंसी को रिस्की बना सकती हैं तो जरूरी है कि उन पर अभी से ही कंट्रोल कर लिया जाए। इसलिए डॉक्टर का अपॉइंटमेंट बुक कर लें। इसे प्रेग्नेंसी चेक लिस्ट में शामिल करें।

    मसूडों का इलाज करवा लें

    अच्छी ओरल हेल्थ और हेल्दी प्रेग्नेंसी के बीच कनेक्शन है। मसूड़ों की बीमारियां अर्ली बर्थ और लो बर्थ वेट से जुड़ी हुई हैं। तो अब टाइम आ गया है डेंटिस्ट से मिलकर इन परेशानियों को अभी से टैकल करने का ताकि बाद में किसी तरह की कोई परेशानी न आए।

    कैफीन का सेवन कम करें

    दो कप से ज्यादा कैफीन का सेवन कंसीविंग के चांस को कम करता है। ठीक ऐसा ही सोड़ा के साथ है। 5 बॉटल से ज्यादा सोड़ा पीना कंसीविंग को मुश्किल बनाता है। अभी कैफीन छोड़ने का फायदा ये होगा कि आपको प्रेग्नेंसी के कुछ शुरुआती हफ्तों में कैफीन के लिए क्रेविंग नहीं होगी।

    हेल्दी खाएं

    जंक फूड खाना बंद करने का इससे अच्छा दूसरा समय नहीं हो सकता। ध्यान रखें आप खाने में बहुत सारे फल, सब्जियां, होल ग्रेन और लीन प्रोटीन ले रही हों। कंसीव करने से पहले हेल्दी लाइफस्टाइल का अपनाने से जेस्टेशनल डायबिटीज आदि का खतरा कम हो जाता है। जो गर्भवती महिला को प्रभावित करती है। प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट में हेल्दी खाना बहुत जरूरी है। फिर चाहे ये प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट गर्भधारण के पहले की हो या बाद की।

    वजन घटा लें

    प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा वजन होने से आपको ब्लड प्रेशर, जेस्टेशनल डायबिटीज और प्रीक्लेमप्सिया  आदि होने का खतरा होता है। आपको बता दें कि गर्भावस्था के दौरान वजन कम करने की मनाही होती है। इसलिए अगर आप वेट कम करना चाहती हैं तो इसकी शुरुआत अभी से कर दें। इसके लिए आप चाहे तो जिम ज्वॉइन कर सकती है या फिर योगा क्लास। इसे भी आप अपनी प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट में शामिल कर लें और इसे फॉलो करना शुरू कर दें।

    हम उम्मीद करते हैं कि प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी के पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान की चेकलिस्ट दी गई है। आपको इसे फॉलो करना चाहिए। प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट तैयार करने में डॉक्टर की भी मदद ली जा सकती है। प्रेग्नेंसी चेकलिस्ट से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप आपको किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।

    हैप्पी मदरहूड!

    और पढ़ें :

    कोउवाडे सिंड्रोम क्या है, पिता पर क्या पड़ता है असर?

    जल्दी प्रेग्नेंट होने के टिप्स: आज से ही शुरू कर दें इन्हें अपनाना

    बर्थ प्लान करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/09/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement