प्रेग्नेंसी के बाद एक्सरसाइज करना महिलाओं के लिए फायदेमंद माना जाता है। इससे से ना सिर्फ बॉडी पुराने शेप में लौटती है बल्कि, कई बार प्रेग्नेंसी के बाद होने वाला डिप्रेशन का खतरा भी कम होता है। आज हम इस आर्टिकल में कुछ ऐसी ही एक्सरसाइज बताएंगे जिन्हें डिलिवरी के बाद किया जा सकता है। हालांकि, सिजेरियन डिलिवरी में बिना डॉक्टर की सलाह के एक्सरसाइज करना नुकसानदायक हो सकता है।
दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित फिटनेस फर्स्ट हेमिल्टन हाउस के पर्सनल और ग्रुप एक्सरसाइज ट्रेनर विकास शर्मा ने कहा, ‘ किसी भी एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले महिलाओं को अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके बाद ही उन्हें जिम में कदम रखना चाहिए। आमतौर पर डॉक्टर डिलिवरी के 8-12 हफ्तों बाद ही एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं।’
फिटनेस इंडस्ट्री में आठ साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले विकास शर्मा अमेरिकन काउंसिल ऑफ एक्सरसाइज से सर्टिफाइड एक इंटरनेशल फिटनेस ट्रेनर हैं।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑबस्टेट्रीशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (एसीओजी) के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को पेल्विक फ्लोर की एक्सरसाइज से शुरुआत करनी चाहिए। एरोबिक एक्सरसाइज को नियमित रूप से करने से उनका दिल दुरुस्त रहता है। हालांकि, एक्सरसाइज का असर बॉडी में मिल्क के प्रोडक्शन, शिशु के विकास पर नहीं पड़ता है। वहीं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए किसी भी एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले बॉडी को हाइड्रेट करना बेहद जरूरी होता है।
प्रेग्नेंसी के बाद वर्कआउट में वॉकिंग सबसे बेहतरीन विकल्प है। डिलिवरी के बाद अपने फिटनेस रुटीन को शुरू करने का यह अच्छा विकल्प है। शुरुआती दिनों में हल्की वॉकिंग करें। इस दौरान आप शिशु को अपने साथ ले जा सकती हैं। यदि आप उसे बेबी बैग में पीठ या आगे की तरफ रखती हैं तो इससे अतिरिक्त वजन बढ़ेगा। यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
वॉकिंग आप अलग-अलग तरह से कर सकती हैं। आगे और पीछे की तरफ या जिगजैग वॉकिंग जो मसल्स को इंगेज रखेगी। हालांकि, जब तक आप इसमें अभ्यस्त ना हो जाएं तब तक शिशु को इस वॉकिंग में साथ ना रखें। इस पर स्पोर्ट्स एजुकेशन डेवेलपमेंट ऑस्ट्रेलिया से सर्टिफाइड फिटनेस इंस्ट्रक्टर सुमन शेखावत ने कहा, ‘प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को कार्डियों में इंटेंस एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। चूंकि, सिजेरियन या नॉर्मल दोनों ही डिलिवरी के मामले में टिशू कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें जितना हो सके उतनी हल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, ब्रिस्क वॉक कराई जा सकती है।’
जानते हैं उन एक्सरसाइज के बारे में जो डिलिवरी के बाद की जा सकती हैं।
प्रेग्नेंसी के बाद एक्सरसाइज : डीप बैली ब्रीथिंग अब्डोमिनल एक्सरसाइज
यह एक्सरसाइज बेहद आसान है। शिशु को जन्म देने के कुछ दिनों बाद ही इस एक्सरसाइज को किया जा सकता है। यह आपके एब्स और बेली मसल्स को रिलेक्स, मजबूत और टोन करने में मदद करती है। डीप बेली ब्रीथिंग एक्सरसाइज करने के लिए गहरी सांस लें। ऐसा करते वक्त आपका सीना ऊपर की तरफ फूलेगा। सांस अंदर भरते हुए एब्स को टाइट करके रखें। कुछ सेकेंड्स तक होल्ड करें उसके बाद ही सांस को छोड़ें। सांस छोड़ते वक्त एब्स को ढीला छोड़ दें। इस एक्सरसाइज की बारीकियां सीखने के लिए ट्रेनर की मदद ले सकती हैं। डीप बैली अब्डोमिनल एक लाइट एक्सरसाइज है।
लाइट एक्सरसाइज करने के सवाल पर सुमन शेखावत ने कहा, ‘डिलिवरी के बाद महिलाओं को शुरुआती दिनों में हल्की एक्सरसाइज कराई जाती है। हैवी वेट एक्सरसाइज करने से महिलाओं की बॉडी में लेक्टिक एसिड बनता है, जो स्तनपान के जरिए शिशु की बॉडी में जा सकता है। लेक्टिक एसिड शिशु की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।’
प्रेग्नेंसी के बाद एक्सरसाइज : नीलिंग पेल्विक टिल्ट (Kneeling Pelvic Tilt)
कमर के दर्द और पेट की टोनिंग के लिए यह एक्सरसाइज काफी फायदेमंद साबित होती है। इसे करने के लिए आपको शेर की पुजिशन में फ्लोर पर बैठना है। इसमें आपको दोनों हाथ कंधों की सीध में फ्लोर पर होने चाहिए और पैरों के तलवों का सिरा ऊपर की तरफ। बैक को एकदम सीधा और रिलेक्स रखें। किसी भी प्रकार का कर्व और आर्च ना बनाएं। इसके बाद सांस को अंदर भरते वक्त बटक्स पीछे की तरफ जाएंगे और पेल्विक टिल्ट होगा। इसके बाद पांच सेकेंड्स तक रुकें फिर समान्य अवस्था में जाएं।
इस पर सुमन ने कहा, ‘प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को फ्लोर सपोर्ट वाली हल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए। इस प्रकार की ज्यादातर एक्सरसाइज फ्लोर पर आसानी सी की जा सकती हैं।’ इसका कारण पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया, ‘प्रेग्नेंसी के दौरान शिशु का ज्यादातर भार लोअर बैक उठाती है। जंपिंग या शॉक लगने वाली एक्सरसाइज करने से उनकी लोअर बैक में दर्द हो सकता है। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं के स्तन बड़े हो जाते हैं। ऐसे में यदि वह जंपिंग या प्लायमैट्रिक एक्सरसाइज करती हैं तो उनके स्तनों में चोट पहुंच सकती है।’ उन्होंने बताया कि इन्हीं कारणों के चलते नीलिंग पेल्विक टिल्ट जैसी आसान एक्सरसाइज बेहतर होती हैं।
कीगल एक्सरसाइज करने से ब्लैडर की मसल्स टोन होती हैं। ज्यादातर मामलों में महिलाओं को डिलिवरी के बाद इनकोन्टिनेंस की समस्या हो जाती है। कीगल एक्सरसाइज करने से इस समस्या की संभावना कम होती है। इसे करने का तरीका सबसे आसान है। यूरिन पास करते वक्त पेल्विक फ्लोर की एक से अधिक मसल्स इंगेज होती हैं। यूरिन रिलीज करते वक्त आपको कुछ सेकेंड्स के लिए अचानक यूरिन को रोक लेना है। फिर यूरिन को रिलीज करना है। ऐसा आपको कई बार करना है। एक सेट में आप 10 रिपीटेशन ले सकते हैं। इस एक्सरसाइज को यूरिन पास करते वक्त करना जरूरी नहीं है आप इसे दिन में कभी भी कर सकते हैं।
बेबी स्कॉट्स एक्सरसाइज
इस एक्सरसाइज में अपने शिशु के साइज का वेट या तकिया लेना है। इसके बाद आपको स्कॉट्स की पुजिशन में खड़ा होना है। यह एक्सरसाइज एकदम स्कॉट्स जैसी ही है। नीचे जाने से पहले सांस को अंदर भरकर एब्स को टाइट कर लें। स्कॉट्स करें फिर ऊपर आकर सांस को छोड़ें। आप बेबी स्कॉट्स एक्सरसाइज के 15 रिपीटेशन ले सकती हैं।
इस पर सुमन शेखावत ने कहा, ‘शुरुआती दिनों में महिलाओं को स्कॉट्स एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए क्योंकि, इस अवधि के दौरान उनकी वजायना के आसपास के हिस्से के टिशूज बेहद कमजोर होते हैं।’ उन्होंने कहा कि डिलिवरी के कुछ हफ्तों बाद सबसे पहले महिलाओं की बॉडी की स्टेंथिंग और एंड्योरेंस पर काम किया जाता है। इसकी वजह से उनमें स्कॉट्स करने की ताकत आती है।
प्रेग्नेंसी के बाद एक्सरसाइज में सावधानी है जरूरी
एक्सरसाइज में सावधानी पर बात करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि, ‘महिलाओं को एक्सरसाइज करते वक्त बिलकुल भी फॉर्वर्ड बेंडिंग नहीं करनी है। इसके अतिरिक्त कंपाउंड एक्सरसाइज से भी दूरी बनानी है। प्रेग्नेंसी के बाद आइसोलेटेड एक्सरसाइज (सिंगल मसल) बेहतर होती है। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत एक्सरसाइज को रोकें और डॉक्टर से संपर्क करें।
विकास शर्मा के मुताबिक, महिलाओं को एक्सरसाइज करते वक्त हमेशा ट्रेनर और डॉक्टर की सलाह पर अमल करना चाहिए। उन्हें अपने मन मुताबिक कोई भी एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। प्रेग्नेंसी के बाद कौन सी एक्सरसाइज की जाए? इस सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा, ‘महिलाओं को शुरुआत में एक बिगनर के तौर पर एक्सरसाइज शुरू करनी चाहिए। जिनमें वो लाइट वेट और कार्डियो का कॉम्बिनेशन ले सकती हैं। यदि एक्सरसाइज के दौरान आपको हैवी ब्लीडिंग या अन्य कोई समस्या होती है तो एक्सरसाइज को तुरंत रोक दें और डॉक्टर से संपर्क करें।’
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