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जानें पेरेंट्स टीनएजर्स के वीयर्ड सवालों को कैसे करें हैंडल?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. अभिषेक कानडे · आयुर्वेदा · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/10/2021

    जानें पेरेंट्स टीनएजर्स के वीयर्ड सवालों को कैसे करें हैंडल?

    एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि 37  प्रतिशत से अधिक लड़के और 46 प्रतिशत से अधिक लड़कियां वास्तव में अपने माता-पिता से कई तरह की बातें करना चाहते हैं। वे प्यार, रिश्ते और सेक्स के बारे में सवाल पूछना चाहते हैं। इसी के साथ, ये भी पाया गया है कि 44 प्रतिशत किशोर सिर्फ अपने दोस्तों से बात करने से संतुष्ट नहीं होते है। ऐसे बच्चे अपने सवालों के जवाब जानने के लिए पेरेंट्स से बात करना पसंद करते हैं। किशोरावस्था में उनके अंदर अजीब सवाल आना लाजमी है। आइए इस लेख में जानते हैं बच्चों के अजीब सवाल को पेरेंट्स किस तरह हैंडल करें।

    कई बार टीनएजर्स अपने सवाल पेरेंट्स से पूछ नहीं पाते हैं, जिसके कारण वे इंटरनेट को अपने जिज्ञासाओं और सवाल के जवाबों का जरिया बना लेते हैं। ऐसी कई साइट्स हैं, जहां गुमनाम तरीके से लोग उन सवालों को पोस्ट करते हैं, ताकि उन्हें उनका जवाब मिल सके। किशोर इन पोस्ट से खुद को कनेक्ट कर लेते हैं। इस तरह के पोस्ट और सुझाव के कन्फ्लिक्ट्स में बच्चे सही और गलत के बीच फर्क नहीं कर पाते और अंततः परेशान और उदासी से भर जाते हैं।

    जब किशोर अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करने के लिए संघर्ष करते हैं, तो वे अक्सर इस प्रक्रिया में अपने माता-पिता को अस्वीकार कर देते हैं। कई बार किशोर युवाओं के मन में कई तरह के सवाल आते हैं, जिनका जवाब जानना उनके लिए अनिवार्य होता है। ऐसे में माता—पिता को अपने बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत करने हेतु तैयार रहना आवश्यक होता है। जब टीनएजर्स पेरेंट्स से वीयर्ड सवाल करें, तो पेरेंट्स को बड़े प्यार से उनकी जिज्ञासा को जवाब देकर शांत करना चाहिए। माता पिता को कभी भी बच्चों के अजीब सवाल को इग्नोर नहीं करना चाहिए। इससे उन पर बुरा असर पड़ सकता है।

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    बच्चों के अजीब सवाल को ऐसे हैंडल करें

    यदि आपका बच्चा भी अजीब सवाल करता है तो इसमें किसी तरह की घबराने वाली बात नहीं है। इससे बस यह मालूम होता है कि आपका बच्चा जिज्ञासु प्रवृति का है। कई माता पिता बच्चों के अजीब सवालों को टाल देते हैं। ऐसा करना गलती है। कभी भी बच्चों के सवालों को टालने की गलती न करें। बच्चे के बचपने को सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है। इसके लिए अपने बच्चे के मासूम, गंभीर और अजीब सवालों को नजरअंदाज करने की बजाय उसको समझें। उसको उसके हर सवालों के जवाब दें। बच्चा आपसे अपने हर सवाल इसलिए करता है क्योंकि वह सबसे ज्यादा आप पर भरोसा करता है। आप उसे जो भी बताएंगे वह उसे सच ही मानता है। इसलिए बच्चे को किसी तरह की उलझन न हो इसके लिए उसे हर सवाल का जवाब दें। अगर उसे अपने सवालों का जवाब आपसे नहीं मिलेगा तो वह उसे तलाशने की कोशिश करेगा। इसके लिए वह अनजाने में कई गलतियां भी कर सकता है। इससे किसी चीज को लेकर उसका नजरिया प्रभावित हो सकता है। गलत सोच के साथ बड़ा होने से उसे बचाने के लिए उसके हर सवाल का जवाव देने के लिए आपको तैयार रहना होगा।

    बच्चों के अजीब सवाल को अनदेखा न करें:

    पेरेंट्स हमेशा टीनएजर्स से कम्युनिकेशन के लिए “ओपन विंडो” मॉडल ही फॉलो करें। इस अवस्था में टीनएजर्स में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। उनके अंदर ज्यादातर जिज्ञासाएं इन्हीं बदलावों के कारण होती हैं, जिसे वे महसूस करते हैं। उनके सवालों से बचने के लिए यदि आप ये प्रतिक्षा करते हैं कि कुछ समय बाद वे सवालों को भूल जाएगें और तब तक के लिए आप टाल दें, तो ये गलत होगा। आपको उनकी भावनाओं को समझते हुए, उनके सवालों को हल करने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि, देर हो जाने पर चीजों को नियंत्रण में रखना बहुत कठिन होगा।

    टीनएजर्स के सवालों का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहें

    बतौर पेरेंट्स बेशक बच्चे से आपके पास कहने के लिए बहुत कुछ होगा, लेकिन, कभी—कभी आपको बच्चे की बातों को भी सुनना चाहिए। टीनएजर्स के सवालों से आप उनके मानसिक विकास के मूल जड़ तक पहुंच पाएंगे। उनकी बातों को काउंटर करने से बेहतर है कि आप उनकी बातों को सुनें। इस बारे में दिल्ली की पेरेंटिंग काउंसलर रीता वासवानी हेलो स्वास्थय को बताती हैं,”बच्चों को जवाब देने से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि आप उनसे बात करें और उनके सवालों को जवाब देते हुए उन्हेंं सही और गलत का फर्क बताएं।”

    जो बच्चों को बताते हैं उसे खुद भी अभ्यास करें

    अपने बच्चे में जिस व्यवहार को देखने की आप आशा करते हैं, उसे अपने व्यवहार में भी शामिल करें। किशोर के अजीब सवाल सुन कर आप शॉक होने के बजाए, उससे उस विषय पर बात करें और समझाएं।माता-पिता अपने किशोर के लिए रोल मॉडल के रूप में होते हैं, न्यूयॉर्क के मनोचिकित्सक लिज मॉरिसन कहते हैं कि “ऐसा करना टीनएजर्स के लिए पॉजिटिव रहता है, जहां माता-पिता बच्चे के सभी विषयों पर खुलकर बात करते हैं, वे टीनएजर्स की जिज्ञासा जल्दी शांत होने के साथ उनकी पेरेंट्स के साथ बॉन्डिंग भी अच्छी रहती है।

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    पारिवारिक संस्कृति के मूल्यों को समझाएं

    टीनएजर्स को आपसी सम्मान की पारिवारिक दृष्टिकोण से परिचय कराना बहुत जरूरी होता है। संस्कृति की स्थापना और कम उम्र (किशोर अवस्था) से संचार को खुला रखने में मदद मिलेगी। पेरेंट्स का बच्चों के किशोरावस्था पर बहुत अधिक झुकाव नहीं होता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे बड़े होंगे तो सब​ सीख जाएंगे। लेकिन, पेरेंट्स को उन्हें किशोरावस्था में में ही फैमिली वैल्यूज जरूर सिखाना चाहिए।

    थोड़ा खुद में बदलाव लाएं

    अपने बच्चों के अजीब सवाल को जवाब देने और उनसे अच्छे से जुड़ने के लिए आपको अपनी भूमिका बदलनी चाहिए। फैमिली काउंसलर लिंडसे गोलोम्ल कहती हैं, “आपके बच्चे थोड़ी सी स्वतंत्रता चाहते हैं, पेरेंट्स को थोड़ी आजादी देनी चाहिए। इसी के साथ उस आजादी का वे कैसे सही से इस्तेमाल करें, ये भी समझाना चाहिए।

    अपने किशोर के अजीब सवाल पर बात करते समय प्यार की भावना रखना बहुत महत्वपूर्ण है। आपका पॉजिटिव व्यवहार उनके अच्छे विकास में मदद करेगा।

    हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में बच्चों के अजीब सवाल को किस तरह हैंडल करें इससे जुड़ी हर जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो आप अपना सवाल कमेंट कर पूछ सकते हैं। हम आपके सवालों के उत्तर अपने एक्सपर्ट्स के द्वारा दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।

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