प्री-स्कूल जाने से कल्पनाशीलता और कौशल में बच्चों को निपुण करता है
कक्षा में बच्चों को कल्पनाशील नाटक में संलग्न करने के लिए उपकरण शामिल हैं, रचनात्मक अन्वेषण के लिए उपयुक्त कला अनुभव, बौद्धिक और शारीरिक कौशल के लिए विभिन्न प्रकार के खेल, साथ ही साथ ब्लॉक, संगीत और किताबें बनाना। यह वातावरण बच्चों को गतिविधियों को चुनने की स्वतंत्रता देता है और उनकी आवश्यकता के अनुसार गतिविधि को दोहराने का सम्मान भी करता है, क्योंकि अनुभवों की पुनरावृत्ति शैक्षिक क्षमता को प्रोत्साहित करती है। बच्चों की कलाओं को गर्व के साथ प्रदर्शित किया जाता है और वे जहाँ भी हैं, उनका सम्मान किया जाता है।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि प्री स्कूल (Pre-school) जाना बच्चे के लिए बहुत जरूरी है। यह उनके कॉन्फिडेंस को बढ़ाने के लिए एक बढ़िया जरिया साबित हो सकता है। प्री स्कूल (Pre-school) बच्चों की जिंदगी का एक अहम हिस्सा होता है जहां वे काफी कुछ सीखते हैं। कहना गलत नहीं होगा कि प्री स्कूल एजुकेशन उनके भावनात्मक, सामजिक और शारीरिक विकास की प्रथम सीढ़ी होती है।
बच्चों के लिए प्री-स्कूल का महत्व (Importance of pre school) आप इस आर्टिकल के माध्यम से समझ गए होंगे। वैसे तो घर को ही प्रथम पाठशाला कहा जाता है लेकिन आजकल एकल परिवार होने के कारण घर में सदस्य कम होते हैं और पेरेंट्स के पास काम अधिक होने के कारण वो अपना पूरा समय नहीं दे पाते हैं। बच्चों को ज्वाइंट फैमिली में अधिक बातें सीखने को मिलती हैं। समय के साथ प्री स्कूलिंग जरूरी हो गई है।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको प्री-स्कूल के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंग।