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बाल-कहानियों की किताबों से दोस्ती
बच्चों को कहानी के माध्यम से किताबों से दोस्ती कराना और उससे जोड़ना बहुत आसान होता है। जब कभी मौका मिले बच्चों को कहानियां सुनाने की कोशिश करें। ऐसा करने से उन्हें पढ़ने में बोरियत नहीं होगी। कहानियों के किताबें पढ़ने से भी उनमे किताब पढ़ने की आदत (Reading habits) विकसित होगी।
एनसीईआरटी के रीडिंग डेवलपमेंट सेल की तरफ से प्रकाशित पुस्तक ‘पढ़ना सिखाने की शुरुआत’ में कहानियों के महत्व को कुछ इस तरह बताया गया है, “कहानी बच्चों को आनंदित करती है। बच्चे कहानी को कहानी को सब्र से सुनना, कल्पना करना, कहानी के पात्रों व घटनाक्रम को याद रखना जैसी चीजें सिखता है। इससे उनकी एकाग्रता व स्मरण शक्ति का भी प्रशिक्षण होता है। एक बार बच्चों का किताबों की दुनिया से परिचय हो जाए तो वह उसी में रच-बस जाना चाहता है।”
किताबें (Books) उपहार में दें
बच्चों को तोहफे हमेशा अच्छे लगते हैं चाहे उनका जन्मदिन हो या सरप्राइज (Surprise)। बच्चों को किताबें उपहार में दें और उन्हें किताबें दोस्तों को उपहार में देने का महत्त्व समझाएं। जब भी आप उन्हें किताब दें तो उस मौके को खुशी का मौका बना दें।
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कहानी कहने को प्रोत्साहित करें
कहानी कहने की कला पढ़ने का श्रव्य रूप (Idia form) है। यह एक कला है जिससे कहानी कहने वाला अपनी काल्पनिक दुनिया भी कहानी के रूप में पेश कर सकता है। पढ़ने से बच्चों को रचनात्मक पंख मिल जाते हैं। मां-बाप को सदा बच्चों को स्टोरीटेलिंग (Story telling) आयोजन में जाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए या उनकी खुद की बनाई कहानी को सुनाने के लिए कहना चाहिए।
स्टडी रूम (Study room) हो सही