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बच्चों को दें सेक्स एज्युकेशन
बच्चों से किसी तरह की झिझक न रखें। उनकी सेक्स एज्युकेशन अनिवार्य तौर पर हो। उन्हें इस बारे में पूरी समझ होनी चाहिए कि उनके साथ होने वाली गतिविधी सही है या नहीं। इसके साथ ही बच्चों को टीचर, बस ड्राइवर, ट्यूशन टीचर व बाहर मिलने वाले सभी लोगों से सतर्क रहने की कहें। इसके लिए आप अपने बच्चे को कुछ डॉक्यूमेंट्री मूवीज भी दिखा सकते हैं जिसके जरिए बच्चों को एजुकेट किया जा सकता है। उन्हें इसे लेकर अवेयर करना बहुत जरूरी है। घर के दूसरे सदस्यों को भी बच्चों से समय-समय पर इस पर बात करते रहना चाहिए।
पेरेंट्स को बच्चों के बिहेवियर पर नजर रखनी चाहिए
अगर बच्चे के बिहेवियर में अचानक बदलाव आ रहा है जैसे अगर बच्चा एक्टिव था और अचानक गुमसुम रहने लग जाए या फिर बच्चे के स्कूल में नंबर कम आने लग जाए तो इसका कारण जानने की कोशिश करें। क्योंकि ज्यादातर बच्चे जो चाइल्ड एब्यूज का शिकार होते हैं वह कभी खुद से कुछ नहीं बताते। आपको खुद उन पर ध्यान देना होगा। हमेशा बच्चों में इतना विश्वास जगाएं कि वह बिना डरे हर बात आपसे आकर शेयर करें। अगर स्कूल में उसकी बहुत ज्यादा पिटाई हो रही है तो इसके खिलाफ एक्शन लें। बच्चे के बदलते बिहेवियर को वक्त रहते काउंसलिंग कराके ठीक किया जा सकता है।
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इसके अलावा चाइल्ड एब्यूज से बच्चे को निम्न तरीकों से उबार सकते हैं :
- बच्चे के साथ क्या हुआ था, उससे उबरने में उसकी मदद करें। उसके साथ हुए शोषण के बारे में उससे बात की जाए और उसे प्रोत्साहित किए जाए।
- बच्चे की हर बात को ध्यान से सुने और उसे गंभीरता से परखें।
- समय-समय पर बच्चे से उसके जीवन में होने वाली घटनाओं के बारे में बात करें। संभव हो तो हर दिन बच्चे के साथ थोड़ा समय बिताएं और उससे उसके निजी जीवन में हो रही घटनाओं के बारे में बात करें।
- बच्चे को याद दिलाएं कि वह दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार नहीं है। जिसने भी उसके साथ शोषण किया है, वही व्यक्ति बाल दुर्व्यवहार के लिए पूर्ण तौर पर जिम्मेदार होता है।
- घर में बच्चे को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करें।
- बच्चे के साथ हुए शोषण की जानकारी पुलिस को दें। किसी स्थानीय बाल सुरक्षा एजेंसी या पुलिस विभाग से संपर्क करें। अधिकारी रिपोर्ट की जांच करेंगे और अगर जरूरी हो, तो बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं।
बच्चे के यौन शोषण होने के बारे में मालूम होने पर कैसे करें पेरेंट्स रिएक्ट?
सबसे पहले आप अपने आप को इतना स्ट्रांग बनाएं कि आप आराम से बच्चे की पूरी बात सुन सकें। अपने बच्चे पर पूरा भरोसा रखें कि वह आपसे झूठ नहीं बोलेगा। उसे यकीन दिलाएं कि उसने आपसे ये बात शेयर करके बहुत अच्छा किया। बच्चे से पूरी बात जानें और इसके बाद अपने बच्चे से इसे लेकर माफी मांगे कि उसके साथ ऐसा हुआ। इसके बाद कोई ठोस कदम उठाएं।
बच्चों को इस बात से वाकिफ करें कि जरूरी नहीं कि कोई आपसे बड़ा है तो उसको रिसपेक्ट करो। अगर किसी का व्यवहार आपके साथ ठीक नहीं है तो उसका आदर ना करें। फिर चाहे उनकी उम्र कितनी भी क्यों न हो। ऐसे लोगों की रिसपेक्ट की बजाय शिकायत करनी चाहिए।