
किशोरावस्था में विकास
इस कैटेगरी में प्रारंभिक किशोरावस्था यानी कि (10-13 वर्ष) मध्य किशोरावस्था (14-17 वर्ष) और लेट किशोरावस्था (18-21 वर्ष) तक की सभी जानकारियां उपलब्ध करवाई जाती हैं। किशोरों के विकास के साथ ही उनके जीवन के अहम पड़ावों के बारे में बताया जाता है।
कैनाबिस का इस्तेमाल बंद करने पर टीनएजर्स की याददाश्त में होता है सुधार
टीनएजर्स में कैनाबिस का उपयोग उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। इसे बंद करने पर मेमोरी तेज हो जाती है। teenagers mein cannabis ka upyog
बच्चों के विकास का बाधा बन सकता है चाइल्ड लेबर, जानें कैसे
चाइल्ड लेबर के दुष्प्रभाव सिर्फ बच्चों का भविष्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश का भविष्य बर्बाद कर सकते हैं। इसे मिटाने के लिए सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि हम सभी को व्यक्तिगत स्तर पर क्रांति लानी होगी।
किशोरावस्था में बदलाव के दौरान माता-पिता कैसे निभाएं अपनी जिम्मेदारी?
यहां जाने कि आप कैसे किशोरावस्था में बदलाव होने पर बच्चों को समझ सकते हैं और उनसे किस तरह बात करनी चाहिए। Kishoravastha me badalav होने पर अपनाएं ये टिप्स।
बच्चे की करियर काउंसलिंग करते समय किन बातों का रखना चाहिए ध्यान?
जानिए बच्चे की करियर काउंसलिंग in Hindi, बच्चे की करियर काउंसलिंग के फायदे, बच्चे के लिए सही स्ट्रीम कैसे चुनें, Bachche ki Career counseling, बच्चे के लिए सही भविष्य चुनने के लिए टिप्स।
Precocious puberty: असामयिक यौवन क्या है?
असामयिक यौवन क्या है? असामयिक यौवन के लक्षण क्या है? Precocious puberty in hindi असामयिक यौवन लड़के और लड़कियां दोनों में ही पाए जाते हैं।
Child Abuse : बाल शोषण क्या है?
जानिए बाल शोषण की जानकारी in hindi,निदान और उपचार, बाल शोषण के क्या कारण हैं, लक्षण क्या हैं, घरेलू उपचार, जोखिम फैक्टर, Child Abuse का खतरा, जानिए जरूरी बातें।
बच्चों के अंदर पनप रही नेगेटिविटी को कैसें करें हैंडल
अगर आपका बच्चा निगेटिव सोचता है और आपक उसकी इस बात से परेशान से हैं तो कुछ आप कैसे उसके व्यवहार में बदलाव ला सकते है। जानें कैसे
कैसे हैंडल करें किशोरों का मूड स्विंग और सिबलिंग फाइटिंग?
आजकल के बच्चों में मूड स्विंग की समस्या देखी जाती है। इस परेशानी से कैसे बचें और जब बच्चे का मूड बार-बार स्विंग हो तो उसका ख्याल कैसे रखें ये सारी जानकारी इस लेख में उपलब्ध है।
10 टिप्स, पेरेंट्स और टीनएजर्स की अच्छी बॉन्डिंग के लिए
किशोर और युवावस्था के बीच का यह समय बच्चों के साथ-साथ पेरेंट्स के लिए बेहद नाजुक होता है। पेरेंट्स और टीनएजर्स के बीच अच्छी रिलेशन जरूरी है, टीनएजर्स की पेरेंटिंग करते समय इन बातों का ध्यान रखें।