मतलब: मुझे बदलाव चाहिए!
कभी-कभी आपका मासूम बच्चा अचानक चीजों को इधर-उधर फेंकना शुरू कर देता है और आपको इसका कारण का पता नहीं होता। ज्यादातर मामलों में बच्चे यह सिर्फ बोरियत की वजह से करते हैं। कुछ मामलों में यह भूख भी हो सकती है।
क्या करें: यदि ऐसा होने पर आप अपने फोन में व्यस्त रहते हैं, तो अपने इलेक्ट्रॉनिक्स को दूर रख दें। इसके बजाए अपने बच्चे की एक्टिविटी में हिस्सा लें। अपने बच्चे को उसकी बातें शब्दों में व्यक्त करने के लिए कहें क्योंकि बच्चे इसी कारण सबसे अधिक नखरे दिखाते हैं। उसे धीरे-धीरे कुछ शब्द बोलना सिखाएं जैसे भूख, गुस्सा, उदास, नींद, बोरियत आदि। जब वह नखरें दिखाएं तो उनसे पूछें कि उन्हें क्या चाहिए। वे खुद बताएंगें कि उनका मूड क्यों खराब है।
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बच्चों के इशारे कैसे समझें: बच्चे का जिद करना
ज्यादातर बच्चे अगर भूखे होते हैं या फिर बहुत ज्यादा थक जाते हैं, बीमार हैं या फिर किसी वजह से अनकम्फर्टेबल महसूस कर रहा हैं तब ज्यादा रोते, चिल्लाते और मारने के लिए हाथ उठाते हैं। कुछ गुस्से में दांत काटने लगते हैं, जमीन पर लेटने लगते हैं या फिर अपनी सांस रोकने की कोशिश करते हैं और किसी की कोई बात नहीं सुनते। बच्चे का इस तरह का बर्ताव किसी भी पैरंट के लिए गुस्सा और निराश करने वाला हो सकता है। खासतौर पर तब जब बच्चे इस तरह का व्यवहार पब्लिक प्लेस पर करें। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बच्चों का इस तरह नखरा करना उनकी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। जब आपका बच्चा रोता है तो वह अपने शरीर में मौजूद स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल को रिलीज करने की कोशिश करता है क्योंकि अगर यह हॉर्मोन शरीर के अंदर रह जाएगा तो यह शरीर के अहम अंगों और ब्रेन टिशूज को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे बच्चे में स्ट्रेस कम होता है और उसके मन से नकारात्मक भावनाएं भी निकल जाती हैं।
बच्चों के इशारे कैसे समझें: मांग पूरी होने पर भी धैर्य खोना
बच्चा जो मांगता है उसे वह न मिलने के बाद भी अगर बच्चा नखरें दिखाए
मतलब: मैं इसे चाहता हूं!
कुछ बच्चों में आदत होती है कि वह काम को पूरा होने तक धैर्य नही रखतें। जैसे अगर बच्चे का पसंदीदा खिलौना उनसे दूर कर दिया जाए, तो वह गुस्सा करते हैं। खैर बच्चे अधीर होते हैं। माता-पिता के रूप में उनका धैर्य रखना सीखाना पेरेंट्स का काम है।