बैलेंस डायट का कोई पर्याय नहीं है, मगर उम्र बढ़ने के बाद कई कारणों से विटामिन सप्लिमेंट्स की जरूरत होती है। इसलिए बुजुर्गों को डॉक्टर कई तरह के सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं। बुजुर्गों को इन कारणों से सप्लीमेंट्स की आवश्यकता पड़ती हैः
- भूख न लगना
- खाना ठीक से नहीं चबा पाना
- हेल्दी फूड नहीं खाना
इसके अलावा कोई स्वास्थ्य समस्या जैसे ऑस्टियोपोरोसिस होने पर कैल्शियम सप्लीमेंट्स दिया जा सकता है, क्योंकि भोजन से मिलने वाला कैल्शियम पर्याप्त नहीं होता। मगर सप्लीमेंट्स को चॉकलेट की तरह अधिक खाने की गलती न करें। हमेशा डॉक्टर के बताए अनुसार ही इसका सेवन करें। बुजुर्गों के अलावा इन लोगो को भी विटामिन सप्लिमेंट्स की आवश्यकता होती हैः
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विटामिन सप्लिमेंट्स से बेहतर हैं भोजन से मिलने वाले विटामिन
शोधकर्ताओं के मुताबिक, भोजन से मिलने वाले अधिकांश विटामिन और मिनरल्स की गोलियों से बेहतर होते हैं। भले ही विटामिन सप्लिमेंट्स में केमिकल प्रक्रिया के तहत वही तत्व डाले जाते है जो नेैचुरल विटामिन में होता है, लेकिन फिर भी यह उतने असरदार नहीं होते। इस मामले में फॉलेट एक अपवाद है क्योंकि इसका सप्लीमेंट फूड सोर्स की तुलना में शरीर द्वारा आसानी से एब्जॉर्व कर लिया जाता है। भोजन में विटामिन, मिनरल्स और फाइटोकेमिकल्स सब एक साथ होते हैं जो साथ का करते हैं, जबकि सप्लिमेंट्सअलग-अलग चीजों के लिए होता है और वह अलग-अलग काम करते हैं जिससे ज्यादा प्रभावशाली नहीं होते हैं।
विटामिन सप्लिमेंट्स क्या परमानेंट उपाय नहीं है?
विटामिन सप्लिमेंट्स को लंबे समय के उपाय के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, कुछ दिनों तक सप्लिमेंट्स लेने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन लंबे समय तक इनका सेवन करने पर टॉक्सिसिटी के लक्षण दिख सकते हैं। जब भी आपको महसूस हो कि आपमें किसी खास तरह के विटामिन और मिनरल्स की कमी हो रही है तो अपना डायट और लाइफस्टाइल चेंज करें, न कि तुरंत विटामिन सप्लीमेंट लेना शुरू कर दें।
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