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बच्चों में भाषा के विकास के लिए पेरेंट्स भी हैं जिम्मेदार

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/06/2021

    बच्चों में भाषा के विकास के लिए पेरेंट्स भी हैं जिम्मेदार

    बच्चों में भाषा का विकास उनके व्यक्तित्व के लिए बेहद जरूरी है। बच्चों में भाषा का विकास (Language Development in kids) उनके बात करने, भावनाओं को व्यक्त करने और दूसरे की भावनाओं को समझने की क्षमता के लिए जरूरी होता है। यह सोच को विकसित करने, किसी समस्या को सुलझाने और रिश्तों को विकसित करने और बनाए रखने में भी मदद करता है। बच्चों में भाषा का विकास उनको चीजों को समझने और आनंद लेना सिखाता है। बच्चों में भाषा का विकास (Language Development in kids) उनकी साक्षरता में सबसे जरूरी और पहला कदम है और आगे चलकर उनका पढ़ना और लिखना सीखने का आधार बनता है।

    बच्चों में भाषा का विकास (Language Development in kids) को कैसे करें?

    अपने बच्चों में भाषा के विकास को प्रोत्साहित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने बच्चे की रुचि रखने वाली चीजों के बारे में बहुत सारी बातें करें। यह आपको अपने बच्चे पर ध्यान देने से पता चलेगा कि उन्हें क्या पसंद है। आपको उनके इशारे समझने होंगे कि वो आपको क्या दिखाते है बोलते हैं या किन शब्दों को बोलने में बच्चा दिलचस्पी रखता है

    बच्चों में भाषा के विकास (Language Development in kids) के लिए उससे बात करें

    पहले साल की शुरुआत में अपने बच्चे से बात (Talk) करें और उसे टॉकर की तरह लें, जिससे वह आपसे ज्यादा बात करने की कोशिश करें। जब आप बात करना खत्म कर लें, तो उसे बोलने का मौका दें और उसके जवाब का इंतजार करें। आपके इस व्यवहार से बच्चों में भाषा के विकास का बहुत स्कोप होता है और ऐसा करने से वह बोलना सीखते हैं।  जब आपका बच्चा बड़बड़ाता है, तो अपने बच्चे को वापस कॉपी करें। ऐसा करने से बच्चों को महसूस होता है कि आप उनको समझ रहें और वो आपसे दोबारा बात करने की कोशिश करते हैं।

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    बच्चों में भाषा के विकास (Language Development in kids) के लिए जरूरी है रिस्पॉन्स देना

    बच्चों में भाषा के विकास के लिए सबसे जरूरी है उनकी बातों का माता-पिता द्वारा रिस्पॉन्स देना। जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है और इशारे करना शुरू करता है, तो आप उनकी बात करने की कोशिश का जवाब दे सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आपका बच्चा अपना सिर हिलाता है, तो आप उसे जवाब देने के लिए समझें कि वह ‘नहीं’ कह रहा है। उनकी छोटी-छोटी बातों को समझने के लिए आपको उनके इशारों को समझना होगा। जब आपका बच्चा शब्दों को बोलना शुरू करता है, तो आप उनकी बातों को दोहरा सकते हैं और उन शब्दों के आस-पास उनसे सवाल कर सकते हैं।

    जब आप अपने बच्चे की बात को समझ कर उन्हें जवाब देते हैं, तो यह उन्हें बात करने के लिए प्रोत्साहित करता है। बच्चों में भाषा के विकास (Language Development in kids) के लिए अगर आप उनकी बातों का रिस्पॉन्स देंगे, तो आपको पता भी नहीं चलेगा कि कब आपका लाडला आपके साथ ट्यून होकर बात करने लगा।

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    बच्चों में भाषा के विकास के लिए उनसे रोज बात करें

    बच्चों में भाषा के विकास के लिए उनसे हर रोज बात करना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। आपकी लाइफ में क्या हो रहा इसके बारे में आप अपने बच्चों से बात कर सकते हैं। आप जितना ज्यादा अपने बच्चे से बात करते हैं, उतने ही ज्यादा शब्द बच्चा सुनता है और उन्हें बोलने की कोशिश करता है। आप उन चीजों के बारे में बात कर सकते हैं, जो उसके लिए मायने रखती हैं जैसे कि वह क्या देख रहा है या क्या कर रहा है। इस एक्सरसाइज को करने का मतलब है आपका अलग-अलग शब्दों का उपयोग करना बच्चे को बोलने में मदद करेगा। इससे आपके बच्चे को अलग-अलग शब्दों का अर्थ और उसका काम सीखने (Learning) में मदद मिलती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका बच्चा आपकी बातें समझ रहा है या नहीं क्योंकि जैसे-जैसे वह बड़ा होगा उसकी समझ बढ़ती जाएगी। लेकिन वह शब्दों को याद रखता है।

    जब आपका बच्चा कहानियां सुनाना शुरू करता है, तो उसे आने वाले समय और बीती हुई चीजों के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करें। उदाहरण के लिए दिन के आखिर में आप अगले दिन के लिए योजनाओं के बारे में बात कर सकते हैं। जब आप एक साथ एक आउटिंग से घर आते हैं, तो आप इसके बारे में बात कर सकते हैं।

    ऐसा करने से बच्चों में भाषा का विकास तो होगा ही साथ ही वह अपने आस-पास होने वाली घटनाओं के बारे में भी जागरुक होगा।

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    बच्चों में भाषा के विकास के लिए बच्चे के साथ पढ़ें

    अपने बच्चे के साथ बहुत सारी किताबें पढ़ें और शेयर करें। जैसे-जैसे वह बड़ा होता उसके लिए मुश्किल किताबें भी पढ़ें। पढ़ने से आपके बच्चे को नए शब्द सुनने को मिलते हैं जो उसे शब्दों के अर्थ और काम को सीखने में मदद करता है। आपके बच्चे के जीवन (Babies life) में क्या हो रहा है उसे किताब के साथ जोड़ना आपके बच्चे से बात करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। आप अपने बच्चे के साथ पढ़ी जाने वाली किताबों में दिलचस्प तस्वीरों के बारे में बात करके भी उन्हें बोलने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

    जब आप अपने बच्चे के साथ जोर से पढ़ते हैं तो आप उन शब्दों को बोलने के साथ ही उन शब्दों को प्वाइंट कर सकते हैं। यह आपके बच्चे को लिखे हुए और बोले गए शब्दों के बीच की कड़ी को दिखाता है और उसे यह जानने में मदद करता है कि शब्द भाषा के अलग-अलग हिस्से हैं।

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    बच्चों में भाषा के विकास (Language Development in kids) का शुरुआती दौर

    12 महीने

    बच्चों में भाषा का विकास बारहवें महीने से शुरू हो जाता है। 12 महीनों के बाद बच्चा आवाजों की नकल कर सकता है, आसान इशारों को समझ सकता है, कुछ वस्तुओं के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्दों को पहचान सकता है और कुछ शब्द कहने में भी सक्षम हो सकता है। एक शिशु आमतौर पर  9 और 18 महीने की उम्र के बीच अपने पहले शब्द बोलता है

    18 महीने

    बच्चों में भाषा का विकास 18 महीने में थोड़ा अधिक हो जाता है। 18 महीनों के बाद बच्चा 10 शब्दों तक का उपयोग कर सकता है और एक सरल वाक्य बनाने के लिए शब्दों को जोड़ सकता है जैसे कि “मम्मी पानी चाहिए। वे उन लोगों और वस्तुओं के नामों को पहचानने में भी सक्षम हो सकते हैं, जो उनके आसपास ज्यादा रहते हैं । इसके अलावा इस उम्र में वह माता-पिता के बात को मानने लगते हैं।

    दो साल

    दो साल की उम्र तक बच्चा अलग-अलग सरल वाक्यों का उपयोग कर सकता है। सरल एक-से-दो शब्दों के सवालों को पूछ और समझ सकता है और 50 शब्दों तक की वोकेब्लरी याद रख सकता है।

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    तीन साल

    बच्चों में भाषा के विकास के लिए यह साल जरूरी होते हैं। लगभग तीन साल की उम्र तक बच्चे अलग-अलग चीजों के लिए भाषा का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं जैसे कि कई बार वे अपने मतलब की चीजों को मांगने के लिए कहानियां बनाने की कोशिश करते हैं।

    प्रीस्कूल की उम्र

    जब तक बच्चा प्रीस्कूल (4.5 वर्ष) में जाने लायक होता है, तब तक वह भाषा के सारे नियमों से परिचित हो जाता है। इस उम्र तक वह उनके विचारों को जोड़ने, उनकी बातों को बोलने करने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम हो जाते हैं। बच्चों में भाषा का विकास इस तरह से हो जाता है कि वह एक अडल्ट की तरह बात कर सकते हैं।

    बच्चों में भाषा के विकास की उम्र में माता-पिता को उनकी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना जरूरी होता है। माता-पिता बच्चों के पहले शिक्षक होते हैं, इसलिए बच्चे माता-पिता से सबसे ज्यादा सीखते हैं।

    डिस्क्लेमर

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