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Brain tumor: ब्रेन ट्यूमर क्या है?


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/11/2021

Brain tumor: ब्रेन ट्यूमर क्या है?

परिभाषा

ब्रेन ट्यूमर क्या है ?

ब्रेन ट्यूमर असामान्य कोशिकाओं के बढ़ने की वजह से होता है। जो प्रायः ब्रेन (मस्तिष्क) के सामान्य कार्यों को बाधित करता है।

ट्यूमर भी अलग-अलग तरह के होते हैं और साथ ही यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि ट्यूमर सेल कहां पर है, और क्या वह कैंसर कारक है या नहीं:

  • बिनाइन (सौम्य): यह गैर-कैंसरस प्रकार सबसे कम आक्रामक है। इसमें कैंसर के सेल नहीं होते हैं। यह दिमाग के अंदर या पास की कोशिकाओं से उत्पन्न होता है। नॉन कैंसरस ट्यूमर तेजी से नहीं फैलने के साथ-साथ यह तेजी से बढ़ता भी नहीं है।
  • मलिग्नन्ट (घातक): मलिग्नन्ट कैंसर संभवतः घातक हो सकता है। मलिग्नन्ट कैंसर आमतौर पर बिनाइन ट्यूमर की तुलना में तेजी से बढ़ते हैं जिसका असर आसपास के टिश्यु पर भी पड़ने लगता है, जैसे सेंट्रल नर्वस सिस्टम (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र) और ब्रेन के अन्य हिस्सों पर भी इसका असर पड़ता है।
  • प्राथमिक: यह मस्तिष्क की कोशिकाओं में शुरू होने वाले ट्यूमर को परिभाषित करता है। प्राथमिक ट्यूमर शायद ही कभी अन्य हिस्सों में होते हैं, लेकिन मस्तिष्क और रीढ़ के अन्य भागों में यह फैल सकता है।
  • मेटास्टैटिक: यह अन्य ट्यूमर के रूप में भी जाना जाता है। ट्यूमर वास्तव में शरीर के अन्य हिस्सों से निकलकर मस्तिष्क में फैल सकता है।

ब्रेन ट्यूमर कितना सामान्य है ?

स्वास्थ से जुड़ी ऐसी परेशानी किसी भी उम्र में हो सकती है। लक्षणों और कारणों को समझकर इसे कम किया जा सकता है। बेहतर होगा की इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

और पढ़ें: Oral Cancer: ओरल कैंसर (माउथ कैंसर)

लक्षण

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण क्या हो सकते हैं ?

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ट्यूमर के प्रकार, शरीर के किस हिस्से में है और इसके आकार पर बहुत निर्भर करता है।

मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों का शरीर के विभिन्न हिस्सों पर नियंत्रण होता है; यह भी निर्भर करता है कि ट्यूमर शरीर के कौन से हिस्से में है।

जहां ट्यूमर रहते हैं, उसके आधार पर लक्षण भिन्न हो सकते हैं।

कुछ ट्यूमर लक्षणों को दर्शा सकते हैं जो समय के साथ विकसित होते हैं, हालांकि अन्य तब तक कोई लक्षण नहीं दिखा सकते हैं जब तक कि वे बहुत बड़े न हो जाएं और हमें परेशानी महसूस न हो।

ब्रेन ट्यूमर के कुछ सामान्य लक्षण:

  • दौरे आने की परेशानी या फिर दौरे की परेशानी न हो
  • अलग-अलग तरह से सिर दर्द होना
  • मतली या उल्टी आना
  • देखने की समस्या या धुंधला दिखाई देना
  • सुनने में परेशानी होना
  • बोलने में परेशानी महसूस होना
  • तालमेल न करपाना
  • हांथ या पैरों का सुन्न होना
  •  याददाश्त कम होना
  • एकाग्रता (कॉन्सन्ट्रेशन) नहीं कर पाना
  •  स्वभाव में बदलाव आना

ऐसे भी कुछ कारण हो सकते हैं जो ऊपर नहीं बताए गए हैं। अगर आपको लक्षण से जुड़ी कोई भी परेशानी है तो डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।

हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए ?

अगर आपको भी उपरोक्त में से कोई लक्षण नजर आ रहे हैं या कोई और प्रश्न हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से कार्य करता है इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर से समझना ठीक होगा की आपकी सेहत के लिए क्या अच्छा है।

कारण

ब्रेन ट्यूमर का कारण क्या है ?

ब्रेन ट्यूमर के दो कारण

  • प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर: इस प्रकार का ट्यूमर ब्रेन में या ब्रेन के आसपास के टिश्यू में या ब्रेन के आस-पास के टिश्यु में होता है, जैसे कि मेनिनजेस (मस्तिष्क को कवर करने वाली झिल्ली), क्रेनियल नर्वस, पिट्यूटरी ग्लैंड या पीनियल ग्लैंड। प्राथमिक मस्तिष्क ट्यूमर सेल्स के डीएनए में बदलाव के साथ शुरू होता है। ये म्यूटेशन डीएनए के निर्माण में समस्या शुरू कर सकता है, जो सेल्स को बढ़ने देगा और तेजी से अलग भी करती है। हालांकि, यह पोषक तत्वों को प्राप्त करते हुए स्वस्थ रहती हैं और अन्य हेल्दी सेल्स को खत्म या कमजोर करती है। इससे असामान्य सेल्स के कारण होता है ट्यूमर।
  • मेटास्टैटिक (द्वितीयक) ब्रेन ट्यूमर: इस प्रकार का ट्यूमर शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है, और मस्तिष्क में फैलने (मेटास्टेसाइजिंग) के साथ शुरू होता है। माध्यमिक ब्रेन ट्यूमर प्राथमिक ट्यूमर की तुलना में सामान्य है।

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जोखिम के कारण

किन कारणों से बढ़ता है ब्रेन ट्यूमर ?

ब्रेन ट्यूमर होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे,

  • उम्र: उम्र के साथ ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है। बुजुर्गों में ब्रेन ट्यूमर अधिक सामान्य है। हालांकि, यह स्थिति किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है, और विशेष रूप से बच्चों में कुछ प्रकार के ब्रेन ट्यूमर होते हैं।
  • रेडिएशन के कारण: कई प्रकार के रेडिएशन होते हैं। आयोनाइजिंग रेडिएशन (ionizing radiation) के संपर्क में आने वाले लोगों को ब्रेन ट्यूमर का खतरा अधिक होता है। आयोनाइजिंग रेडिएशन के कुछ उदाहरणों में कैंसर उपचार के लिए भी रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं रेडियो फ्रीक्वन्सी रेडिएशन मोबाइल फोन और माइक्रोवेव जैसे उपकरणों के इस्तेमाल के वजहों से भी ब्रेन ट्यूमर हो सकता है।
  • परिवार में किसी को ब्रेन ट्यूमर होने की वजह से भी ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है।

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निदान और उपचार

दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

“इस बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंड की फिजिशियन एंड इंफेक्शन डिजीज स्पेशलिस्ट डा. अनीता मैथवे का कहना है कि मोबाइल के इस्तेमाल से ब्रेन टयूमर का खतरा (Brain Tumor Risk) बढ़ जाता है। मोबाइल से निकलने वाली तरंगे सीधी दिमाग को प्रभावित करती हैं। मोबाइल से कैंसर का खतरा और अधिक तब बढ़ जाता है, जब हम उसे अपने सिर से पास रखकर सोते हैं। जब शरीर के किसी भी अंग में आसामन्य कोशिकाओं का एक जगह निमार्ण होने लगता है, तो इसे ट्यूमर कहा जाता है। ये आसामन्य कोशिकाएं जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में उत्पन्न होने लगते हैं, तो इस स्थिति को ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। लेकिन सभी ब्रेन टयूमर कैंसर का रूप हो, यह नहीं कहा जा सकता है। कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर वाले और कुछ बिना कैंसर (Cancer) वाले हो सकते हैं। इनके होने पर व्यक्ति में ब्रेन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेन कैंसर यदि लास्ट स्टेज में पहुच जाए तो इलाज और जान बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है। अक्सर इसक पता लोगों को आखरी स्टेज पर ही जाकर पता है चलता है। ऐसा नहीं है कि इसके कुछ शुरूआती लक्षण नहीं है। लक्षण होते है, पर लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं।’

ब्रेन ट्यूमर का निदान कैसे किया जा सकता है?

यदि आपको संदेह है कि आपको ब्रेन ट्यूमर हो सकता है, तो आपको हेल्थ एक्सपर्ट से मिलकर अपने लक्षणों और ब्रेन ट्यूमर से जुड़ी पारिवारिक हिस्ट्री के बारे में जरूर बातएं। ऐसे में आपको कुछ जांच करवाने की सलाह दी जा सकती है, जिसमें शामिल हैं:

  • न्यूरोलॉजिकल परीक्षा: यह आपकी देखने, सुनने, संतुलन, समन्वय, शक्ति और सजगता की जांच करने के लिए एक शारीरिक जांच की जा सकती है। शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली परेशानी जिससे मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है, इसकी जानकारी आसानी से हासिल की जा सकती है।
  • इमेजिंग अध्ययन: मैग्नेटिक रिसोनेन्स इमेजिंग (MRI) या सीटी स्कैन के मदद से ब्रेन की संपूर्ण जानकारी मिल सकती है। अन्य दृष्टिकोण जैसे एंजियोग्राम या एमआरए, जिसमें मस्तिष्क में ब्लड वेसल्स की डाई और एक्स-रे का उपयोग शामिल है, डॉक्टरों को ट्यूमर या असामान्य ब्लड वेसेल्स की जानकारी मिल सकती है।
  • बायोप्सी: बायोप्सी की मदद से कैंसर का पता आसानी से लगाया जा सकता है। इसमें ब्रेन के टिश्यु से जांच कर आसानी से बीमारी की स्थिति जानी और समझी जा सकती है।

ब्रेन ट्यूमर का इलाज कैसे किया जाता है ?

  • ब्रेन ट्यूमर का इलाज कई कारणों पर निर्भर करता है, जैसे:
  • आपकी उम्र, संपूर्ण सेहत और मेडिकल हिस्ट्री
  • ट्यूमर की तरह का और उसका आकर कैसा है
  • ट्यूमर कितनी तेजी से फैल रहा है
  • खास दवाओं, इलाज और आपकी सेहत
  • विशिष्ट दवाओं, प्रक्रियाओं, या उपचारों के लिए आपकी सहिष्णुता

अक्सर, लो-ग्रेड ट्यूमर (ग्रेड I और II), जो आक्रामक नहीं होते हैं, सर्जरी और नियमित निगरानी के उपचार से गुजरते हैं। हालांकि, सभी ट्यूमर को नियमित स्कैन के साथ बारीकी से देखा जा सकता है, ग्रेड II ट्यूमर सर्जरी के बाद भी ध्यान रखा जाता है कि फिर से ट्यूमर न हो।

हालांकि, हाई ग्रेड के ट्यूमर (ग्रेड III और IV), घातक होते हैं और बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं। उन्हें निकालना बेहद मुश्किल है और बार-बार सर्जरी की आवश्यकता होती है।

ट्यूमर के फिर से होने की संभावना अधिक रहती है। उच्च श्रेणी के ट्यूमर के लिए अतिरिक्त उपचार के विकल्पों में शामिल हैं:

रेडिएशन थेरेपी : एक्स-रे और दूसरे रेडिएशन के रूप में ट्यूमर के विकास को धीमा कर सकते हैं या ट्यूमर सेल को नष्ट कर सकते हैं।

कीमोथेरेपी : इस थेरेपी की मदद से कैंसरस सेल्स को नष्ट करने में आसानी होती है।

टार्गेटेड थेरेपी : यह थेरेपी काफी असरदार और कम साइडएफेक्ट वाला माना जाता है।

ट्यूमर ट्रीटिंग फील्ड : इस इलाज में शरीर पर वस्त्र जैसे एकुप्मेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है। बिजली की मदद से इसे चलाया जाता है जिस वजह से कैंसर सेल को आसानी से खत्म किया जा सकता है।

सभी ब्रेन ट्यूमर के डॉक्टरों के साथ बात कर बीमारी से जुड़ी परेशानी और इसे कैसे दूर किया जाए यह समझना बेहद जरुरी होता है। निम्नलिखित उपचार में दीर्घकालिक प्रबंधन योजना शामिल हो सकती है:

  • डॉक्टर से लगातार संपर्क में रहना।
  • रिहेबिटेशन: फिजिकल थेरेपी, स्पीच थेरिपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी
  • मददगार स्वभाव/दर्द कम करने वाली दवाइयां

और पढ़ें: कैंसर रिस्क को देखते हुए जेनेरिक जैंटैक पर प्रतिबंध

जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार

कुछ जीवनशैली में बदलाव या घरेलू उपचार क्या हैं जो मुझे ब्रेन ट्यूमर का प्रबंधन करने में मदद कर सकते हैं?

निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको ब्रेन ट्यूमर से निपटने में मदद कर सकते हैं:

  • स्वस्थ मानसिकता: सकारात्मक दिमाग रखें। तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। वैसे चीजें करें जिससे आपको अच्छा महसूस हो और एक स्वस्थ जीवन शैली रखते हैं।
  • स्वस्थ आहार: फल और सब्जी, मांस, और कम फैट वाले उत्पादों के साथ स्वस्थ आहार का विकल्प चुनने की कोशिश करें। अगर शराब और ध्रूमपान करने की आदत है, तो जितनी जल्दी हो सके इसे छोड़ दें।
  • एक्सरसाइज: नियमित व्यायाम आपके शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों में आपकी मदद कर सकता है। अधिक व्यायाम करने की कोशिश करें। ध्यान रखें कि व्यायाम के दौरान थकान और थकान महसूस होना सामान्य है। आप अपने व्यायाम की तीव्रता को कम करने और कम शुरू करने की कोशिश कर सकते हैं। इससे स्वस्थ रहने में सहयता हो सकती है।

अगर आपके मन में इस बीमारी से जुड़ी किसी तरह के कोई सवाल हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/11/2021

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