परिभाषा
अटैक्सिया (Ataxia) क्या है?
अटैक्सिया (Ataxia) क्या है?
अटैक्सिया ऐसी बीमारी है जिसमे इंसान चाहते हुए भी किसी काम करने में सक्षम नहीं होता है। ये स्थिति मांसपेशियों में नियत्रंण न होने की वजह से उत्पन्न होती है। चलना, स्पष्ट रूप से बोलना, निगलना, लिखना, पढ़ना, और अन्य गतिविधियों को करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ये समस्या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में दिक्कत या फिर किसी वजह से नुकसान पहुंचने से होती है। मोटर कंट्रोल न होने के कारण आदमी अपने वश में नहीं रहता है और चाहते हुए भी काम नहीं कर पाता है। आर्थोपेडिक चोटों के कारण भी अटैक्सिया गठिया या मांसपेशियों के चोट से दर्द की समस्या हो सकती है।
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कितना आम है अटैक्सया ?
अटैक्सिया बढ़ती उम्र में होने वाली समस्या है लेकिन, ऐसी स्थिति में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
अटैक्सिया के सामान्य लक्षण
हो सकता है कि ऊपर कुछ लक्षणों के बारे में नहीं बताया गया हो। यदि आपको उपरोक्त कोई लक्षण दिखाई दें तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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अगर आपको ये लक्षण दिखाई दें..
नर्वस सिस्टम में असामान्यता के कारण अटैक्सिया की समस्या हो जाती है। इस बीमारी में सेंट्रल नर्वस सिस्टम (ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड) और पेरीफेरल नर्वस सिस्टम (रूट और तंत्रिकाएं जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को मांसपेशियों, त्वचा और बाहरी दुनिया से जोड़ती हैं) भी प्रभावित होता है। सेरिबैलम(cerebellum) की शिथिलता के कारण पेशेंट को चलने और किसी भी चीज के साथ कॉर्डिनेट करने में समस्या होती है।
सेरिबैलम राउंडेड स्ट्रक्चर होता है जो कि ब्रेनस्टेम के सेंट्रल पोर्शन में जुड़ा होता है। सेरिबैलम का बाहरी भाग अनगिनत नर्व सेल्स से घिरा रहता है। इसे सेरबेलर कॉर्टेक्स (cerebellar cortex) कहते है। कॉर्टेक्स तीन लेयर का न्यूरॉन्स सेट है। ये एक-दूसरे से इंटरकनेक्टेड रहता है और एक उच्च नियमित ज्यामितीय संगठन बनाता है। सेंसरी अटैक्सिया में पैरों कि प्रतिक्रया के बारे में मालूम नहीं पड़ता है। जब सेंसरी अटैक्सया की समस्या होती है रोगी को नहीं पता चल पाता है कि उसका पैर जमीन को छू भी रहा है या नहीं।
सेरबेलर कॉर्टेक्स( cerebellar cortex) बॉडी के ज्यादातर हिस्सों और ब्रेन के दूसरे रीजन से जानकारी लेता है। फिर मस्तिष्क के बाकी हिस्सों को वापस संकेत भेजता है जो अच्छी तरह से कॉर्डिनेशन का काम करते हैं। अस्थिर चाल से तंत्रिका तंत्र या शरीर के विभिन्न हिस्सों में समस्याएं हो सकती हैं। सेरेबेलर शिथिलता के कारण मनुष्य चलने के दौरान अधिक डगमगाता है। देखने में प्रतीत होता है कि उसने शराब पी है। शराब सेरिबैलम में मुख्य तंत्रिका कोशिकाओं को प्रभावित करती है। एल्कोहाॅल का अधिक सेवन करने से सेरिबैलम में न्यूरॉन्स का पतन हो सकता है।
अटैक्सिया (Ataxia) का रिस्क कैसे बढ़ सकता है ?
अटैक्सिया का खतरा निम्नलिखित कारणों से बढ़ सकता है। जैसे-
इन बीमारियों के कारण अटैक्सिया का खतरा बढ़ जाता है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
प्रदान की गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
अटैक्सिया (Ataxia) का निदान कैसे किया जाता है?
यदि आपको अटैक्सिया है तो आपने डॉक्टर से संपर्क कर उपचार कराए। एक फिजिकल टेस्ट और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट के बाद डॉक्टर आपकी मेमोरी, अटेंशन, सुनने की क्षमता, बैलेंस, कॉर्डिनेशन आदि चेक करेगा। साथ ही कुछ परीक्षण करेगा जैसे कि
इमेजिन स्टडीज (Imaging studies)– आपके मस्तिष्क का सीटी स्कैन संभावित कारणों को के बारे में पता लगाने में मदद करता है। एक एमआरआई कभी-कभी अटैक्सिया वाले लोगों में सेरिबैलम और अन्य मस्तिष्क संरचनाओं की बिगड़ा हुई स्थिति को दिखा सकता है। साथ ही रक्त का थक्का या ट्यूमर के बारे में जानकारी भी मिल जाती है। ट्यूमर आपके सेरिबैलम पर दबाव डाल सकता है।
स्पाइनल टैप – मस्तिष्कमेरु से तरल पदार्थ का एक नमूना निकालने के लिए पीठ के निचले हिस्से में एक सुई डाली जाती है। ये तरल पदार्थ आपके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में होता है, इसे परीक्षण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
आनुवंशिक परीक्षण– आपका डॉक्टर यह जानने के लिए आनुवंशिक परीक्षण के लिए कह सकता है कि कहीं आपके या आपके बच्चे में जीन उत्परिवर्तन तो इस बीमारी का कारण तो नहीं है।
अटैक्सिया के लिए कोई उपचार नहीं है। कुछ मामलों में उन दवाओं को रोक दिया जाता है जो इसका कारण बनती है। कुछ मामलों में अटैक्सया चिकनपॉक्स या अन्य वायरल संक्रमण के परिणामस्वरूप होता है। ये अपने आप ठीक भी हो जाता है। आपका चिकित्सक कुछ समस्याएं जैसे दर्द, थकान या चक्कर आना आदि मामलों में उपचार कर सकता है।
एडेप्टिव डिवासेस (Adaptive devices)
मल्टीपल स्केलेरोसिस या सेरेब्रल पाल्सी जैसी स्थितियों के कारण अटैक्सिया का इलाज नहीं हो पाता है। उस स्थिति में,
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अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।यदि आपका कोई प्रश्न हैं, तो बेहतर समाधान के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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