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मसल ग्रोथ के लिए व्हे प्रोटीन (Whey Protein for Muscle Growth)
नैशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नॉलॉजी इन्फ़र्मेशन में छपी एक स्टडी के मुताबिक शुरुआती समय में प्रोटीन के इंटेक से भले ही व्यक्ति के लीन मास में फर्क़ नजर ना आए, लेकिन समय के साथ जब ट्रेंड या अंतरेंद व्यक्ति अपनी रेसिसटेंस ट्रेनिंग को बढ़ाते हुए प्रोटीन सप्लिमेंट लेते हैं, तो उनकी मसल हायपरट्रोफी में इज़ाफ़ा और मसल स्ट्रेंथ में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। साथ प्रोटीन सप्लिमेंट आपके एरोबिक और एनरोबिक पावर को भी बढ़ा सकता है। इसे आसान शब्दों में समझें तो –
मसल यानी मांसपेशियों की ग्रोथ समय के साथ ही कम होने लगती हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही मसल्स कम होने से शरीर में कमजोरी का एहसास हो सकता है। इस कारण के चलते फैट गेन होता है और साथ ही क्रॉनिक डिजीज का खतरा भी बढ़ने लगता है। अगर डायट के साथ ही एक्सरसाइज पर ध्यान दिया जाए, तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान हाय प्रोटीन की डोज लेने से सकारात्मक परिणाम दिखाई पड़ सकते हैं। व्हे प्रोटीन में अमीनो एसिड की रिच चेन ल्यूसिन (leucine) पाई जाती है। ल्यूसिन ग्रोथ प्रमोटिंग अमीनो एसिड है। एज रिलेटेड मसल लॉस को रोकने के लिए व्हे प्रोटीन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये बॉडी स्ट्रेंथ को मेंटेन रखता है और शरीर को तंदरुस्त भी बनाता है। व्हे प्रोटीन के हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह ली जा सकती है।
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इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज से राहत (Inflammatory Bowel Disease)
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज क्रॉनिक कंडिशन है, जिसके कारण डायजेस्टिव ट्रैक में क्रॉनिक इंफ्लामेशन की समस्या होती है। इसे अल्सरेटिव कोलाइटिस भी कहते हैं। व्हे प्रोटीन का सेवन करने से इंफ्लामेट्री बाउल डिजीज से राहत मिल सकती है। इस विषय में अभी भी अधिक रिचर्स की जरूरत है। आप चाहे तो इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सूजन कम करने में मदद करता है व्हे प्रोटीन
नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक इस्केमिक स्ट्रोक (आइएस – IS) से ग्रसित व्यक्तियों पर की गई एक स्टडी में पाया गया कि इन मरीज़ों द्वारा व्हे प्रोटीन का इस्तेमाल करने पर उन्हें सूजन की समस्या से छुटकारा मिला। साथ ही इस मरीज़ों को इस्केमिक स्ट्रोक के कारण होनेवाली अन्य समस्याओं से भी लम्बे समय तक आराम मिल पाया। हालांकि इस स्टडी में कहा गया कि इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों पर आज़माने की जरूरत होगी, जिससे एक बेहतर रिज़ल्ट मिल सके।
सूजन शरीर के किसी पार्ट में डैमेज होने पर प्रतिक्रिया का परिणाम है। अगर सूजन कम समय के लिए है, तो चिंता की बात नहीं होती है, लेकिन क्रॉनिक इंफ्लामेशन शरीर को हानि पहुंचा सकता है। व्हे प्रोटीन सप्लिमेंट लेने पर शरीर की सूजन कम हो सकती है। व्हे प्रोटीन सी-रिएक्टिव प्रोटीन को कम करता है और सूजन को कम कर सकता है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
नहीं लगती है बार-बार भूख
भूख का एहसास होने पर हम खाना खाते हैं। अगर हमें दिन में कई बार भूख लगेगी, तो कई बार खाना पड़ेगा। इस कारण से हमारा वजन बढ़ेगा। लेकिन अगर खाने के क्रेविंग को दबा दिया जाए, तो भूख का एहसास बार-बार नहीं होता है। कुछ फूड खाने के बाद देर तक भूख का एहसास नहीं होता है। इन्हीं में से एक है व्हे प्रोटीन। प्रोटीन का सेवन करने से देर तक पेट भरा हुआ महसूस हो सकता है। कैसिइन और सोया (Casein and soya) प्रोटीन का सेवन करने से ज्यादा भूख नहीं लगती है। ऐसा करने से वजन भी कम हो सकता है।
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व्हे प्रोटीन के ये हैं कुछ और फ़ायदे
व्हे प्रोटीन के कुछ खास फ़ायदे बताते हुए न्यूट्रीशनिस्ट, डायटिशियन और फ़िटनेस एक्स्पर्ट मनीषा चोपड़ा ने बताया, “व्हे प्रोटीन हमारे शरीर को कई तरह से फ़ायदा पहुंचा सकता है। व्हे प्रोटीन –
- आपका ब्लड प्रेशर को कम करता है
- आपकी मसल ग्रोथ को बढ़ाता है
- शरीर में आइ सूजन को कम करता है
- टाइप 2 डायबिटीज़ के इलाज के दौरान सहायता करता है
- ये आपकी भूख को कम करते हुए पेट लम्बे समय तक भरा रखता है
- ये आपके कॉलेस्ट्रोल को कम करता है
ये सभी फ़ायदे आपको व्हे प्रोटीन के सेवन से मिल सकते हैं।” व्हे प्रोटीन अपने आप में एक ऐसा पदार्थ है, जो आपके शरीर का न सिर्फ़ ध्यान रखता है, बल्कि आपको कई समस्याओं से बचने में मदद भी करता है।
व्हे प्रोटीन (Whey Protein) लेने के साथ ध्यान रखें ये बातें!

जो चीज शरीर को लाभ पहुंचा सकती है, गलत मात्रा में या फिर सही तरह से इस्तेमाल न करने पर शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकती है। व्हे प्रोटीन वैसे तो सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ रिसर्च में ये बात सामने आई है कि प्रोटीन का ग़लत मात्रा में इस्तेमाल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिस्कम्फर्ट (Gastrointestinal discomfort) का कारण भी बन सकता है। व्हे प्रोटीन की एक दिन में 25-50 ग्राम ( करीब एक से दो स्कूप्स) डोज लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन आपको पैंकिंग में लिखे निर्देशों के साथ ही एक बार एक्सपर्ट से भी जानकारी ले लेनी चाहिए। एक बात का ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में लिया गया प्रोटीन आपको फायदा नहीं पहुंचाएगा, क्योंकि शरीर एक समय में निश्तित मात्रा में प्रोटीन का इस्तेमाल करता है। अगर आप शरीर की जरूरत से ज्यादा मात्रा में प्रोटीन लेंगे, तो डायजेस्टिव प्रॉब्लम जैसे कि ब्लोटिंग, डायरिया, क्रैम्पिंग या जी मिचलाने जैसी समस्या भी हो सकती हैं। अगर आपको लैक्टोज इंटोलेरेंस, लिवर प्रॉब्लम या फिर किडनी की समस्या है, तो व्हे प्रोटीन लेने से पहले एक बार डॉक्टर से राय जरूर लें। आपको एज के अनुसार व्हे प्रोटीन कितनी मात्रा में लेना चाहिए, इस बारे में एक्सपर्ट से जानकारी जरूर लें।
खानपान में सुधार आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। अगर आप व्हे प्रोटीन सप्लिमेंट लेने जा रहे हैं, तो बेहतर होगा कि डॉक्टर या फिर एक्सपर्ट से इस बारे में अधिक जानकारी जरूर प्राप्त कर लें। अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, तो डॉक्टर को इस संबंध में जानकारी जरूर दें। बताए गए डोज का सेवन करें। अगर आपको डोज की अधिक मात्रा लेने पर कोई भी साइड इफेक्ट नजर आ रहे हो, तो तुरंत डॉक्टर को बताएं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से व्हे प्रोटीन के हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।